ग्वालियर। मध्य प्रदेश के चंबल अंचल मुरैना में कथित अतिक्रमण बताकर दर्जनों आदिवासियों के मकान वन विभाग के अधिकारियों द्वारा तोड़ने की घटना अब सरकार के लिए मुसीबत बनती जा रही है. एक तरफ कांग्रेस इस मामले को सियासी रंग देकर चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश में है. इधर, जिला प्रशासन और वन विभाग भी आमने सामने है. जिला प्रशासन भी इस तोड़फोड़ को गलत बताकर अब सवालिया निशान लगा रहा है. इस मामले में सरकार एक तरफ आदिवासियों के पुनर्वास की कोशिश में लगी है. तो वहीं, पीसीसी चीफ कमलनाथ भी इस मुद्दे पर काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं. उन्होंने पीड़ितों से फोन पर बात भी की. हालांकि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद अधिकारियों से पूरे मामले में जानकारी ली. अधिकारियों ने एक सप्ताह के भीतर सरकारी पट्टा देने का आश्वासन दिया है.
बता दें, मुरैना जिले के नूराबाद थाना इलाके के करह बाबा के पुरा में पिछले 40 सालों से रह रहे आदिवासी परिवारों के मकान पर वन विभाग ने बुलडोजर चलाया. उसके बाद बड़ी संख्या में आदिवासी महिला और पुरुष बच्चों के साथ कलेक्टर से शिकायत करने मुरैना पहुंचे. सिंधिया समर्थक और पूर्व विधायक रघुराज सिंह भी आदिवासियों के समर्थन उतर आए हैं. उन्होंने सरकारी पट्टा देने के लिए प्रशासन से मांग की है.
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पीसीसी चीफ ने फोन पर की बात: पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए, आदिवासियों से फोन पर बात की. साथ ही आश्वासन दिया कि वे उनके साथ खड़े हैं. इसके अलावा कई कांग्रेसी नेता रात में आदिवासियों के पास पहुंचे और उनके साथ सड़क पर ही रात गुजारी. पीड़ितों को खाना बनाकर खिलाया. वन विभाग और प्रशासनिक अधिकारी भी पूरे मुद्दे पर आमने- सामने हैं. कुल मिलाकर पूरे मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.
SDM सीवी प्रसाद का कहना है कि ये जमीन वन विभाग की है. उन्होंने ही कार्रवाई की है. वन विभाग को ऐसे समय में इस तरीके से कार्रवाई नहीं करनी चाहिए थी. अगर हमें इसकी जानकारी मिलती तो हम नहीं करने देते. इधर, DFO ने कहा भी कि कुछ लोग वन भूमि पर झोपड़ी बनाकर रह रहे थे, अब वह पक्का मकान बनाकर स्थायी अतिक्रमण करना चाह रहे थे. इसलिए वहां से अतिक्रमण हटाया है.
पिछले 40 सालों से रह रहे: इधर, आदिवासियों का कहना है कि उनके परिवार के लोग पिछले 40 सालों से यहां रह रहे हैं. उनकी तीन पीढ़ी यहीं बीत गई. उन्होंने सरकार को इसका दोष दिया. एक तरफ तो शिवराज सिंह चौहान अपनी बहनों के लिए बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं. तो लेकिन यहां महिलाओं के साथ मारपीट की जाती है. उनके घरों को उजाड़ा जाता है. हम पूछना चाहते है कि क्या बहनों की सुरक्षा और रक्षा ऐसे होती है.