नई दिल्ली : श्रद्धा मर्डर केस (Sharddha Murder Case) ने पूरे देश में सनसनी मचा दी है. जिस तरह से आरोपी आफताब ने श्रद्धा के बॉडी को टुकड़े-टुकड़े किए उसे जानकार लोग हैरान हैं. वहीं, लिव इन रिलेशनशिप में हिंसा की बात की जाए तो देश की राजधानी से चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज किए गए हिंसा के सभी 560 मामलों में पीड़ित पूर्वोत्तर क्षेत्र के विभिन्न राज्यों से हैं. कई मामलों में लड़कियों को उनके बॉयफ्रेंड ने हर तरह के शोषण का सामना करने के लिए मजबूर किया. ऐसे लिव इन रिलेशनशिप पर श्रद्धा-आफताब की घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.
इस तरह की घटनाओं से हैरान दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी रॉबिन हिबू (special commissioner in Delhi Police Robin Hibu) का मानना है कि सभी युवाओं को नैतिक शिक्षा का पालन करना चाहिए. दिल्ली पुलिस में विशेष आयुक्त हिबू ने 'ईटीवी भारत' से विशेष साक्षात्कार में कहा, 'हर किसी को अपने तरीके से जीने का अधिकार है. लेकिन पूर्वोत्तर के एक बड़े भाई के रूप में मैं शादी की पवित्रता के बिना इस तरह के लिव इन रिलेशनशिप को स्वीकार नहीं करूंगा.'
उन्होंने कहा कि 'माता-पिता आपसे (युवाओं) बहुत दूर हैं और कोई नहीं देख रहा है लेकिन आपकी अपनी नैतिक परवरिश है और आपको इसका पालन करना चाहिए. प्यार करने में कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन मैं केवल इतना कहूंगा कि किसी भी रिश्ते में कूदने से पहले, आपको यह पता होना चाहिए कि आप जिस लड़के या लड़की से प्यार कर रहे हैं, उसके पास आपके जीवन साथी बनने, आपको प्यार देने की खूबियां हैं या नहीं.'
रिपोर्ट्स की मानें तो आफताब भी ड्रग्स का आदी था और वह श्रद्धा के साथ मारपीट करता था. हिबू ने कहा कि '...चाहे वह नशे का आदी हो, चाहे उसकी कोई अन्य प्रेमिका हो, पूर्वोत्तर की लड़कियों को रिश्ते में आने से पहले इन सभी के बारे में सोचना चाहिए. हमारे पास ऐसे कई मामले हैं जहां युवाओं को, ज्यादातर लड़कियों को डंप किया गया है.'
हिबू ने कहा कि पुलिस हर साल हजारों मामले दर्ज करती है जहां लड़कियों को बेवजह फेंक दिया जाता है. उन कारकों के बारे में बात करते हुए जो युवाओं खासकर लड़कियों को शिकार बनने के लिए मजबूर करते हैं हिबू ने कहा, 'यदि पूर्वोत्तर की किसी लड़की का जन्म दिन है, तो आधी रात को लड़का खड़ा होकर जन्मदिन मुबारक हो कहेगा.' हमारे पूर्वोत्तर के लोग आम तौर पर भोले हैं और उनका मानना है कि पूरी दुनिया एक अच्छी जगह है और हर कोई हमारे जैसा (सरल) है.'
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