तिरुवनंतपुरम : कोविड-19 लॉकडाउन संकट के बीच केरल में लॉटरी उद्योग धीरे-धीरे उठते हुये वापस पटरी पर आ गया. केरल लॉटरी का संचालन करने वाली राज्य सरकार हाल के महीनों में लॉटरी उद्योग के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जता रही है. सरकार को उम्मीद है कि अगर वर्तमान उछाल निरंतर रहा, तो तीन या चार महीनों के भीतर बिक्री में बढ़ोतरी होगी और पूर्व कोविड-19 समय के साथ ही निरंतर गति पकड़ेगा.
जून, अप्रैल और मई के महीनों में करोना वायरस महामारी संकट के दौरान जो व्यवसाय डूब रहे थे, वे जून में 'अनलॉक' शुरू होने के तुरंत बाद धीरे-धीरे उठा, जो एक सकारात्मक संकेत है. बाद में 'अनलॉक' के प्रत्येक चरण के साथ व्यापार में बिक्री के आंकड़ों में समानुपातिक रूप से सुधार हुआ है. हालांकि, लॉटरी एजेंसियों की संख्या प्रभावित नहीं हुई है. अधिकांश लॉटरी विक्रेता एजेंटों के कर्मचारी के रूप में काम करते हैं, लेकिन लॉटरी के विक्रेताओं की संख्या में कमी आई है, जो लॉटरी कार्यालयों से सीधे टिकट खरीदते हैं और उन्हें बेचते हैं.
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यहां तक कि लॉटरी बेचने वाले भी सहमत हैं कि कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के चुनौतीपूर्ण समय के बाद बिक्री में सुधार हुआ है. हालांकि, महामारी के चलते लॉकडाउन के दौरान अधिकांश मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग के लोग गंभीर आर्थिक संकट से प्रभावित हुए हैं, लेकिन इस बीच भी उन्होंने लॉटरी टिकट खरीदना जारी रखा और अपनी किस्मत आजमाते रहे.
मनोविज्ञान के विशेषज्ञ बताते हैं कि लॉटरी को वित्तीय सुरक्षा में कमी माना जाता है. लोग इसके प्रति काफी आकर्षित भी होते हैं. लॉटरी उद्योग ने पिछले वर्ष में गैर-कर वर्गों के तहत राज्य के राजस्व में सबसे बड़ा योगदान दिया था. इस साल कोरोना महामारी के समय में राज्य और लॉटरी उद्योग को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में भी बिक्री में उछाल बरकरार रहेगा.
ग्राफिक कार्ड की जानकारी:
- 2019 लॉटरी की बिक्री, 30 नवंबर तक बिक्री- 7588 करोड़, कुल बिक्री: 11245.68 करोड़.
- नुकसान की संख्या, बिक्री केवल- 2020 में 2653 करोड़, फरवरी में 1019.58 करोड़.
- मार्च तक की बिक्री (21.. लॉकडाउन तक)- 615.27 करोड़, मई में 7.6.
- लॉटरी विभाग (प्रमुख) के लिए 35 कार्यालय, एर्नाकुलम में अधिकतम बिक्री, पलक्कड़ में दूसरी और त्रिशूर बिक्री में तीसरे स्थान पर आता है.