मुंबई : देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ एलआईसी पब्लिक ऑफर बुधवार को खुदरा और संस्थागत निवेशकों के लिए सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया. सब्सक्रिप्शन खुलने के एक घंटे के अंदर ही 12% खरीदारी हो गई. यानी 22.13 करोड़ इक्विटी शेयरों के ऑफर-फॉर-सेल में लगभग एक करोड़ से ज्यादा शेयर सब्सक्रिप्शन खुलने के एक घंटे के अंदर बिक गए. इस आईपीओ के जरीए सरकार का लक्ष्य बीमा दिग्गज में अपनी 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी को कम करके लगभग 21,000 करोड़ रुपये अर्जित करना है. एलआईसी का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ), जो अब खुदरा और संस्थागत निवेशकों के लिए खुला है, 9 मई को बंद होने वाला है. एलआईसी ने निर्गम के लिए 902-949 रुपये प्रति इक्विटी शेयर का मूल्य बैंड तय किया है.
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सुबह 11:03 बजे तक, खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों के हिस्से का 0.18 गुना और गैर-संस्थागत निवेशकों की श्रेणी का 0.04 गुना सब्सक्राइब किया जा चुका था. कर्मचारी आरक्षित और पॉलिसीधारक के आरक्षित हिस्से का क्रमशः 0.28 गुना और 0.26 गुना सब्सक्राइब किया जा चुका है. एलआईसी पॉलिसीधारकों को प्रति इक्विटी शेयर पर ₹60 की छूट मिलेगी, जबकि खुदरा निवेशकों और कर्मचारियों को प्रत्येक शेयर पर ₹45 की छूट मिलेगी. निवेशक निर्गम मूल्य के ऊपरी छोर पर ₹14,235 में न्यूनतम 15 शेयरों (एक लॉट) के लिए बोली लगा सकते हैं.
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एलआईसी का आईपीओ शनिवार (7 मई) को भी सब्सक्रिप्शन लेगा, यह एक असामान्य कदम है जिसका उद्देश्य अधिक निवेशकों को आकर्षित करना है. शेयर 17 मई को स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध होंगे. आईपीओ के जरीए 21,000 करोड़ रुपये अर्जित करने का लक्ष्य भारतीय बाजार में अब तक का सबसे बड़ा लक्ष्य है. इससे पहले पिछले साल पेटीएम के आईपीओ में सबसे ज्यादा ₹18,300 करोड़ और कोल इंडिया में 2010 में ₹15,200 करोड़ का फंड जुटाया गया था. एलआईसी ने अपने पॉलिसीधारकों को एसएमएस और अन्य माध्यमों से शेयर बिक्री के बारे में सूचित करने के लिए संपर्क किया है. एलआईसी कई महीनों से प्रिंट और टीवी विज्ञापनों सहित विभिन्न चैनलों के जरिए आईपीओ की जानकारी दे रही है. देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी ने बाजार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए अपने आईपीओ के आकार को पहले तय किए गए 5 फीसदी से घटाकर 3.5 फीसदी कर दिया है. एलआईसी का गठन 1 सितंबर 1956 को 245 निजी जीवन बीमा कंपनियों को विलय और राष्ट्रीयकरण करके किया गया था, जिसकी शुरुआती पूंजी ₹5 करोड़ थी.