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हैदराबाद में 23 दिन के बच्चे का किया गया जिगर प्रत्यारोपण ऑपरेशन - 23 दिन के बच्चे का किया गया जिगर प्रत्यारोपण

हैदराबाद के एक अस्पताल में 23 दिन के एक बच्चे के जिगर का प्रत्यारोपण किया गया. यह ऑपरेशन अपने आप में अनोखा था. अस्पताल प्रशासन ने बताया कि यह दुनिया के इस हिस्से में सबसे कम उम्र के बच्चे का प्रत्यारोपण ऑपरेशन था.

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Published : Dec 2, 2022, 5:38 PM IST

हैदराबाद : तेलंगाना के हैदराबाद में एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने 23 दिन के एक बच्चे का जिगर प्रत्यारोपण ऑपरेशन किया है. यह नवजात यकृत संबंधी बीमारी गैलेक्टोसेमिया से पीड़ित था. नवजात के पिता ने उसे अपने जिगर का कुछ हिस्सा दिया है.

यशोदा अस्पताल ने एक विज्ञप्ति में बताया कि बच्चा काफी कमज़ोर था और उसका वज़न सामान्य वजन की तुलना में 25 फीसदी ही था. ऑपरेशन कुछ महीने पहले किया गया था लेकिन अस्पताल ने ऑपरेशन के कामयाब होने और बच्चे की स्थिति का अच्छी तरह से मूल्यांकन करने के बाद इस बाबत जानकारी एक दिसंबर को दी.

बच्चे के दो भाई-बहनों की मौत जिगर संबंधी बीमारी के कारण तब हो गई थी जब वे दो और नौ महीने के थे. ऑपरेशन करने वाली टीम के प्रमुख डॉ वेणुगोपाल ने कहा, 'टीम के सदस्यों के साथ विस्तृत सलाह मशविरे और माता पिता की मंजूरी लेने के बाद हमने ऑपरेशन किया और हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि यह ऑपरेशन कामयाब रहा है और मरीज़ अपना सामान्य जीवन शुरू कर सकेगा. यह माता-पिता के लिए भी बड़ी राहत की बात है.'

ये भी पढ़ें : लिवर रोग: Fatty Liver Disease में लाभ दिला सकते हैं विटामिन B12 और फोलेट

उन्होंने कहा कि यह दुनिया के इस हिस्से में सबसे कम उम्र के बच्चे का प्रत्यारोपण ऑपरेशन था. बच्चे को ऑपरेशन के तीन हफ्ते बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी.
(PTI)

हैदराबाद : तेलंगाना के हैदराबाद में एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने 23 दिन के एक बच्चे का जिगर प्रत्यारोपण ऑपरेशन किया है. यह नवजात यकृत संबंधी बीमारी गैलेक्टोसेमिया से पीड़ित था. नवजात के पिता ने उसे अपने जिगर का कुछ हिस्सा दिया है.

यशोदा अस्पताल ने एक विज्ञप्ति में बताया कि बच्चा काफी कमज़ोर था और उसका वज़न सामान्य वजन की तुलना में 25 फीसदी ही था. ऑपरेशन कुछ महीने पहले किया गया था लेकिन अस्पताल ने ऑपरेशन के कामयाब होने और बच्चे की स्थिति का अच्छी तरह से मूल्यांकन करने के बाद इस बाबत जानकारी एक दिसंबर को दी.

बच्चे के दो भाई-बहनों की मौत जिगर संबंधी बीमारी के कारण तब हो गई थी जब वे दो और नौ महीने के थे. ऑपरेशन करने वाली टीम के प्रमुख डॉ वेणुगोपाल ने कहा, 'टीम के सदस्यों के साथ विस्तृत सलाह मशविरे और माता पिता की मंजूरी लेने के बाद हमने ऑपरेशन किया और हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि यह ऑपरेशन कामयाब रहा है और मरीज़ अपना सामान्य जीवन शुरू कर सकेगा. यह माता-पिता के लिए भी बड़ी राहत की बात है.'

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उन्होंने कहा कि यह दुनिया के इस हिस्से में सबसे कम उम्र के बच्चे का प्रत्यारोपण ऑपरेशन था. बच्चे को ऑपरेशन के तीन हफ्ते बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी.
(PTI)

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