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Kisan Mahapanchayat in Lucknow : राकेश टिकैत बोले- माफी नहीं, बनाएं एमएसपी कानून - Rakesh Tikait

किसान नेता राकेश टिकैत ने लखनऊ के इकोगार्डन में आयोजित किसान महापंचायत में हिस्सा लिया. प्रदेश के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में किसानों ने महापंचायत में भाग लिया.

लखनऊ किसान महापंचायत
लखनऊ किसान महापंचायत
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Published : Nov 22, 2021, 10:36 AM IST

Updated : Nov 22, 2021, 7:35 PM IST

लखनऊ : केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union) के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अभी कोई भी ऐलान नहीं हुआ है. एमएसपी एक बड़ा सवाल है. एमएसपी पर खरीदारी को लेकर टिकैत ने कहा कि सरकार झूठ बोल रही है. उन्होंने कहा कि झूठ का कोई इलाज नहीं है.

किसानों की महापंचायत में सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लगे बॉर्डर पर आंदोलनों को नहीं समाप्त करने का निर्णय लिया गया. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के अलावा संयुक्त किसान मोर्चा ने आम सहमति से इस आशय का प्रस्ताव पास कर दिया. आंदोलन के प्रमुख नेता राकेश टिकैत ने यह ऐलान किया है कि एमएसपी गारंटी कानून और अन्य मांगे पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा.

राकेश टिकैत का बयान

बीकेयू प्रवक्ता ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग यहां आए हैं. इस आंदोलन में अलग-अलग रंग के झंडे हैं. यहां सबके मुद्दे एक हैं. दिल्ली की कोठियों में जो बैठे थे, उनको समझाने में 12 माह लगे. एक साल बाद वो समझे कि इससे नुकसान है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हम पर कटाक्ष किया है. जैसे कोई लड़कर भाग रहा है और गाली दे रहा है. किसानों को बांट रहे हैं. माफी मांगने से किसानों को रेट नहीं मिलेगा. देश में एमएसपी का कानून बनाने से रेट मिलेंगे. नरेंद्र मोदी जब मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने एमएसपी गारंटी कानून बनाने के लिए सिफारिश की थी. तो अब प्रधानमंत्री कमेटी क्यों बना रहे हैं. उसी सिफारिश को क्यों नहीं लागू कर देते हैं.

बीकेयू प्रवक्ता ने कहा कि बाजार भाव के हिसाब से हमको तीन कुंतल गेहूं के बराबर एक तोला सोना दे दो, सारे कानून मान लें. पूरा देश प्राइवेट मंडी होने जा रहा है. 14 करोड़ युवा तैयार हैं. हमने संघर्ष विराम का ऐलान नहीं किया है. ग्राम समाज की जमीन 99 साल के पत्ते पर आरएसएस के लोगों को दी जाएगी. ये लोग देश को बेचेंगे.

टिकैत ने कहा कि हमारे मसले और भी हैं, उनका क्या होगा. सीड बिल, दूध की पॉलिसी ला रहे हैं. इनका खेती छीनने का प्रयास है. सरकार 17 कानून और ला रही है. हम पूरे देश उनका विरोध करेंगे. आपकी कारगुजारी बताएंगे. पुलिस की नौकरी में वेतन बढ़ाए जाई यह भी हमारी मांग है.

बीकेयू प्रवक्ता ने कहा कि अजय टेनी की गिरफ्तारी हमारा प्रमुख मुद्दा है. अगर मिल का उदघाट्न अजय टेनी ने किया तो गन्ना मिल नहीं जाएगा. डीएम के ऑफिस में जाएगा. सात तारीख के बाद हम लखीमपुर जाएंगे. टेनी को कातिल से हीरो बनाना चाह रहे हो, उसको आगरा की जेल में ही हीरो बनाएंगे. हमारे मसलों का समाधान बातचीत से निकाल लें. देश का प्रधानमंत्री अगर इतनी मीठी बात करे तो डर लगता है. प्रधानमंत्री कमजोर न रहें.

टिकैत ने कहा कि 26 को ट्रैक्टर रैली, 29 से 2 दिसम्बर के बीच कानून वापस होगी तब भी हम वापस नहीं जाएंगे. साढ़े सात सौ किसान जो शहीद हुए हैं उनका क्या होगा. जो मुकदमे लगे हैं वे वापास लिए जाएं. देश की जनता सरकार से नाराज है. गन्ने का रेट चार हजार करोड़ बकाया है. उत्तर प्रदेश में बिजली का रेट सबसे ज्यादा है. संयुक्त मोर्चा की मीटिंग 27 को है. गाजीपुर बार्डर पर सब शान्तिपूर्ण तरीके से आएं.

पढ़ेंः UP Assembly Election 2022 : गोरखपुर में बोले जेपी नड्डा- जिन्ना और पाक की बात करने वाले घर बैठें

लखनऊ : केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union) के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अभी कोई भी ऐलान नहीं हुआ है. एमएसपी एक बड़ा सवाल है. एमएसपी पर खरीदारी को लेकर टिकैत ने कहा कि सरकार झूठ बोल रही है. उन्होंने कहा कि झूठ का कोई इलाज नहीं है.

किसानों की महापंचायत में सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लगे बॉर्डर पर आंदोलनों को नहीं समाप्त करने का निर्णय लिया गया. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के अलावा संयुक्त किसान मोर्चा ने आम सहमति से इस आशय का प्रस्ताव पास कर दिया. आंदोलन के प्रमुख नेता राकेश टिकैत ने यह ऐलान किया है कि एमएसपी गारंटी कानून और अन्य मांगे पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा.

राकेश टिकैत का बयान

बीकेयू प्रवक्ता ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग यहां आए हैं. इस आंदोलन में अलग-अलग रंग के झंडे हैं. यहां सबके मुद्दे एक हैं. दिल्ली की कोठियों में जो बैठे थे, उनको समझाने में 12 माह लगे. एक साल बाद वो समझे कि इससे नुकसान है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हम पर कटाक्ष किया है. जैसे कोई लड़कर भाग रहा है और गाली दे रहा है. किसानों को बांट रहे हैं. माफी मांगने से किसानों को रेट नहीं मिलेगा. देश में एमएसपी का कानून बनाने से रेट मिलेंगे. नरेंद्र मोदी जब मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने एमएसपी गारंटी कानून बनाने के लिए सिफारिश की थी. तो अब प्रधानमंत्री कमेटी क्यों बना रहे हैं. उसी सिफारिश को क्यों नहीं लागू कर देते हैं.

बीकेयू प्रवक्ता ने कहा कि बाजार भाव के हिसाब से हमको तीन कुंतल गेहूं के बराबर एक तोला सोना दे दो, सारे कानून मान लें. पूरा देश प्राइवेट मंडी होने जा रहा है. 14 करोड़ युवा तैयार हैं. हमने संघर्ष विराम का ऐलान नहीं किया है. ग्राम समाज की जमीन 99 साल के पत्ते पर आरएसएस के लोगों को दी जाएगी. ये लोग देश को बेचेंगे.

टिकैत ने कहा कि हमारे मसले और भी हैं, उनका क्या होगा. सीड बिल, दूध की पॉलिसी ला रहे हैं. इनका खेती छीनने का प्रयास है. सरकार 17 कानून और ला रही है. हम पूरे देश उनका विरोध करेंगे. आपकी कारगुजारी बताएंगे. पुलिस की नौकरी में वेतन बढ़ाए जाई यह भी हमारी मांग है.

बीकेयू प्रवक्ता ने कहा कि अजय टेनी की गिरफ्तारी हमारा प्रमुख मुद्दा है. अगर मिल का उदघाट्न अजय टेनी ने किया तो गन्ना मिल नहीं जाएगा. डीएम के ऑफिस में जाएगा. सात तारीख के बाद हम लखीमपुर जाएंगे. टेनी को कातिल से हीरो बनाना चाह रहे हो, उसको आगरा की जेल में ही हीरो बनाएंगे. हमारे मसलों का समाधान बातचीत से निकाल लें. देश का प्रधानमंत्री अगर इतनी मीठी बात करे तो डर लगता है. प्रधानमंत्री कमजोर न रहें.

टिकैत ने कहा कि 26 को ट्रैक्टर रैली, 29 से 2 दिसम्बर के बीच कानून वापस होगी तब भी हम वापस नहीं जाएंगे. साढ़े सात सौ किसान जो शहीद हुए हैं उनका क्या होगा. जो मुकदमे लगे हैं वे वापास लिए जाएं. देश की जनता सरकार से नाराज है. गन्ने का रेट चार हजार करोड़ बकाया है. उत्तर प्रदेश में बिजली का रेट सबसे ज्यादा है. संयुक्त मोर्चा की मीटिंग 27 को है. गाजीपुर बार्डर पर सब शान्तिपूर्ण तरीके से आएं.

पढ़ेंः UP Assembly Election 2022 : गोरखपुर में बोले जेपी नड्डा- जिन्ना और पाक की बात करने वाले घर बैठें

Last Updated : Nov 22, 2021, 7:35 PM IST
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