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किसानों के आंदोलन से रोजाना 3,500 करोड़ रुपये का नुकसान: एसोचैम

एसोचैम के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा पंजाब, हरियाणा, हिमाचाल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्थाओं का सामूहिक आकार करीब 18 लाख करोड़ रुपये है. किसानों के विरोध-प्रदर्शन, सड़क, टोल प्लाजा और रेल सेवाएं बंद होने से आर्थिक गतिविधियां ठहर गई हैं.इससे अर्थव्यवस्था का पुनरोद्धार भी प्रभावित हो सकता है.

किसान आंदोलन
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Published : Dec 16, 2020, 9:42 AM IST

नई दिल्ली : उद्योग मंडल एसोचैम ने मंगलवार को कहा कि किसानों के आंदोलन की वजह से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को ‘बड़ी चोट’ पहुंच रही है. एसोचैम ने केंद्र और किसान संगठनों से नए कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध को जल्द दूर करने का आग्रह किया है. उद्योग मंडल के मोटे-मोटे अनुमान के अनुसार किसानों के आंदोलन की वजह से क्षेत्र की मूल्य श्रृंखला और परिवहन प्रभावित हुआ है, जिससे रोजाना 3,000-3,500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है.

एसोचैम के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा पंजाब, हरियाणा, हिमाचाल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्थाओं का सामूहिक आकार करीब 18 लाख करोड़ रुपये है. किसानों के विरोध-प्रदर्शन, सड़क, टोल प्लाजा और रेल सेवाएं बंद होने से आर्थिक गतिविधियां ठहर गई हैं. इससे पहले भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने सोमवार को कहा था कि किसान आंदोलन की वजह से आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई. आगामी दिनों में अर्थव्यवस्था पर इसका असर दिखेगा. इससे अर्थव्यवस्था का पुनरोद्धार भी प्रभावित हो सकता है.

पढ़ें : आंदोलन का 21वां दिन : किसानों का कड़ा रुख, कहा- सरकार से कृषि कानूनों को वापस कराएंगे

हीरानंदानी ने कहा कि कपड़ा, वाहन कलपुर्जा, साइकिल, खेल का सामान जैसे उद्योग क्रिसमस से पहले अपने निर्यात ऑर्डरों को पूरा नहीं कर पाएंगे जिससे वैश्विक कंपनियों के बीच उनकी छवि प्रभावित होगी.

नई दिल्ली : उद्योग मंडल एसोचैम ने मंगलवार को कहा कि किसानों के आंदोलन की वजह से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को ‘बड़ी चोट’ पहुंच रही है. एसोचैम ने केंद्र और किसान संगठनों से नए कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध को जल्द दूर करने का आग्रह किया है. उद्योग मंडल के मोटे-मोटे अनुमान के अनुसार किसानों के आंदोलन की वजह से क्षेत्र की मूल्य श्रृंखला और परिवहन प्रभावित हुआ है, जिससे रोजाना 3,000-3,500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है.

एसोचैम के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा पंजाब, हरियाणा, हिमाचाल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्थाओं का सामूहिक आकार करीब 18 लाख करोड़ रुपये है. किसानों के विरोध-प्रदर्शन, सड़क, टोल प्लाजा और रेल सेवाएं बंद होने से आर्थिक गतिविधियां ठहर गई हैं. इससे पहले भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने सोमवार को कहा था कि किसान आंदोलन की वजह से आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई. आगामी दिनों में अर्थव्यवस्था पर इसका असर दिखेगा. इससे अर्थव्यवस्था का पुनरोद्धार भी प्रभावित हो सकता है.

पढ़ें : आंदोलन का 21वां दिन : किसानों का कड़ा रुख, कहा- सरकार से कृषि कानूनों को वापस कराएंगे

हीरानंदानी ने कहा कि कपड़ा, वाहन कलपुर्जा, साइकिल, खेल का सामान जैसे उद्योग क्रिसमस से पहले अपने निर्यात ऑर्डरों को पूरा नहीं कर पाएंगे जिससे वैश्विक कंपनियों के बीच उनकी छवि प्रभावित होगी.

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