नई दिल्ली : जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी मंगलवार को तुर्की के भूकंप प्रभावित अंताक्य और कहारनमारास पहुंचे, जहां उन्होंने शिविरों में शरण लिए हजारों प्रभावित परिवारों को सांत्वना दी और उन्होंने भोजन वितरित किया. अल-खैर फाउंडेशन के सहयोग से राहत सामग्री का वितरण किया गया. भूकंप के बाद भारत ने बड़ी तादात में राहत सामग्री भेजने के साथ ही बचाव दल भेजा था.
इस विनाशकारी भूकंप ने न केवल हजारों परिवारों को नष्ट कर दिया, बल्कि इसने कई बच्चों को अनाथ कर दिया. इन पीड़ितों से मुलाकात के दौरान मौलाना मदनी बच्चों से घिरे हुए थे. एंटिओक में एक बच्चे ने मौलाना मदनी के सामने पवित्र कुरान का एक सूरा भी पढ़ा. गौरतलब है कि तुर्की में पांच लाख से अधिक घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं या गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
अंताक्य ऐतिहासिक शहर है, जिसे 1268 में सुल्तान रुक्न अल-दीन बायबार्स ने जीत लिया था और ओटोमन साम्राज्य का हिस्सा बना लिया था, आज पूरी तरह से वीरान है. लोग शहर के बाहरी इलाके में बने शिविरों में शरण लिए हुए हैं. ऐसी परिस्थितियों में ऐसा प्रतीत होता है कि तुर्की में पहली आवश्यकता भूकंप प्रभावित व्यक्तियों को तत्काल आधार पर आश्रय प्रदान करने की है.
इससे पहले जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने तुर्की के भूकंप प्रभावित इलाकों का दौरा किया. उन्होंने वहां के अत्यधिक ठंडे मौसम को देखते हुए जरूरतमंदों के बीच 1,000 गद्दे बांटे. मौलाना मदनी प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के अलावा पुनर्वास की संभावनाओं का आकलन करने के लिए और अधिक प्रभावित क्षेत्रों का दौरा भी करेंगे.
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