मुंबई : केंद्र सरकार की ओर से 2016 में शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पांच वर्ष पूरे हो चुके हैं. इसमें किसान के हिस्से के अतिरिक्त प्रीमियम का खर्च राज्यों और भारत सरकार द्वारा समान रूप से सहायता के रूप में दिया जाता है.
महाराष्ट्र के कृषि राज्य मंत्री दादा भुसे का कहना है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रदेश के 85 लाख किसानों ने भाग लिया है. इसमें से 34 लाख किसानों ने फसल बीमा कंपनियों को फसल के नुकसान की जानकारी दी है. इसने 50 प्रतिशत पंचनामा किया गया है. पहली किश्त राज्य सरकार को देनी है, जिसमें से 973 करोड़ रुपये राज्य ने केंद्र को भेज दिए हैं.
यह पूछे जाने पर कि सूचना के लिए क्या प्रणाली है. कई किसान ऑनलाइन सुविधा का उपयोग करने में असमर्थ हैं, क्या उनके लिए कोई और व्यवस्था की गई है..? भुसे का कहना है कि जो किसान ऑनलाइन नहीं जा सकते उनके लिए ऑफलाइन की व्यवस्था की गई है. तालुका कृषि अधिकारी, तहसीलदार और बैंक के माध्यम से इन्हें सूचना दी जाती है, बीमा का भुगतान किया जाता है.
फर्जी बीज मामले में कंपनियों पर कार्रवाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार शिकायतों में कमी आई है. पिछले साल सोयाबीन के बीज को लेकर एक लाख से ज्यादा शिकायतें आईं थी, इस बार केवल 47 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. उन्होंने कहा कि नकली बीज पाए जाने पर किसान स्थानीय कृषि अधिकारी के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
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