चित्रदुर्ग: कर्नाटक के चित्रदुर्ग मुरुगराजेंद्र बृहन मठ के महंत शिवमूर्ति शरण को गुरुवार को यहां जेल से रिहा कर दिया गया, जो पॉक्सो कानून के तहत आरोपों में पिछले साल सितंबर से हिरासत में थे. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने उन्हें आठ नवंबर को जमानत दे दी. चित्रदुर्ग के द्वितीय अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय ने बुधवार को जिला कारागार के अधिकारियों को निर्देश दिया कि उच्च न्यायालय द्वारा तय शर्तों का परीक्षण और दस्तावेजों का सत्यापन कर महंत को रिहा किया जाए.
अधिकारियों ने बताया कि आदेश की प्रति समय पर संबंधित अधिकारियों को नहीं पहुंची, इसलिए महंत को रिहा नहीं किया जा सका था. उन्होंने कहा कि जमानत की शर्तों के अनुसार उन्हें चित्रदुर्ग के बाहर भेजा जाएगा. खबरों के अनुसार वह मठ की दावणगेरे शाखा में रह सकते हैं.
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#WATCH | Karnataka | Shivamurthy Murugha Sharanaru, the pontiff of Murugharajendra Bruhanmutt, Chitradurga, was released today after bail was granted to him in a POCSO case against him pic.twitter.com/Z4xrWLVLGO
— ANI (@ANI) November 16, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) November 16, 2023#WATCH | Karnataka | Shivamurthy Murugha Sharanaru, the pontiff of Murugharajendra Bruhanmutt, Chitradurga, was released today after bail was granted to him in a POCSO case against him pic.twitter.com/Z4xrWLVLGO
— ANI (@ANI) November 16, 2023
महंत ने जेल के बाहर संवाददाताओं से कहा, 'मैं चुप रहूंगा, कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा. मैं आपसे सहयोग का अनुरोध करता हूं. अदालती कार्यवाही चल रही है, मैं इस बारे में कुछ नहीं बोलूंगा. हमारे वकीलों ने आपको सबकुछ बताया होगा, आपको उनका पक्ष प्रकाशित करना चाहिए.'
मैसुरू के एक गैर-सरकारी संगठन ने महंत और चार अन्य के खिलाफ शिकायत दायर कर आरोप लगाया था कि उन्होंने मठ के विद्यालय में पढ़ने वाले और उसके छात्रावास में रहने वाले नाबालिग बच्चों का यौन उत्पीड़न किया.