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Magha Purnima 2023: आज है माघ पूर्णिमा का स्नान, यहां जानिए स्नान और दान के लिए शहरवार शुभ मुहूर्त

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Published : Feb 5, 2023, 12:06 AM IST

माघ पूर्णिमा 2023: माघ पूर्णिमा पर, लोग गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम पर पवित्र स्नान, दान, गाय दान और गृह दान जैसे अनुष्ठान करते हैं. शास्त्रों के अनुसार माघ मास का प्रत्येक दिन दान-पुण्य के लिए महत्वपूर्ण है.

Magh Purnima 2023 starts from tonight know date time and significance
आज है माघ पूर्णिमा का स्नान, यहां जानिए स्नान और दान के लिए शहरवार शुभ मुहूर्त

Magha Purnima 2023: हिंदू कैलेंडर में माघ पूर्णिमा एक महत्वपूर्ण दिन है. ग्रंथों के अनुसार माघ के महीने में पवित्र स्नान और तपस्या करना शुभ होता है. माघ पूर्णिमा, जिसे माघी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, माघ महीना का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण दिन है. इस दिन लोग गंगा, यमुना नदियों के संगम स्थल प्रयाग में पवित्र स्नान, दान, करते हैं. माघ के पूरे महीने लोग सुबह-सुबह गंगा या यमुना में स्नान करते हैं. दरअसल, 4 फरवरी, शनिवार को माघ पूर्णिमा रात्रि 9 बजकर 29 मिनट से प्रारंभ हो रही है. वहीं, पूर्णिमा तिथि का समापन 5 फरवरी, रविवार को रात 11 बजकर 58 मिनट पर होगा। ऐसे में उदय तिथि के अनुसार माघ पूर्णिमा 5 फरवरी को मनाई जाएगी.

माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त: माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 5 फरवरी को सूर्योदय से दोपहर 2:41 बजे तक है. इसके अलावा 5 फरवरी को दोपहर 2 बजकर 41 मिनट से 6 फरवरी को दोपहर 3 बजकर 25 मिनट तक सौभाग्य योग रहेगा, इस समय पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है.

माघ पूर्णिमा की पूजा विधि:

  • माघी पूर्णिमा पर भोर से पहले किसी पवित्र नदी में स्नान करने की प्रथा है.
  • स्नान के बाद सूर्य मंत्र का जाप करें और सूर्य देवता को अर्घ्य दें.
  • भगवान कृष्ण का सम्मान करने के लिए स्नान करने के बाद व्रत करना चाहिए.
  • गरीबों, जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए और दान देना चाहिए.
  • तिल और काले तिल का विशेष रूप से योगदान देना चाहिए.
  • माघ मास में काले तिल से हवन करना चाहिए तथा पितरों को काले तिल का भोग लगाना चाहिए.
  • गायत्री मंत्र, जिसे 'ओम नमो नारायण' मंत्र भी कहा जाता है, का लगातार 108 बार जप करना चाहिए.

माघ पूर्णिमा का महत्व: कहा जाता है कि माघ पूर्णिमा न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. इस दिन चंद्रमा कर्क राशि में प्रवेश करता है. फलस्वरूप माघ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का दर्शन करना चाहिए और चंद्रमा की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि जब चंद्रमा की पूजा की जाती है तो मन और शरीर मजबूत होता है और व्यक्ति की चंचलता कम होती है क्योंकि चंद्रमा को मानसिक कारक माना जाता है.

यह भी कहा जाता है कि यह महीना लोगों को बदलते मौसम के साथ तालमेल बिठाने में मदद करता है. फलस्वरूप माघी पूर्णिमा को स्नान करने से शरीर में फूर्ति और बल की प्राप्ति होती है. इसके अलावा माघ पूर्णिमा गंगा स्नान पूर्णिमा के दिन पुष्य नक्षत्र हो तो दिन और भी शुभ हो जाता है. सर्वविदित है कि इस पवित्र महीने के अवसर पर देवता पृथ्वी पर भ्रमण करने आते हैं और माघ पूर्णिमा 2023 के अनुसार लोगों को उचित फल देते हैं. उनके द्वारा की गई पूजा, दान, तप और जप का महत्व। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि इस दिन प्रयागराज के संगम पर गंगा स्नान करने से आपके जीवन की सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी और आपके अंदर के विकार नष्ट हो जाएंगे। और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है.

यहां स्नान और दान के लिए शहरवार शुभ मुहूर्त हैं:

इलाहाबाद: प्रातः 05:01 से प्रातः 05:52 तक

लखनऊ : प्रातः 05:06 से प्रातः 05:58 तक

नई दिल्ली: सुबह 05:23 से सुबह 06:15 बजे तक

पटना : प्रातः 04:48 से प्रातः 05:40 तक

जयपुर: प्रातः 05:27 से प्रातः 06:18 तक

कोलकाता: प्रातः 04:32 से प्रातः 05:23 तक

मथुरा : सुबह 05:20 से 06:12 बजे तक

अहमदाबाद: सुबह 05:35 से सुबह 06:27 बजे तक

चेन्नई: सुबह 04:55 से सुबह 05:45 बजे तक

भोपाल: सुबह 05:16 से सुबह 06:08 बजे तक

कानपुर: सुबह 05:08 से सुबह 06:00 बजे तक

हैदराबाद: सुबह 05:07 से सुबह 05:57 बजे तक

पुणे: प्रातः 05:26 से प्रातः 06:17 तक

इंदौर : सुबह 05:22 से सुबह 06:13 तक

ये भी पढ़ें: माघ पूर्णिमा के दिन नदी में स्नान का है विशेष महत्व, जानें शुभ मुहूर्त और विधि-विधान

Magha Purnima 2023: हिंदू कैलेंडर में माघ पूर्णिमा एक महत्वपूर्ण दिन है. ग्रंथों के अनुसार माघ के महीने में पवित्र स्नान और तपस्या करना शुभ होता है. माघ पूर्णिमा, जिसे माघी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, माघ महीना का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण दिन है. इस दिन लोग गंगा, यमुना नदियों के संगम स्थल प्रयाग में पवित्र स्नान, दान, करते हैं. माघ के पूरे महीने लोग सुबह-सुबह गंगा या यमुना में स्नान करते हैं. दरअसल, 4 फरवरी, शनिवार को माघ पूर्णिमा रात्रि 9 बजकर 29 मिनट से प्रारंभ हो रही है. वहीं, पूर्णिमा तिथि का समापन 5 फरवरी, रविवार को रात 11 बजकर 58 मिनट पर होगा। ऐसे में उदय तिथि के अनुसार माघ पूर्णिमा 5 फरवरी को मनाई जाएगी.

माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त: माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 5 फरवरी को सूर्योदय से दोपहर 2:41 बजे तक है. इसके अलावा 5 फरवरी को दोपहर 2 बजकर 41 मिनट से 6 फरवरी को दोपहर 3 बजकर 25 मिनट तक सौभाग्य योग रहेगा, इस समय पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है.

माघ पूर्णिमा की पूजा विधि:

  • माघी पूर्णिमा पर भोर से पहले किसी पवित्र नदी में स्नान करने की प्रथा है.
  • स्नान के बाद सूर्य मंत्र का जाप करें और सूर्य देवता को अर्घ्य दें.
  • भगवान कृष्ण का सम्मान करने के लिए स्नान करने के बाद व्रत करना चाहिए.
  • गरीबों, जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए और दान देना चाहिए.
  • तिल और काले तिल का विशेष रूप से योगदान देना चाहिए.
  • माघ मास में काले तिल से हवन करना चाहिए तथा पितरों को काले तिल का भोग लगाना चाहिए.
  • गायत्री मंत्र, जिसे 'ओम नमो नारायण' मंत्र भी कहा जाता है, का लगातार 108 बार जप करना चाहिए.

माघ पूर्णिमा का महत्व: कहा जाता है कि माघ पूर्णिमा न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. इस दिन चंद्रमा कर्क राशि में प्रवेश करता है. फलस्वरूप माघ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का दर्शन करना चाहिए और चंद्रमा की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि जब चंद्रमा की पूजा की जाती है तो मन और शरीर मजबूत होता है और व्यक्ति की चंचलता कम होती है क्योंकि चंद्रमा को मानसिक कारक माना जाता है.

यह भी कहा जाता है कि यह महीना लोगों को बदलते मौसम के साथ तालमेल बिठाने में मदद करता है. फलस्वरूप माघी पूर्णिमा को स्नान करने से शरीर में फूर्ति और बल की प्राप्ति होती है. इसके अलावा माघ पूर्णिमा गंगा स्नान पूर्णिमा के दिन पुष्य नक्षत्र हो तो दिन और भी शुभ हो जाता है. सर्वविदित है कि इस पवित्र महीने के अवसर पर देवता पृथ्वी पर भ्रमण करने आते हैं और माघ पूर्णिमा 2023 के अनुसार लोगों को उचित फल देते हैं. उनके द्वारा की गई पूजा, दान, तप और जप का महत्व। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि इस दिन प्रयागराज के संगम पर गंगा स्नान करने से आपके जीवन की सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी और आपके अंदर के विकार नष्ट हो जाएंगे। और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है.

यहां स्नान और दान के लिए शहरवार शुभ मुहूर्त हैं:

इलाहाबाद: प्रातः 05:01 से प्रातः 05:52 तक

लखनऊ : प्रातः 05:06 से प्रातः 05:58 तक

नई दिल्ली: सुबह 05:23 से सुबह 06:15 बजे तक

पटना : प्रातः 04:48 से प्रातः 05:40 तक

जयपुर: प्रातः 05:27 से प्रातः 06:18 तक

कोलकाता: प्रातः 04:32 से प्रातः 05:23 तक

मथुरा : सुबह 05:20 से 06:12 बजे तक

अहमदाबाद: सुबह 05:35 से सुबह 06:27 बजे तक

चेन्नई: सुबह 04:55 से सुबह 05:45 बजे तक

भोपाल: सुबह 05:16 से सुबह 06:08 बजे तक

कानपुर: सुबह 05:08 से सुबह 06:00 बजे तक

हैदराबाद: सुबह 05:07 से सुबह 05:57 बजे तक

पुणे: प्रातः 05:26 से प्रातः 06:17 तक

इंदौर : सुबह 05:22 से सुबह 06:13 तक

ये भी पढ़ें: माघ पूर्णिमा के दिन नदी में स्नान का है विशेष महत्व, जानें शुभ मुहूर्त और विधि-विधान

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