बाराबंकी : माफिया मुख्तार अंसारी एम्बुलेंस मामले में सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई हुई. जिसमें सीजेएम कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए पांच जुलाई तारीख नियत की है. सेशन कोर्ट पर इस मामले के एक आरोपी आनंद यादव की जमानत पर भी सुनवाई हुई, जिसमें माननीय सेशन न्यायालय ने जमानत का पर्याप्त आधार न पाते हुए उसे खारिज कर दिया.
बैरक में टीवी लगवाए जाने की गुहार
एम्बुलेंस मामले में सोमवार को मुख्तार अंसारी की सुनवाई हुई. बांदा जेल में निरुद्ध मुख्तार अंसारी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई. विवेचक को विवेचना के लिए रिमांड लेना था लेकिन, विवेचनाधिकारी नहीं आ सके. केस डायरी के पर्चे आए थे, जिस पर सीजेएम ने रिमांड दिया और अगली सुनवाई के लिए पांच जुलाई तारीख नियत की. इस दौरान मुख्तार अंसारी ने मामले की सुनवाई कर रहे सीजेएम से उनकी बैरक में टीवी लगवाए जाने की गुहार लगाई. मुख्तार के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्तार अंसारी ने सीजेएम से मांग की कि सूबे की तमाम जेलों में निरुद्ध बंदियों को टीवी की सुविधा मिल रही है, लेकिन उनको ये सुविधा नहीं दी जा रही. यही नहीं मुख्तार अंसारी ने कहा कि मेडिकल बोर्ड ने उनको फिजियोथेरेपी के लिए सजेस्ट किया है लेकिन, बांदा जेल प्रशासन उनको अनुमति नहीं दे रहा है.
क्या था एम्बुलेंस मामला
बता दें कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे वर्ष 2013 में एक एम्बुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी. इस एम्बुलेंस का प्रयोग मुख्तार अंसारी द्वारा किया जा रहा था. पंजाब के रोपण जेल में बंद मुख्तार द्वारा पेशी पर इसी एम्बुलेंस से मोहाली कोर्ट जाने के दौरान ये एम्बुलेंस चर्चा में आई थी. बाराबंकी जिले के UP41 AT 7171 नम्बर वाली एम्बुलेंस ने हड़कंप मचा दिया था. बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग में जब इस एम्बुलेंस की पड़ताल शुरू की तो पता चला कि इसका रिन्यूअल ही नहीं कराया गया था. कागजात खंगाले गए तो ये डॉ. अलका राय की फर्जी आईडी से पंजीकृत पाई गई.
इस मामले में डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मुजाहिद समेत कई के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा लिखाया गया था. बाद में छानबीन में मुख्तार की संलिप्तता पाए जाने पर मुकदमे में धाराएं बढ़ाते हुए मुख्तार का नाम भी बढ़ाया गया था.
पढ़ें : मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद गिरोह पर कार्रवाई, अब तक 5 अरब की संपत्ति जब्त
इस मामले में डॉ. अलका राय, शेषनाथ राय, राजनाथ यादव और आनंद यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. डॉ. अलका राय, शेषनाथ राय और राजनाथ यादव की जमानत खारिज हो चुकी है. सोमवार को आनंद यादव की जमानत पर सुनवाई हुई, जिसमें सेशन न्यायालय ने जमानत का आधार नहीं पाए जाने पर जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया.