रुद्रप्रयाग: सावन माह में पवित्र सोमवार पर आज बाबा केदारनाथ की पूजा अर्चना ब्रह्मकमल के पुष्पों से की गई. आज की पूजा केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज की ओर से देश की सुख समृद्धि और भक्तों के कल्याण के लिए की गई. हालांकि, सावन का सोमवार होने के बाद भी धाम में भक्तों की संख्या बेहद कम रही है.ऐसा मौसम की खराबी के कारण हो रहा है.
सावन माह में केदारनाथ धाम में भक्तों की खूब भीड़ उमड़ती है, लेकिन लगातार हो रही बारिश और जगह जगह भूस्खलन होने के कारण भक्तों की संख्या में कमी आई है. आज सावन सोमवार होने पर केदारनाथ धाम में ब्रह्मकमल के पुष्प से बाबा केदार की पूजा अर्चना की गई. ब्रह्मकमल उत्तराखंड का राज्य पुष्प भी है. यह हिमालयी क्षेत्रों में ही पाया जाता है. ब्रह्मकमल खासकर केदारनाथ में मिलता है. केदारनाथ धाम से आठ किमी ऊपर वासुकीताल की तरफ अनेकों ब्रह्मकमल के फूल खिले हुए हैं. स्थानीय तीर्थ पुरोहित केदारनाथ धाम की पहाड़ी की ओर जाकर ब्रह्मकमल के पुष्प लेकर आते हैं. इसके बाद ब्रह्मकमल को भगवान शंकर को चढ़ाया जाता है. इस पुष्प को भगवान शंकर को चढ़ाने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
मान्यता है कि ब्रह्मकमल भगवान शिव को अति प्रिय है. इसलिए सावन माह में और खासकर सोमवार के दिन इसी पुष्प से भगवान केदार की पूजा-अर्चना की जाती है. शायकाल में ब्रह्मकमल से ही भोलेनाथ का श्रृंगार होता है. केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, तीर्थ पुरोहित पंकज शुक्ला एवं अंकित सेमवाल ने बताया आज सावन सोमवार के दिन भगवान केदारनाथ की पूजा ब्रह्मकमल के पुष्प से की गई. उन्होंने बताया आज की पूजा भारत देश की सुख समृद्धि और सभी भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए की गई.