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Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस पार्टी अगर सत्ता में आई तो SC, ST व OBC के लिए लाएगी रोहित वेमुला अधिनियम

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Published : Apr 14, 2023, 4:58 PM IST

कांग्रेस पार्टी ने 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर कहा है कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो वह दलित, ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों के लिए रोहित वेमुला अधिनियम लाएगी. इस बात की जानकारी छत्तीसगढ़ की प्रभारी महासचिव कुमारी शैलजा ने ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री को दी है.

Lok Sabha Election 2024
लोकसभा चुनाव 2024

नयी दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि अगर पार्टी 2024 में सत्ता में आती है तो वह दलित, ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों को शिक्षण संस्थानों में उत्पीड़न से बचाने के लिए 'रोहित वेमुला अधिनियम' लाएगी. छत्तीसगढ़ की प्रभारी महासचिव कुमारी शैलजा ने कहा कि हाशिए पर रहने वाले समुदायों के छात्रों को उच्च शिक्षा संस्थानों में अत्याचार का सामना करना पड़ता है. पार्टी ऐसे संस्थानों में एसटी, एसटी, अल्पसंख्यक छात्रों की सुरक्षा के लिए रोहित वेमुला अधिनियम लाने के लिए प्रतिबद्ध है.

उन्होंने कहा कि यह निर्णय फरवरी में छत्तीसगढ़ के रायपुर में पार्टी के पूर्ण सत्र में लिया गया था. पार्टी ने इस उद्देश्य के लिए सामाजिक न्याय के लिए एक राष्ट्रीय परिषद की भी स्थापना की है और 2024 में सत्ता में आने पर जाति जनगणना भी करेगी. रोहित वेमुला अधिनियम की बात करें तो हैदराबाद विश्वविद्यालय के एक छात्र रोहित वेमुला ने 2016 में संस्थान में उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद आत्महत्या कर ली थी.

बाद में, राहुल गांधी ने वहां का दौरा किया और अन्य छात्रों के साथ विरोध किया. पिछले साल, रोहित की मां उनकी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल के साथ शामिल हुई थीं. दलित नेता कुमारी शैलजा के अनुसार, रोहित वेमुला की आत्महत्या एक दुखद मामला था. वह एक दलित पृष्ठभूमि से था और उसने न केवल अपने संस्थान में अत्याचार का सामना किया बल्कि इस प्रकरण में केंद्र सरकार की भूमिका भी अच्छी नहीं थी.

उन्होंने कहा कि हमारे छात्रों को अलग कर दिया जाता है और मानसिक रूप से परेशान किया जाता है. नतीजतन, वे जीवन में प्रगति नहीं कर सकते हैं. हम उन्हें इस तरह के उत्पीड़न से बचाने के लिए एक कानून लाएंगे. उन्हें भी समृद्ध होना चाहिए और राष्ट्रीय विकास में योगदान देना चाहिए. एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार में एससी और एसटी के खिलाफ अत्याचार बढ़े हैं.

शैलजा ने कहा कि हम एससी, एसटी अधिनियम के खिलाफ अत्याचार को प्रभावी कार्यान्वयन देंगे. अत्याचार के मामले हर साल बढ़ रहे हैं. मोदी सरकार के तहत, दलितों और आदिवासियों के खिलाफ अपराध एक तिहाई बढ़ गए हैं. 2021 में, अनुसूचित जाति के खिलाफ 50,900 अपराध हुए, जो 2015 में 38,670 से 32 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. उन्होंने कहा कि इसी तरह, 2021 में एसटी के खिलाफ 8,802 अपराध हुए, जो 2016 में हुए 6,568 मामलों से 34 प्रतिशत ज्यादा हैं. यूपी के हाथरस में पीड़िता ने अपनी जान नहीं गंवाई, लेकिन 4 में से तीन आरोपियों के बरी होने और बलात्कार के लिए कोई दोष सिद्ध नहीं होने के कारण उसे न्याय नहीं मिला है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि हाशिए पर पड़े वर्गों के छात्रों को संविधान के तहत समान अधिकार मिलना चाहिए और आरोप लगाया कि भाजपा भारतीय संविधान के निर्माता डॉ बीआर अंबेडकर पर लगातार हमला कर रही है और समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों के कल्याण के लिए केवल जुबानी सेवा दे रही है. शैलजा ने कहा कि दलित इस सरकार के तहत बढ़ती आर्थिक असमानताओं का खामियाजा भुगत रहे हैं. अंधाधुंध निजीकरण के जरिए पिछले दरवाजे से आरक्षण कम किया गया है और पिछड़े वर्गों के लाभ की योजनाओं को कमजोर किया जा रहा है.

पढ़ें: विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे 80 साल के खड़गे

पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा ने इस सवाल पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की कि क्या पार्टी ने पहले 2021 में एक दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में नामित करके और 2022 में एक अन्य दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को पार्टी अध्यक्ष के रूप में चुनकर प्रयोग किया था. कांग्रेस ने चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर पंजाब में मौका दिया. मल्लिकार्जुन खड़गे का चुनाव प्रयोग नहीं बल्कि उनका अधिकार था और कांग्रेस पार्टी इस अधिकार को मानती है.

नयी दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि अगर पार्टी 2024 में सत्ता में आती है तो वह दलित, ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों को शिक्षण संस्थानों में उत्पीड़न से बचाने के लिए 'रोहित वेमुला अधिनियम' लाएगी. छत्तीसगढ़ की प्रभारी महासचिव कुमारी शैलजा ने कहा कि हाशिए पर रहने वाले समुदायों के छात्रों को उच्च शिक्षा संस्थानों में अत्याचार का सामना करना पड़ता है. पार्टी ऐसे संस्थानों में एसटी, एसटी, अल्पसंख्यक छात्रों की सुरक्षा के लिए रोहित वेमुला अधिनियम लाने के लिए प्रतिबद्ध है.

उन्होंने कहा कि यह निर्णय फरवरी में छत्तीसगढ़ के रायपुर में पार्टी के पूर्ण सत्र में लिया गया था. पार्टी ने इस उद्देश्य के लिए सामाजिक न्याय के लिए एक राष्ट्रीय परिषद की भी स्थापना की है और 2024 में सत्ता में आने पर जाति जनगणना भी करेगी. रोहित वेमुला अधिनियम की बात करें तो हैदराबाद विश्वविद्यालय के एक छात्र रोहित वेमुला ने 2016 में संस्थान में उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद आत्महत्या कर ली थी.

बाद में, राहुल गांधी ने वहां का दौरा किया और अन्य छात्रों के साथ विरोध किया. पिछले साल, रोहित की मां उनकी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल के साथ शामिल हुई थीं. दलित नेता कुमारी शैलजा के अनुसार, रोहित वेमुला की आत्महत्या एक दुखद मामला था. वह एक दलित पृष्ठभूमि से था और उसने न केवल अपने संस्थान में अत्याचार का सामना किया बल्कि इस प्रकरण में केंद्र सरकार की भूमिका भी अच्छी नहीं थी.

उन्होंने कहा कि हमारे छात्रों को अलग कर दिया जाता है और मानसिक रूप से परेशान किया जाता है. नतीजतन, वे जीवन में प्रगति नहीं कर सकते हैं. हम उन्हें इस तरह के उत्पीड़न से बचाने के लिए एक कानून लाएंगे. उन्हें भी समृद्ध होना चाहिए और राष्ट्रीय विकास में योगदान देना चाहिए. एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार में एससी और एसटी के खिलाफ अत्याचार बढ़े हैं.

शैलजा ने कहा कि हम एससी, एसटी अधिनियम के खिलाफ अत्याचार को प्रभावी कार्यान्वयन देंगे. अत्याचार के मामले हर साल बढ़ रहे हैं. मोदी सरकार के तहत, दलितों और आदिवासियों के खिलाफ अपराध एक तिहाई बढ़ गए हैं. 2021 में, अनुसूचित जाति के खिलाफ 50,900 अपराध हुए, जो 2015 में 38,670 से 32 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. उन्होंने कहा कि इसी तरह, 2021 में एसटी के खिलाफ 8,802 अपराध हुए, जो 2016 में हुए 6,568 मामलों से 34 प्रतिशत ज्यादा हैं. यूपी के हाथरस में पीड़िता ने अपनी जान नहीं गंवाई, लेकिन 4 में से तीन आरोपियों के बरी होने और बलात्कार के लिए कोई दोष सिद्ध नहीं होने के कारण उसे न्याय नहीं मिला है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि हाशिए पर पड़े वर्गों के छात्रों को संविधान के तहत समान अधिकार मिलना चाहिए और आरोप लगाया कि भाजपा भारतीय संविधान के निर्माता डॉ बीआर अंबेडकर पर लगातार हमला कर रही है और समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों के कल्याण के लिए केवल जुबानी सेवा दे रही है. शैलजा ने कहा कि दलित इस सरकार के तहत बढ़ती आर्थिक असमानताओं का खामियाजा भुगत रहे हैं. अंधाधुंध निजीकरण के जरिए पिछले दरवाजे से आरक्षण कम किया गया है और पिछड़े वर्गों के लाभ की योजनाओं को कमजोर किया जा रहा है.

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पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा ने इस सवाल पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की कि क्या पार्टी ने पहले 2021 में एक दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में नामित करके और 2022 में एक अन्य दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को पार्टी अध्यक्ष के रूप में चुनकर प्रयोग किया था. कांग्रेस ने चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर पंजाब में मौका दिया. मल्लिकार्जुन खड़गे का चुनाव प्रयोग नहीं बल्कि उनका अधिकार था और कांग्रेस पार्टी इस अधिकार को मानती है.

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