मुंबई: एक अजीबोगरीब घटनाक्रम में, महाराष्ट्र सरकार ने वसंतराव नायक शेती स्वावलंबन मिशन (वीएनएसएसएम) के अध्यक्ष और शिवसेना नेता किशोर तिवारी को बर्खास्त कर दिया है. किशोर तिवारी ने पिछले सप्ताह आत्महत्या (pune farmer suicide) करने वाले किसान के परिवार से मिलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया था. महाराष्ट्र सरकार ने किशोर तिवारी को बर्खास्त करने की घोषणा सोमवार देर शाम की. बताया जा रहा है कि तिवारी ने मोदी को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने बताया था कि कैसे पुणे के एक कर्ज में डूबे किसान ने 17 सितंबर को पीएम को 'हैप्पी बर्थडे' की शुभकामनाएं दीं. फिर तालाब में कूद गया जिससे उसकी मौत हो गई.
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मृतक किसान दशरथ एल. केदारी ने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा था. जिसमें उसने पीएम को जन्मदिन की बधाई दी थी और कर्ज और अन्य मुद्दों के कारण अपनी दुर्दशा बयां की थी. कांग्रेस के नाना पटोले, शिवसेना की डॉ. मनीषा कायंडे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महेश तापसे जैसे विपक्षी महा विकास अघाड़ी नेताओं ने इसको लेकर राज्य और केंद्र के खिलाफ तीखा हमला बोला. तिवारी ने पीएम से किसान के परिवार से मिलने का आग्रह किया था. साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को उनकी आगामी पुणे यात्रा के दौरान यहां आने का निमंत्रण भेजा था.
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एक अधिकारी संजय ए धारूरकर द्वारा सोमवार को जारी एक संक्षिप्त अधिसूचना में, राज्य सरकार ने कहा कि तिवारी की नियुक्ति को रद्द कर दिया गया है. बता दें कि किशोर तिवारी 2015 में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार बनने के बाद से ही वीएनएसएसएम का नेतृत्व कर रहे थे. धारूरकर के आदेश में फैसले का कोई कारण नहीं बताया गया है. अमरावती के संभागीय आयुक्त को अगले आदेश तक वीएनएसएसएम का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया गया है.