दुबई: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यहां उद्योग प्रमुखों से कहा कि केंद्र शासित प्रदेश अब 'सुस्त कारोबारी गंतव्य' की जगह 'अवसरों की भूमि' बन गया है और उसे पिछले साल 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश मिला. उन्होंने भरोसा दिया कि उनकी सरकार वैश्विक निवेशकों को निवेश के अनुकूल माहौल देगी.
जम्मू-कश्मीर ने दुबई एक्सपो 2020 में वैश्विक निवेशकों के साथ रियल एस्टेट, बुनियादी ढांचा, पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा और जनशक्ति रोजगार क्षेत्रों में निवेश के लिए छह समझौते किए हैं. सिन्हा ने बृहस्पतिवार को दुबई में निवेशक सम्मेलन को संबोधित किया, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की दिग्गज कारोबारी हस्तियों ने भाग लिया.
उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर एक सुस्त कारोबारी गंतव्य से अवसरों तथा निवेश की भूमि में बदल गया है. केंद्र शासित प्रदेश ने 2021 में 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश हासिल किया और इस क्षेत्र में विशाल अवसरों तथा कारोबारी संभावनाओं का प्रदर्शन किया. जम्मू-कश्मीर ने अल माया समूह, एमएटीयू इंवेस्टमेंट्स एलएलसी, जीएल एम्प्लॉयमेंट ब्रोकरेज एलएलसी, सेंचुरी फाइनेंशियल और नून ई-कॉमर्स के साथ अलग-अलग पांच सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं.
इसके अलावा एमार समूह और लुलु इंटरनेशनल सहित मैग्ना वेव्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक अभिरुचि पत्र (एलओआई) पर भी हस्ताक्षर हुए. यूएई में भारत के राजदूत संजय सुधीर ने कहा, भारत सरकार द्वारा 2019 में ऐतिहासिक प्रशासनिक परिवर्तनों की घोषणा के बाद से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर आर्थिक तथा सामाजिक विकास के मॉडल के रूप में सफलता की नई कहानी बन गया है.
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एक आधिकारिक बयान के मुताबिक सिन्हा ने वैश्विक कंपनियों को केंद्र शासित प्रदेश के पर्यटन, हथकरघा और हस्तशिल्प सहित प्रमुख क्षेत्रों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है. सिन्हा तीन जनवरी को शुरू हुए दुबई एक्सपो की भारतीय दीर्घा में जम्मू-कश्मीर सप्ताह में शामिल होने तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) आए हैं.