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देश में बवाल, मध्य प्रदेश में उबाल, लव जिहाद कानून पर सियासी सवाल! - मध्यप्रदेश फ्रीडम ऑफ रिलीजन बिल 2020

मध्य प्रदेश में धर्मांतरण रोकने के लिए शिवराज सरकार अब कानून लाने जा रही है. इसकी घोषणा गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कर दी है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश फ्रीडम ऑफ रिलीजन बिल 2020 विधानसभा के इसी सत्र में पेश करेंगे.

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Published : Nov 18, 2020, 6:27 PM IST

भोपाल : लव जिहाद को लेकर इन दिनों पूरे देश में माहौल गर्म है. मध्य प्रदेश सरकार ने भी लव जिहाद को लेकर कानून बनाने का एलान कर दिया है. उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश दूसरा राज्य है, जिसको लेकर कानून बनाने जा रहा है. इसके साथ ही यूपी, असम, कर्नाटक और हरियाणा में भी कानून लाने की तैयारी चल रही है.

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में लव जिहाद को लेकर विधेयक लाया जाएगा और कानून बनाया जाएगा. इस कानून के तहत लव जिहाद मामले में गैर जमानती धाराओं के तहत केस दर्ज किया जाएगा और अधिकतम पांच साल की सजा का प्रावधान होगा.

मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्र्य विधेयक ला रही है प्रदेश सरकार

प्रदेश की शिवराज सरकार लव जिहाद को रोकने के लिए मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्र्य विधेयक-2020 ला रही है. आने वाले विधानसभा सत्र में प्रदेश सरकार इसे सदन में पेश कर सकती है. इस कानून के आने के बाद लव जिहाद के दोषियों के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में कार्रवाई हो सकेगी. इस कानून में धर्मांतरण और जबरन शादी करवाने वालों पर कार्रवाई का प्रावधान होगा.

कैसा होगा कानून का स्वरूप

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि प्रलोभन, धोखाधड़ी, बहलाकर एवं बलपूर्वक शादी करके धर्मान्तरण करवाने पर पांच साल के कठोर कारावास की सजा का प्रावधान इस विधेयक में रखा गया है. इस कानून के तहत आरोपी को सजा हो जाने पर शादी शून्य हो जाएगी. आरोपी के खिलाफ केस दर्ज होने पर पुलिस बिना किसी वारंट गिरफ्तारी कर सकेगी. इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर आरोपी को पांच साल की सजा का प्रावधान है. इसके साथ ही मदद करने वाले को भी इतनी ही सजा का प्रावधान इस कानून में रखा गया है.

पढ़ें- 'लव जिहाद' पर रामेश्वर शर्मा सख्त, ये लव नहीं जिहाद है, बनाएंगे कठोर कानून

स्वेच्छा से धर्मांतरण करने के लिए देना होगा आवेदन

नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि कानून बनाए जाने के बाद यह भी प्रावधान होगा कि अगर कोई स्वेच्छा से धर्मांतरण कर शादी करना चाहता है, तो उसे एक महीने पहले कलेक्टर के यहां आवेदन देना अनिवार्य होगा. अगर बिना आवेदन किए किसी ने धर्मांतरण कर शादी की तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

क्या है लव जिहाद ?

लव जिहाद को तब तक मान्यता नहीं मिली थी, जब तक कि खुद सुप्रीम कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया. लव जिहाद दो शब्दों से मिलकर बना है. लव अंग्रेजी भाषा से लिया गया है और जिहाद अरबी शब्द है. जिहाद का मतलब किसी भी उद्देश्य को पूरा करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देना. जब एक धर्म विशेष को मानने वाले छल, फरेब और झूठ का सहारा लेकर अपने प्यार के जाल में दूसरे धर्म की लड़की को फंसाकर उसका धर्मांतरण और फिर शादी करते हैं, तो इसे ही लव जिहाद कहा गया है.

सीएम शिवराज ने की थी सख्त टिप्पणी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लव जिहाद के खिलाफ प्रदेश में सख्त कानून बनाने का एलान किया था. मुख्‍यमंत्री ने कहा था कि लव के नाम पर कोई जिहाद नहीं होने देंगे. हमारी सरकार इस पर सख्त कानून बनाएगी.

पढ़ें-यूपी, हरियाणा के बाद MP में लव जिहाद पर बनेगा सख्त कानून, CM शिवराज का ऐलान

पढ़ें- 'लव जिहाद कानून' को लेकर कांग्रेस के बयान पर गृह मंत्री का पलटवार, कहा- धर्म विशेष से जोड़ रही कांग्रेस

प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने सरकार के फैसेल का किया समर्थन

प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा का कहना है कि सरकार का यह फैसला बहुत उचित है और लव जिहाद पर सख्त कानून बने, ताकि आने वाले समय में मध्य प्रदेश की कोई भी बहन बेटी सीता से रुबिया न बन पाए.

क्यों छिड़ी बहस

  • लव जिहाद, ये कुछ ऐसे शब्द हैं जो हमें समय-समय पर सुनाई देते हैं. जैसे ही कहीं दो समुदायों के युवती और युवक के दरमियान प्रेम संबंध या विवाद होता है, वैसे ही लव जिहाद का ये जिन्न सामने आ जाता है. हरियाणा के फरीदाबाद में 26 अक्टूबर को निकिता तोमर नाम की लड़की की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या तौसीफ नाम के युवक ने की थी, जिस पर निकिता के परिजनों ने आरोप लगाया कि आरोपी लड़की से जबरन शादी करना चाहता था, मना करने पर गोली मार दी.
  • एक मशहूर ज्वेलरी ब्रांड का विज्ञापन भी हाल ही में खूब विवादों में रहा. ब्रांड को सोशल मीडिया पर बुरी तरह से लोगों के गुस्सा का शिकार होना पड़ रहा. दरअसल, फेस्टिव सीजन करीब था, ऐसे में ब्रांड ने अपने प्रमोशन के लिए नया विज्ञापन जारी किया, इस विज्ञापन का प्लॉट इंटरकास्ट मैरिज पर आधारित था. सोशल मीडिया पर बायकाट की लहर दौड़ गई. विरोध इतना बढ़ गया कि कंपनी को विज्ञापन हटाना पड़ा.

आगामी विधानसभा सत्र में पेश होगा बिल

हालांकि, अभी इस विधेयक के मसौदे को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. क्या विधेयक लोगों के मूल अधिकारों का हनन करने वाला तो नहीं हैं. हालांकि, इस बारे में कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी ही होगा, क्योंकि अभी इस विधेयक का पूरा मसौदा सामने नहीं आया है. शिवराज सरकार ने ये स्पष्ट किया है कि आगामी विधानसभा सत्र में वे इस विधेयक को सदन के सामने प्रस्तुत करेंगे.

भोपाल : लव जिहाद को लेकर इन दिनों पूरे देश में माहौल गर्म है. मध्य प्रदेश सरकार ने भी लव जिहाद को लेकर कानून बनाने का एलान कर दिया है. उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश दूसरा राज्य है, जिसको लेकर कानून बनाने जा रहा है. इसके साथ ही यूपी, असम, कर्नाटक और हरियाणा में भी कानून लाने की तैयारी चल रही है.

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में लव जिहाद को लेकर विधेयक लाया जाएगा और कानून बनाया जाएगा. इस कानून के तहत लव जिहाद मामले में गैर जमानती धाराओं के तहत केस दर्ज किया जाएगा और अधिकतम पांच साल की सजा का प्रावधान होगा.

मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्र्य विधेयक ला रही है प्रदेश सरकार

प्रदेश की शिवराज सरकार लव जिहाद को रोकने के लिए मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्र्य विधेयक-2020 ला रही है. आने वाले विधानसभा सत्र में प्रदेश सरकार इसे सदन में पेश कर सकती है. इस कानून के आने के बाद लव जिहाद के दोषियों के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में कार्रवाई हो सकेगी. इस कानून में धर्मांतरण और जबरन शादी करवाने वालों पर कार्रवाई का प्रावधान होगा.

कैसा होगा कानून का स्वरूप

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि प्रलोभन, धोखाधड़ी, बहलाकर एवं बलपूर्वक शादी करके धर्मान्तरण करवाने पर पांच साल के कठोर कारावास की सजा का प्रावधान इस विधेयक में रखा गया है. इस कानून के तहत आरोपी को सजा हो जाने पर शादी शून्य हो जाएगी. आरोपी के खिलाफ केस दर्ज होने पर पुलिस बिना किसी वारंट गिरफ्तारी कर सकेगी. इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर आरोपी को पांच साल की सजा का प्रावधान है. इसके साथ ही मदद करने वाले को भी इतनी ही सजा का प्रावधान इस कानून में रखा गया है.

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स्वेच्छा से धर्मांतरण करने के लिए देना होगा आवेदन

नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि कानून बनाए जाने के बाद यह भी प्रावधान होगा कि अगर कोई स्वेच्छा से धर्मांतरण कर शादी करना चाहता है, तो उसे एक महीने पहले कलेक्टर के यहां आवेदन देना अनिवार्य होगा. अगर बिना आवेदन किए किसी ने धर्मांतरण कर शादी की तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

क्या है लव जिहाद ?

लव जिहाद को तब तक मान्यता नहीं मिली थी, जब तक कि खुद सुप्रीम कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया. लव जिहाद दो शब्दों से मिलकर बना है. लव अंग्रेजी भाषा से लिया गया है और जिहाद अरबी शब्द है. जिहाद का मतलब किसी भी उद्देश्य को पूरा करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देना. जब एक धर्म विशेष को मानने वाले छल, फरेब और झूठ का सहारा लेकर अपने प्यार के जाल में दूसरे धर्म की लड़की को फंसाकर उसका धर्मांतरण और फिर शादी करते हैं, तो इसे ही लव जिहाद कहा गया है.

सीएम शिवराज ने की थी सख्त टिप्पणी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लव जिहाद के खिलाफ प्रदेश में सख्त कानून बनाने का एलान किया था. मुख्‍यमंत्री ने कहा था कि लव के नाम पर कोई जिहाद नहीं होने देंगे. हमारी सरकार इस पर सख्त कानून बनाएगी.

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प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने सरकार के फैसेल का किया समर्थन

प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा का कहना है कि सरकार का यह फैसला बहुत उचित है और लव जिहाद पर सख्त कानून बने, ताकि आने वाले समय में मध्य प्रदेश की कोई भी बहन बेटी सीता से रुबिया न बन पाए.

क्यों छिड़ी बहस

  • लव जिहाद, ये कुछ ऐसे शब्द हैं जो हमें समय-समय पर सुनाई देते हैं. जैसे ही कहीं दो समुदायों के युवती और युवक के दरमियान प्रेम संबंध या विवाद होता है, वैसे ही लव जिहाद का ये जिन्न सामने आ जाता है. हरियाणा के फरीदाबाद में 26 अक्टूबर को निकिता तोमर नाम की लड़की की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या तौसीफ नाम के युवक ने की थी, जिस पर निकिता के परिजनों ने आरोप लगाया कि आरोपी लड़की से जबरन शादी करना चाहता था, मना करने पर गोली मार दी.
  • एक मशहूर ज्वेलरी ब्रांड का विज्ञापन भी हाल ही में खूब विवादों में रहा. ब्रांड को सोशल मीडिया पर बुरी तरह से लोगों के गुस्सा का शिकार होना पड़ रहा. दरअसल, फेस्टिव सीजन करीब था, ऐसे में ब्रांड ने अपने प्रमोशन के लिए नया विज्ञापन जारी किया, इस विज्ञापन का प्लॉट इंटरकास्ट मैरिज पर आधारित था. सोशल मीडिया पर बायकाट की लहर दौड़ गई. विरोध इतना बढ़ गया कि कंपनी को विज्ञापन हटाना पड़ा.

आगामी विधानसभा सत्र में पेश होगा बिल

हालांकि, अभी इस विधेयक के मसौदे को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. क्या विधेयक लोगों के मूल अधिकारों का हनन करने वाला तो नहीं हैं. हालांकि, इस बारे में कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी ही होगा, क्योंकि अभी इस विधेयक का पूरा मसौदा सामने नहीं आया है. शिवराज सरकार ने ये स्पष्ट किया है कि आगामी विधानसभा सत्र में वे इस विधेयक को सदन के सामने प्रस्तुत करेंगे.

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