नई दिल्ली : प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना ने मंगलवार को कहा कि कानूनी पेशा मुनाफे में बढ़ोतरी का नहीं, बल्कि समाज की सेवा के लिए है.
‘कानूनी सेवा दिवस’ के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (नालसा) द्वारा आयोजित एक समारोह में प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि कानून में शिक्षित छात्र समाज के कमजोर और वंचित वर्गों की आवाज बनने के लिए सशक्त हैं.
न्यायमूर्ति रमना ने कहा, ‘कानूनी सहायता आंदोलन में शामिल होने का आपका निर्णय एक महान करियर का मार्ग प्रशस्त करेगा.
इससे आपको सहानुभूति, समझ और नि:स्वार्थ होने की भावना पैदा करने में मदद मिलेगी. याद रखें, अन्य व्यवसायों के विपरीत, कानूनी पेशा मुनाफे में वृद्धि का नहीं, बल्कि समाज की सेवा के लिए है.
उन्होंने कहा कि वह कानूनी सेवा प्राधिकरणों की प्रगति के प्रति केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू की व्यक्तिगत रुचि को देखकर बहुत खुश हैं. रिजिजू ने समारोह को संबोधित करते हुए न्यायाधीशों के खिलाफ सोशल मीडिया पर की जा रहीं आपत्तिजनक टिप्पणियों पर चिंता व्यक्त की थी.
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘मैं ईमानदारी से महसूस करता हूं कि आप सभी को दोगुना विशेषाधिकार प्राप्त है. सबसे पहले, आपको देश के प्रमुख संस्थानों में शिक्षित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, जहां सूचना और ज्ञान आपकी उंगलियों पर उपलब्ध है.
दूसरा, कानून में शिक्षित होने के कारण आप उन लोगों की आवाज बनने के लिए सशक्त हैं जिनके पास कोई नहीं है.
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(पीटीआई-भाषा)