पटना: पूर्व मध्य रेल के दानापुर मंडल के दानापुर रेलवे स्टेशन ((Danapur Railway Station)) पर आईआरसीटीसी के द्वारा मैजिक टी की शुरुआत की गई है. ठंड के मौसम में लोगों को ये मैजिक टी दोगुना मजा (Patna Magic Tea) दे रहा है. लोग चाय पिएंगे और साथ ही साथ कप (Drink Tea And Eat Cup Too) को भी खा जाएंगे.
आपको बता दें कि मैजिक टी में चाय पीने के साथ-साथ मिलने वाले कप को अब कचरे के डिब्बे में फेंकने की जरूरत नहीं पड़ेगी. चाय पीकर स्वाद का आनंद ले कर, इस कप को खा जाना है. इस कप का डिजाइन कुल्हड़ चाय की तरह बनाया गया है. हालांकि इसकी कीमत लोगों को नॉर्मल चाय से ज्यादा चुकानी होगी. मैजिक टी का लुत्फ उठाने के लिए यात्रियों को 25 रुपये देने होंगे.
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दानापुर रेलवे स्टेशन पर मैजिक टी की शुरुआत हो चुकी है. प्लेटफार्म पर होने वाली गंदगी और पर्यावरण सुरक्षा (Less Pollution With Magic Tea) के दृष्टिकोण से इसकी शुरुआत की गई है. इससे रेलवे परिसर भी साफ-सुथरा रहेगा. पहले चाय पीकर लोग कप (प्लास्टिक कप या कुल्हड़) को जहां-तहां फेंक देते थे. लेकिन मैजिक टी ने इस समस्या का अंत कर दिया है. आने वाले दिनों में पूर्व मध्य रेल के पटना जंक्शन के साथ-साथ कई रेलवे स्टेशनों पर मैजिक टी की शुरुआत की जाएगी.
बता दें कि मैजिक टी की सुविधा मुंबई, बेंगलुरु जैसे अन्य महानगरों के बड़े- बड़े रेलवे स्टेशनों पर पहले से ही है. अब बिहार के दानापुर जंक्शन पर इस तरह की सुविधा लोगों के लिए शुरू की गई है. आईआरसीटीसी की दुकान फुड ट्रैक पर उपलब्ध है. हालांकि मिली जानकारी के अनुसार मैजिक टी कप बाहर से मंगाया जाता है. विगत 2 दिनों से कप खत्म हो गई है.
मैजिक टी कप के डिजाइन मिट्टी के कुल्हड़ की तरह बनाए गए हैं. लेकिन कप बिस्किट से बनाया गया है. जिससे लोग चाय पीने के साथ-साथ आसानी से इसे खा भी सकते हैं. यात्री भी इस पहल से काफी खुश हैं. उनका कहना है कि मैजिक टी उन्हें उनकी बचपन की याद दिला रहा है. बचपन में जैसे टूटी-फ्रूटी आइसक्रीम का आनंद लेते थे, वैसे ही अब मैजिक टी कप का आनंद लिया जा रहा है, हां तासीर जरूर अलग है.
रेलयात्री विजय भूषण सहाय ने बताया कि,' मैजिक टी से प्रदूषण पर नियंत्रण होगा. आईआरसीटीसी की यह पहल काफी अच्छी है. लोग अमूमन चाय पीकर कप सड़कों के किनारे या प्लेटफार्म के ऊपर फेंक देते हैं, नगरपालिका के कर्मचारियों को भी साफ सफाई करने में काफी परेशानी होती है. अब लोग चाय पिएंगे और कप खा जाएंगे, प्रदूषण पर नियंत्रण लगेगा.'
वहीं रेल यात्री नीतीश कुमार गोस्वामी ने बताया कि,' यह पहल काफी अच्छा है लेकिन इसको अच्छे ढंग से रखा जाए. जिससे कि कप गंदे न हो और खाने लायक रहें. इससे प्लेटफॉर्म भी प्रदूषण मुक्त होगा. साथ ही अगर इस चाय के प्याले के लिए कुछ एक्स्ट्रा पैसा देना पड़ रहा है तो, कोई हर्ज नहीं है. पर्यावरण सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह मैजिक कप बेहतर है.'
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विंटर सीजन में इसकी शुरुआत की गई है. अमूमन ठंड के मौसम में अधिकांश लोग चाय बड़े ही शौक से पीते हैं. लोग गली-नुक्कड़ पर खड़े होकर चाय पीते हैं और चाय के कप को सड़क किनारे फेंक देते हैं. इसका सबसे ज्यादा असर पर्यावरण पर देखने को मिलता है. प्लास्टिक के कप से प्रदूषण का प्रभाव सबसे ज्यादा होता है. लेकिन मैजिक टी पीने वाले लोगों को अब कप फेंकना नहीं पड़ेगा बल्कि, खाना पड़ेगा. इसका स्वाद भी अलग तरह का है.
कहीं ना कहीं कह सकते हैं कि भले चाय पीने के लिए अब थोड़े से ज्यादा पैसा खर्च करने पड़े लेकिन, पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए एक छोटा सा प्रयास आईआरसीटीसी के द्वारा किया गया है. अब देखना होगा कि यह प्रयास आईआरसीटीसी के द्वारा कितना सफल हो पाता है और बिहार के रेल यात्री और तमाम लोग इसे कितना पसंद करते हैं.
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