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लंपी वायरस को लेकर पशुपालन मंत्री से मिले सांसद अमर सिंह, रोकथाम की मांग

पंजाब में मवेशियों में लंपी वायरस के प्रकोप को देखते हुए कांग्रेस सांसद डॉ.अमर सिंह ने केंद्रीय पशुपालन मंत्री पुरषोत्तम रूपाला से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने राज्य में विशेष टीम भेज कर तुरंत वायरस के रोकथाम के लिए कार्रवाई करने की मांग की. इस संबंध में ईटीवी भारत के संवाददाता अभिजीत ठाकुर ने सांसद डॉ अमर सिंह से बात की, पढ़िए पूरी रिपोर्ट...

Dr. Amar Singh
डॉ.अमर सिंह
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Published : Sep 2, 2022, 9:00 PM IST

नई दिल्ली : देश भर में मवेशियों के बीच लंपी वायरस का कहर अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है और अब तक बारह राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश में इसके मामले मिल चुके हैं. सरकारी आंकड़ों की मानें तो ग्यारह लाख से ज्यादा मवेशी इससे प्रभावित हुए हैं और लगभग पचास हजार मवेशियों की इस संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है. हालांकि केंद्र सरकार की तरफ से लगातार कहा जा रहा है कि वायरस संक्रमण को नियंत्रित करने के तमाम उपाय किए जा रहे हैं लेकिन कुछ राज्यों में केंद्र के साथ सामंजस्य की कमी के कारण पशुपालकों को समस्या का सामना करने की बात भी सामने आ रही है.

पंजाब भी ऐसे राज्यों में एक है जहां एक बड़ा तबका पशुपालन और कृषि पर निर्भर है. लंपी वायरस से राज्य साठ हजार से ज्यादा मवेशी प्रभावित हुए हैं और लगभग ढाई हजार मवेशियों की मौत हो चुकी है. चिंताजनक स्थिति देखते हुए पंजाब के श्री फतेगढ़ साहिब संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के सांसद डॉ. अमर सिंह (Dr. Amar Singh) ने केंद्रीय पशुपालन मंत्री पुरषोत्तम रूपाला (animal husbandry minister parshottam rupala) से मुलाकात की और राज्य में विशेष टीम भेज कर तुरंत वायरस के रोकथाम के लिए कार्रवाई करने की मांग की है.

कांग्रेस सांसद डॉ.अमर सिंह से ईटीवी भारत की विशेष बातचीत

ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में अमर सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्री पुरषोत्तम रुपाला से उनकी मुलाकात सकारात्मक रही है और उन्होंने उनसे चार बिन्दुओं पर विशेष रूप से चर्चा की. गौर करने वाली बात यह है कि पंजाब की डेयरी एसोसिएशन और पंजाब सरकार के द्वारा पेश किए जा रहे आंकड़ों में ही लगभग दस गुना का फर्क है. जाहिर तौर पर पंजाब सरकार प्रभावी रूप से मवेशी पालकों की समस्या का समाधान करने में सफल नहीं रही है. डेयरी एसोसिएशन के मुताबिक सवा लाख मवेशियों की मौत अब तक हो चुकी है और सरकार के आंकड़ों से कहीं ज्यादा लाख मवेशी अब तक प्रभावित हैं. कांग्रेस सांसद ने केंद्रीय मंत्री से अपील की है कि वह केंद्रीय टीम भेजकर इसका ठीक सर्वे कराएं और पता करें कि वास्तविक आंकड़े क्या हैं. पंजाब एक कृषि प्रधान प्रदेश है जहां तीस से चालीस प्रतिशत किसानों की आमदनी मवेशी पालन पर भी निर्भर है. यदि उन्हें पशु का नुक्सान होता है तो उनकी आमदनी में पचास प्रतिशत तक की कमी आएगी. ऐसे में सांसद अमर सिंह ने केंद्र सरकार से ऐसे किसानों को मुआवजा देने की मांग भी की है.

बता दें कि वायरस के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने राज्यों को गोट पॉक्स वैक्सीन उप्लब्ध कराई है. मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार अभी 25 लाख गोट पॉक्स वैक्सीन देश में उप्लब्ध है. लेकिन आवश्यकता लगभग एक करोड़ वैक्सीन की है और इसलिए दवा कम्पनियों को उत्पादन बढ़ाने के लिए भी कहा गया है. जहां तक पंजाब का सवाल है अब तक लगभग 6 लाख वैक्सीन डोज मुहैया कराई जा चुकी है. सांसद ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वो लंपी वायरस के लिए अलग से वैक्सीन विकसित करने पर भी काम करें. कोविड की तर्ज पर मवेशियों के लिए भी दवाइयों के पैकेट बनवा कर किसानों के बीच निशुल्क वितरित करें. ऐसा करने से किसानों के बीच एक भरोसा आएगा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर उनकी मदद करने में जुटे हुए हैं.
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री रुपाला ने लंपी वायरस के मुद्दे पर पंजाब के मंत्री और अधिकारियों के साथ चंडीगढ़ में बैठक की थी. मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी इस बावत मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक दिल्ली के कृषि भवन में की थी. केंद्र सरकार लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है लेकिन इसके बावजूद स्थिति चिंताजनक ही बताई जा रही है. आने वाले समय में इस कारण दूध की उत्पादकता पर इसका व्यापक असर पड़ने के आसार बन रहे हैं.

ये भी पढ़ें - लंपी बीमारी से बचाने गुजरात के कच्छ जिले में गायों को खिलाए जा रहे आयुर्वेदिक लड्डू

नई दिल्ली : देश भर में मवेशियों के बीच लंपी वायरस का कहर अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है और अब तक बारह राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश में इसके मामले मिल चुके हैं. सरकारी आंकड़ों की मानें तो ग्यारह लाख से ज्यादा मवेशी इससे प्रभावित हुए हैं और लगभग पचास हजार मवेशियों की इस संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है. हालांकि केंद्र सरकार की तरफ से लगातार कहा जा रहा है कि वायरस संक्रमण को नियंत्रित करने के तमाम उपाय किए जा रहे हैं लेकिन कुछ राज्यों में केंद्र के साथ सामंजस्य की कमी के कारण पशुपालकों को समस्या का सामना करने की बात भी सामने आ रही है.

पंजाब भी ऐसे राज्यों में एक है जहां एक बड़ा तबका पशुपालन और कृषि पर निर्भर है. लंपी वायरस से राज्य साठ हजार से ज्यादा मवेशी प्रभावित हुए हैं और लगभग ढाई हजार मवेशियों की मौत हो चुकी है. चिंताजनक स्थिति देखते हुए पंजाब के श्री फतेगढ़ साहिब संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के सांसद डॉ. अमर सिंह (Dr. Amar Singh) ने केंद्रीय पशुपालन मंत्री पुरषोत्तम रूपाला (animal husbandry minister parshottam rupala) से मुलाकात की और राज्य में विशेष टीम भेज कर तुरंत वायरस के रोकथाम के लिए कार्रवाई करने की मांग की है.

कांग्रेस सांसद डॉ.अमर सिंह से ईटीवी भारत की विशेष बातचीत

ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में अमर सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्री पुरषोत्तम रुपाला से उनकी मुलाकात सकारात्मक रही है और उन्होंने उनसे चार बिन्दुओं पर विशेष रूप से चर्चा की. गौर करने वाली बात यह है कि पंजाब की डेयरी एसोसिएशन और पंजाब सरकार के द्वारा पेश किए जा रहे आंकड़ों में ही लगभग दस गुना का फर्क है. जाहिर तौर पर पंजाब सरकार प्रभावी रूप से मवेशी पालकों की समस्या का समाधान करने में सफल नहीं रही है. डेयरी एसोसिएशन के मुताबिक सवा लाख मवेशियों की मौत अब तक हो चुकी है और सरकार के आंकड़ों से कहीं ज्यादा लाख मवेशी अब तक प्रभावित हैं. कांग्रेस सांसद ने केंद्रीय मंत्री से अपील की है कि वह केंद्रीय टीम भेजकर इसका ठीक सर्वे कराएं और पता करें कि वास्तविक आंकड़े क्या हैं. पंजाब एक कृषि प्रधान प्रदेश है जहां तीस से चालीस प्रतिशत किसानों की आमदनी मवेशी पालन पर भी निर्भर है. यदि उन्हें पशु का नुक्सान होता है तो उनकी आमदनी में पचास प्रतिशत तक की कमी आएगी. ऐसे में सांसद अमर सिंह ने केंद्र सरकार से ऐसे किसानों को मुआवजा देने की मांग भी की है.

बता दें कि वायरस के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने राज्यों को गोट पॉक्स वैक्सीन उप्लब्ध कराई है. मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार अभी 25 लाख गोट पॉक्स वैक्सीन देश में उप्लब्ध है. लेकिन आवश्यकता लगभग एक करोड़ वैक्सीन की है और इसलिए दवा कम्पनियों को उत्पादन बढ़ाने के लिए भी कहा गया है. जहां तक पंजाब का सवाल है अब तक लगभग 6 लाख वैक्सीन डोज मुहैया कराई जा चुकी है. सांसद ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वो लंपी वायरस के लिए अलग से वैक्सीन विकसित करने पर भी काम करें. कोविड की तर्ज पर मवेशियों के लिए भी दवाइयों के पैकेट बनवा कर किसानों के बीच निशुल्क वितरित करें. ऐसा करने से किसानों के बीच एक भरोसा आएगा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर उनकी मदद करने में जुटे हुए हैं.
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री रुपाला ने लंपी वायरस के मुद्दे पर पंजाब के मंत्री और अधिकारियों के साथ चंडीगढ़ में बैठक की थी. मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी इस बावत मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक दिल्ली के कृषि भवन में की थी. केंद्र सरकार लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है लेकिन इसके बावजूद स्थिति चिंताजनक ही बताई जा रही है. आने वाले समय में इस कारण दूध की उत्पादकता पर इसका व्यापक असर पड़ने के आसार बन रहे हैं.

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