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मद्रास हाईकोर्ट ने अन्नाद्रमुक महासचिव पद के लिए शशिकला के दावे को खारिज किया

मद्रास उच्च न्यायालय के एक फैसले से शशिकला को बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने अन्नाद्रमुक महासचिव पद के लिए उनकी याचिका को खारिज कर दिया है. Madras High Court Rejects Sasikalas Claim

Madras High Court Rejects Sasikala's Claim to AIADMK General Secretary Post
मद्रास हाईकोर्ट ने अन्नाद्रमुक महासचिव पद के लिए शशिकला के दावे को खारिज कर दिया
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 5, 2023, 12:58 PM IST

चेन्नई: अन्नाद्रमुक में चल रहे गुट के विवादों में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में मद्रास हाईकोर्ट ने आज वी.के. शशिकला की याचिका को खारिज कर दिया. शशिकला की याचिका में अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के अंतरिम महासचिव के रूप में उनकी स्थिति जारी रहने का दावा किया गया था.

दिवंगत जयललिता की करीबी विश्वासपात्र शशिकला ने एक अतिरिक्त सिटी सिविल कोर्ट द्वारा घोषणा के उनके अनुरोध को खारिज करने के बाद तीन अपील मुकदमे और एक नागरिक पुनरीक्षण याचिका दायर की थी. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आर. सुब्रमण्यन और एन. सेंथिलकुमार की खंडपीठ ने शशिकला के दावे की अमान्यता पर जोर देते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा.

हाईकोर्ट के फैसले का समय राजनीतिक माहौल को और गरमाता है. फैसले का समय जयललिता की सातवीं पुण्य तिथि के साथ मेल खाता है. 5 दिसंबर 2016 को जयललिता के निधन के बाद शशिकला ने अंतरिम महासचिव की भूमिका निभाई थी. हालांकि, आय से अधिक संपत्ति के मामले में 17 फरवरी, 2017 को उनके कारावास के कारण एआईएडीएमके के भीतर आंतरिक कलह पैदा हो गई.

पार्टी की सामान्य परिषद ने 12 सितंबर, 2017 को शशिकला को अंतरिम महासचिव पद से हटा दिया और ओ. पन्नीरसेल्वम और एडप्पादी के. पलानीस्वामी को क्रमशः समन्वयक और संयुक्त समन्वयक नियुक्त किया. उच्च न्यायालय का फैसला एआईएडीएमके नेतृत्व से शशिकला को हटाने को मजबूत करता है, क्योंकि गुट विवाद तमिलनाडु में राजनीतिक परिदृश्य को आकार देता रहता है.

ये भी पढ़ें- कोडनाड मर्डर केस : पूर्व सीएम जयललिता की करीबी शशिकला से पूछताछ

चेन्नई: अन्नाद्रमुक में चल रहे गुट के विवादों में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में मद्रास हाईकोर्ट ने आज वी.के. शशिकला की याचिका को खारिज कर दिया. शशिकला की याचिका में अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के अंतरिम महासचिव के रूप में उनकी स्थिति जारी रहने का दावा किया गया था.

दिवंगत जयललिता की करीबी विश्वासपात्र शशिकला ने एक अतिरिक्त सिटी सिविल कोर्ट द्वारा घोषणा के उनके अनुरोध को खारिज करने के बाद तीन अपील मुकदमे और एक नागरिक पुनरीक्षण याचिका दायर की थी. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आर. सुब्रमण्यन और एन. सेंथिलकुमार की खंडपीठ ने शशिकला के दावे की अमान्यता पर जोर देते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा.

हाईकोर्ट के फैसले का समय राजनीतिक माहौल को और गरमाता है. फैसले का समय जयललिता की सातवीं पुण्य तिथि के साथ मेल खाता है. 5 दिसंबर 2016 को जयललिता के निधन के बाद शशिकला ने अंतरिम महासचिव की भूमिका निभाई थी. हालांकि, आय से अधिक संपत्ति के मामले में 17 फरवरी, 2017 को उनके कारावास के कारण एआईएडीएमके के भीतर आंतरिक कलह पैदा हो गई.

पार्टी की सामान्य परिषद ने 12 सितंबर, 2017 को शशिकला को अंतरिम महासचिव पद से हटा दिया और ओ. पन्नीरसेल्वम और एडप्पादी के. पलानीस्वामी को क्रमशः समन्वयक और संयुक्त समन्वयक नियुक्त किया. उच्च न्यायालय का फैसला एआईएडीएमके नेतृत्व से शशिकला को हटाने को मजबूत करता है, क्योंकि गुट विवाद तमिलनाडु में राजनीतिक परिदृश्य को आकार देता रहता है.

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