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LIC के पास अनक्लेम्ड हैं 21,539 करोड़ रुपये, अगर आपका पैसा भी फंसा है तो कर सकते हैं क्लेम

भारत की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी (LIC) का आईपीओ 31 मार्च तक आ सकता है. इससे पहले की तैयारियों के तहत एलआईसी ने सेबी को ड्राफ्ट प्रोस्पेक्टस रिपोर्ट (DRHP) सौंपी है, जिसमें बताया गया है कि सितंबर 2021 तक उसके पास 21,539 करोड़ रुपये की अनक्लेम्ड धनराशि (Unclaimed Amount) है. अभी तक इतनी बड़ी रकम के दावेदार सामने नहीं आए हैं.

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Published : Feb 16, 2022, 2:52 PM IST

LIC Unclaimed Amount
LIC Unclaimed Amount

नई दिल्ली : देश की इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी (LIC) के पास 21,539 करोड़ की अनक्लेम्ड धनराशि (Unclaimed Amount) पड़ी है. अनक्लेम्ड धनराशि का मतलब है कि इन पैसों का कोई दावेदार नहीं है. इसका खुलासा खुद इंश्योरेंस कंपनी ने सेबी के पास जमा किए गए आईपीओ के ड्राफ्ट प्रोस्पेक्टस (DRHP) में किया है.

DRHP के मुताबिक, इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी के पास 30 सितंबर 2021 तक 21,539.5 करोड़ की अनक्लेम्ड रकम थी. एलआईसी ने सेबी को बताया कि इस रकम में ऐसे भी मामले हैं जो निपट चुके हैं लेक‍िन उनका भुगतान नहीं किया गया. यह रकम पॉलिसी मैच्योर होने पर बकाया होने वाली है. 31 मार्च 2021 तक कंपनी के पास 18,495.31 करोड़ की अनक्लेम्ड रकम थी. छह महीने के दौरान इस राशि में 16.5 फीसदी का उछाल आया है. 31 मार्च, 2020 तक यह आंकड़ा 16,052.65 करोड़ रुपये का था. जबकि मार्च 2019 में यह राशि 13843.70 करोड़ रुपये थी.

सेबी के पास जमा DRHP के मुताबिक, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के नियमों के तहत इस अनक्लेम्ड धनराशि को वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष (SCWF) में ट्रांसफर किया जाएगा. SCWF अधिनियम के तहत 10 वर्ष की अवधि के लिए रखे गए पॉलिसीधारकों की अनक्लेम्ड राशि को वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष (SCWF) में ट्रांसफर किया जाता है. इससे पहले 1000 रुपये और उससे अधिक की रकम वाली पॉलिसी के अनक्लेम्ड धनराशि की डिटेल एलआईसी को अपने बेवसाइट पर देनी होगी. IRDAI का सभी इंश्योरेंस कंपनियों के लिए स्पष्ट निर्देश है कि वे अपने पोर्टल पर बिना दावे के खाते और पैसे के बारे में पूरी जानकारी देगी. अगर दावा 10 साल पुराना भी है तो उसकी पूरी जानकारी वेबसाइट पर देनी होगी. सीनियर सिटीजन्स वेलफेयर फंड में बिना दावे का पैसा ट्रांसफर किए जाने के 25 साल तक उसे क्लेम किया जा सकता है.

अगर आपने भी अभी तक किसी मैच्योर पॉलिसी में क्लेम नहीं किया है तो उसे एलआईसी की वेबसाइट पर जाकर चेक कर लें. फिर नियम के तहत केवाईसी कराने और सभी जरूरी कागजात जमा करने के बाद आपका पैसा रिफंड हो जाएगा.

बता दें कि भारत सरकार अपनी नई विनिवेश पॉलिसी के तहत आईपीओ के जरिए एलआईसी में 5 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है. इस वित्तीय वर्ष के अंत तक यानी 31 मार्च तक LIC का आईपीओ बाजार में आने की संभावना है. एक हफ्ते पहले ही एलआईसी की एम्बेडेड वैल्यू 5 लाख करोड़ रुपये निर्धारित की गई थी. इस आईपीओ के जरिये सरकार एलआईसी के 316,294,885 इक्विटी शेयर बेचेगी और प्रत्येक शेयर की फेस वैल्यू 10 रुपये होगी.

पढ़ें : खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में बढ़कर सात महीने के उच्च स्तर पर पहुंची

नई दिल्ली : देश की इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी (LIC) के पास 21,539 करोड़ की अनक्लेम्ड धनराशि (Unclaimed Amount) पड़ी है. अनक्लेम्ड धनराशि का मतलब है कि इन पैसों का कोई दावेदार नहीं है. इसका खुलासा खुद इंश्योरेंस कंपनी ने सेबी के पास जमा किए गए आईपीओ के ड्राफ्ट प्रोस्पेक्टस (DRHP) में किया है.

DRHP के मुताबिक, इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी के पास 30 सितंबर 2021 तक 21,539.5 करोड़ की अनक्लेम्ड रकम थी. एलआईसी ने सेबी को बताया कि इस रकम में ऐसे भी मामले हैं जो निपट चुके हैं लेक‍िन उनका भुगतान नहीं किया गया. यह रकम पॉलिसी मैच्योर होने पर बकाया होने वाली है. 31 मार्च 2021 तक कंपनी के पास 18,495.31 करोड़ की अनक्लेम्ड रकम थी. छह महीने के दौरान इस राशि में 16.5 फीसदी का उछाल आया है. 31 मार्च, 2020 तक यह आंकड़ा 16,052.65 करोड़ रुपये का था. जबकि मार्च 2019 में यह राशि 13843.70 करोड़ रुपये थी.

सेबी के पास जमा DRHP के मुताबिक, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के नियमों के तहत इस अनक्लेम्ड धनराशि को वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष (SCWF) में ट्रांसफर किया जाएगा. SCWF अधिनियम के तहत 10 वर्ष की अवधि के लिए रखे गए पॉलिसीधारकों की अनक्लेम्ड राशि को वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष (SCWF) में ट्रांसफर किया जाता है. इससे पहले 1000 रुपये और उससे अधिक की रकम वाली पॉलिसी के अनक्लेम्ड धनराशि की डिटेल एलआईसी को अपने बेवसाइट पर देनी होगी. IRDAI का सभी इंश्योरेंस कंपनियों के लिए स्पष्ट निर्देश है कि वे अपने पोर्टल पर बिना दावे के खाते और पैसे के बारे में पूरी जानकारी देगी. अगर दावा 10 साल पुराना भी है तो उसकी पूरी जानकारी वेबसाइट पर देनी होगी. सीनियर सिटीजन्स वेलफेयर फंड में बिना दावे का पैसा ट्रांसफर किए जाने के 25 साल तक उसे क्लेम किया जा सकता है.

अगर आपने भी अभी तक किसी मैच्योर पॉलिसी में क्लेम नहीं किया है तो उसे एलआईसी की वेबसाइट पर जाकर चेक कर लें. फिर नियम के तहत केवाईसी कराने और सभी जरूरी कागजात जमा करने के बाद आपका पैसा रिफंड हो जाएगा.

बता दें कि भारत सरकार अपनी नई विनिवेश पॉलिसी के तहत आईपीओ के जरिए एलआईसी में 5 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है. इस वित्तीय वर्ष के अंत तक यानी 31 मार्च तक LIC का आईपीओ बाजार में आने की संभावना है. एक हफ्ते पहले ही एलआईसी की एम्बेडेड वैल्यू 5 लाख करोड़ रुपये निर्धारित की गई थी. इस आईपीओ के जरिये सरकार एलआईसी के 316,294,885 इक्विटी शेयर बेचेगी और प्रत्येक शेयर की फेस वैल्यू 10 रुपये होगी.

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