अयोध्या : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और मुस्लिम धर्म गुरु मौलाना सज्जाद नोमानी ने रो-रोकर अतीक अहमद के लिए दुआ मांगी है. इतना ही नहीं मौलाना नोमानी ने खुदा से इंसाफ भी मांगा है और अतीक अहमद को जन्नत मिले, इसके लिए भी दुआ की है. एक अपराधी के लिए मुस्लिम धर्मगुरु का यह रवैया देखकर अयोध्या के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास ने नाराजगी जाहिर की है. पुजारी राजू दास ने एक वीडियो बयान जारी करते हुए कहा है कि 'यह कैसे धर्मगुरु हैं जो एक अपराधी द्वारा अल्लाह के बंदों की हत्या किए जाने और मुस्लिम समुदाय के लोगों पर ही जुल्म करने वाले अपराधी की मौत पर अफसोस जता रहे हैं और उसे एक शहीद का दर्जा दे रहे हैं.' पुजारी राजू दास ने कहा कि 'ऐसी हरकतों से इन कथित मुस्लिम धर्मगुरुओं को बाज आना चाहिए. किसी भी अपराधी को धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए, बल्कि उसके अच्छे बुरे कार्यों से उसकी पहचान होनी चाहिए.'
पुजारी राजू दास ने कहा कि 'जिस तरह से मौलाना सज्जाद नोमानी ने अतीक अहमद के लिए दुआ की है और उसकी मौत पर आंसू बहाए हैं यह कहीं से शोभा नहीं देता. यह समाज को बांटने वाली हरकत है. मौलाना ने एक ऐसे अपराधी के लिए दुआ की है जिसने मुस्लिम समुदाय के ही न जाने कितने लोगों का कत्ल किया है. मुस्लिम बहनों की इज्जत के लिए खतरा बना रहा है. समाज के लिए खतरा बना रहा है. एक अपराधी को धर्म से जोड़ना कतई सही नहीं है. शायद मौलाना सज्जाद नोमानी अतीक अहमद के द्वारा किए गए जुल्मों को भूल गए हैं, इसीलिए आज उसकी मौत पर आंसू बहा रहे हैं. अतीक अहमद एक अपराधी था, जिससे समाज को खतरा था और उसके अंत पर आंसू बहाना और उसे शहीद का दर्जा देना गलत है. ऐसी हरकतों से बाज आना चाहिए. एक अपराधी को एक आतंकी को इस्लाम से जोड़ना अल्लाह को गाली देना और इस्लाम को गाली देने के बराबर है.'
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