न्यूज डेस्क : दिन की लंबाई, दिशा-चंद्रमा की गति, सूर्य की ओर पृथ्वी का झुकाव और लगातार बदलती सूर्य की घूर्णन गति जैसे कारकों पर निर्भर करती है. चूंकि सूर्य भी पृथ्वी की तरह अपनी धुरी पर घूमता है, जैसे-जैसे सूर्य वर्ष के दौरान उत्तर की ओर बढ़ता है, पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में दिन की लंबाई बढ़ जाती है और रात छोटी हो जाती है. 21 जून सूर्य और पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध के बीच सबसे लंबा दिन है. जिसके कारण यह दिन साल का सबसे लंबा दिन होता है.
ऐसी घटना साल में 2 बार होती है जैसे-जैसे सूर्य उत्तर की ओर बढ़ता है, उत्तरी गोलार्ध में दिन की लंबाई बढ़ती जाती है और रात छोटी होती जाती है. सूर्य की क्रांतिवृत्त और खगोलीय भूमध्य रेखा वर्ष में दो बार प्रतिच्छेद करती है. ये दिन हैं 21 जून और 21 दिसंबर.21 जून साल का सबसे लंबा दिन होता है.22 जून से दिन की लंबाई घटने लगती है.जबकि 21 दिसंबर साल का सबसे छोटा दिन होता है.तब से दिन की लंबाई बढ़ने लगती है. ग्रीष्म संक्रांति 21 जून को है.21 दिसंबर को शीतकालीन संक्रांति शुरू होती है.
21 जून और योग दिवस का कनेक्शन
2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 21 जून को सूरज जल्दी उगता है और देर से अस्त होता है.यह दिन उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन होता है.इसके अलावा यह दिन भारत में ग्रीष्म संक्रांति का दिन भी है, इसलिए इस दिन को योग दिवस के रूप में मनाने की अपील की थी.उसके बाद 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की. top