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गलत सूचना देने के कारण ई-कॉमर्स कंपनियों को नोटिस जारी

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Published : Oct 26, 2021, 9:37 PM IST

केंद्रीय उपभोक्ता सचिव लीना नंदन ने कहा कि पिछले एक साल में अपने प्लेटफॉर्म पर उत्पादों पर 'मूल देश' (विनिर्माण स्रोत देश) की गलत घोषणा के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों को 202 नोटिस जारी किए गये हैं.

केंद्रीय उपभोक्ता सचिव
केंद्रीय उपभोक्ता सचिव

नई दिल्ली : केंद्रीय उपभोक्ता सचिव लीना नंदन ने कहा कि पिछले एक साल में अपने प्लेटफॉर्म पर उत्पादों पर 'मूल देश' (विनिर्माण स्रोत देश) की गलत घोषणा के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों को 202 नोटिस जारी किए गये हैं. ऐसे उल्लंघनों की अधिकतम संख्या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के संबंध में पाई गई, इसके बाद कपड़ों और घरेलू उत्पादों का स्थान है.

217 नोटिसों में से 202 नोटिस 'मूल देश' मानदंड से संबंधित उल्लंघन के लिए जारी किए गए थे. बाकी 15 नोटिस एक्सपायरी की तारीख/बेस्ट बिफोर, मैन्युफैक्चरर और इंपोर्टर्स के पते, एमआरपी से ज्यादा चार्ज करने, नॉन-स्टैंडर्ड यूनिट्स और नेट क्वांटिटी की गलत घोषणा के लिए थे. बता दें उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने उन ई-कॉमर्स कंपनियों के नामों का खुलासा नहीं किया, जिन्हें नोटिस जारी किए गए हैं.

उन्होंने कहा कि लगभग 76 कंपनियों ने अपने अपराधों को कंपाउंड किया है और अपराधों की कंपाउंडिंग करके ₹42,85,400 एकत्र किए गए हैं. सरकार ने उन प्लेटफार्मों को और मजबूत किया है, जिनके माध्यम से उपभोक्ता देश भर से अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं. पिछले कुछ महीनों में राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) के माध्यम से दर्ज की गई कुछ शिकायतों का सफलतापूर्वक समाधान किया गया है. उदाहरण के लिए, राजस्थान के कोटा से इस साल अप्रैल में रद्द किए गए टिकट की एयरलाइन कंपनी से ₹11,314 की गैर-वापसी का समाधान किया गया है. उत्तर प्रदेश के उरई से ₹429 की कटौती के बाद भी मोबाइल के गैर-रिचार्ज की वापसी का समाधान किया गया है.

उपभोक्ताओं के पास अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करने का भी विकल्प है. सितंबर 2020 से जिला, राज्य और राष्ट्रीय आयोग स्तर पर ई-फाइलिंग की सुविधा दी गई है, जिसके माध्यम से लगभग 3,000 मामले दर्ज किए गए हैं. अब तक ई-दखिल के माध्यम से दर्ज लगभग 183 मामलों का निपटारा किया जा चुका है. चाहे छोटी हो या बड़ी राशि, अधिक से अधिक उपभोक्ता शिकायत दर्ज करने के लिए ई-फाइलिंग मार्ग का उपयोग कर रहे हैं. उदाहरण के लिए, विजयनगरम (आंध्र प्रदेश) के एक उपभोक्ता ने एक रेस्तरां के खिलाफ ₹127.46 की शिकायत दर्ज की, जबकि गोड्डा (झारखंड) के एक अन्य उपभोक्ता ने एक ई-कॉमर्स इकाई के खिलाफ ₹39,999 की शिकायत दर्ज की.

भ्रामक विज्ञापनों के लिए 56 नोटिस जारी किए हैं जिनमें से 29 नोटिस अनुचित व्यापार प्रथाओं के लिए थे. लगभग छह कंपनियों ने कोरोनवायरस के खिलाफ 99% से अधिक प्रभावकारिता का दावा करने वाले विज्ञापनों को वापस ले लिया और चार कंपनियों ने अपने विज्ञापन को सही करने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें कोरोनोवायरस के खिलाफ 99% से अधिक प्रभावकारिता का दावा किया गया था.मंत्रालय नकली सामानों के खिलाफ भी अभियान चला रहा है. पहले चरण में यह उपभोक्ताओं को नकली हेलमेट, घरेलू प्रेशर कुकर और रसोई गैस सिलेंडर के बारे में जागरूक कर रहा है.

पढ़ें - दिल्ली का शिक्षा मॉडल महाराष्ट्र में होगा लागू ! मंत्री संजय बनसोडे ने समझा करिकुलम

उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के उपभोक्ता कार्य विभाग के तहत केन्‍द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने उपभोक्ता के अधिकारों के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की है. त्योहारी मौसम से पहले सीसीपीए ने उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाए हैं. उपभोक्ता कार्य विभाग में सचिव लीना नंदन ने प्रेस वार्ता करबताया कि सीसीपीए किस प्रकार उल्लंघन करने वालों पर कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से शिकंजा कसता रहा है.

नई दिल्ली : केंद्रीय उपभोक्ता सचिव लीना नंदन ने कहा कि पिछले एक साल में अपने प्लेटफॉर्म पर उत्पादों पर 'मूल देश' (विनिर्माण स्रोत देश) की गलत घोषणा के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों को 202 नोटिस जारी किए गये हैं. ऐसे उल्लंघनों की अधिकतम संख्या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के संबंध में पाई गई, इसके बाद कपड़ों और घरेलू उत्पादों का स्थान है.

217 नोटिसों में से 202 नोटिस 'मूल देश' मानदंड से संबंधित उल्लंघन के लिए जारी किए गए थे. बाकी 15 नोटिस एक्सपायरी की तारीख/बेस्ट बिफोर, मैन्युफैक्चरर और इंपोर्टर्स के पते, एमआरपी से ज्यादा चार्ज करने, नॉन-स्टैंडर्ड यूनिट्स और नेट क्वांटिटी की गलत घोषणा के लिए थे. बता दें उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने उन ई-कॉमर्स कंपनियों के नामों का खुलासा नहीं किया, जिन्हें नोटिस जारी किए गए हैं.

उन्होंने कहा कि लगभग 76 कंपनियों ने अपने अपराधों को कंपाउंड किया है और अपराधों की कंपाउंडिंग करके ₹42,85,400 एकत्र किए गए हैं. सरकार ने उन प्लेटफार्मों को और मजबूत किया है, जिनके माध्यम से उपभोक्ता देश भर से अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं. पिछले कुछ महीनों में राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) के माध्यम से दर्ज की गई कुछ शिकायतों का सफलतापूर्वक समाधान किया गया है. उदाहरण के लिए, राजस्थान के कोटा से इस साल अप्रैल में रद्द किए गए टिकट की एयरलाइन कंपनी से ₹11,314 की गैर-वापसी का समाधान किया गया है. उत्तर प्रदेश के उरई से ₹429 की कटौती के बाद भी मोबाइल के गैर-रिचार्ज की वापसी का समाधान किया गया है.

उपभोक्ताओं के पास अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करने का भी विकल्प है. सितंबर 2020 से जिला, राज्य और राष्ट्रीय आयोग स्तर पर ई-फाइलिंग की सुविधा दी गई है, जिसके माध्यम से लगभग 3,000 मामले दर्ज किए गए हैं. अब तक ई-दखिल के माध्यम से दर्ज लगभग 183 मामलों का निपटारा किया जा चुका है. चाहे छोटी हो या बड़ी राशि, अधिक से अधिक उपभोक्ता शिकायत दर्ज करने के लिए ई-फाइलिंग मार्ग का उपयोग कर रहे हैं. उदाहरण के लिए, विजयनगरम (आंध्र प्रदेश) के एक उपभोक्ता ने एक रेस्तरां के खिलाफ ₹127.46 की शिकायत दर्ज की, जबकि गोड्डा (झारखंड) के एक अन्य उपभोक्ता ने एक ई-कॉमर्स इकाई के खिलाफ ₹39,999 की शिकायत दर्ज की.

भ्रामक विज्ञापनों के लिए 56 नोटिस जारी किए हैं जिनमें से 29 नोटिस अनुचित व्यापार प्रथाओं के लिए थे. लगभग छह कंपनियों ने कोरोनवायरस के खिलाफ 99% से अधिक प्रभावकारिता का दावा करने वाले विज्ञापनों को वापस ले लिया और चार कंपनियों ने अपने विज्ञापन को सही करने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें कोरोनोवायरस के खिलाफ 99% से अधिक प्रभावकारिता का दावा किया गया था.मंत्रालय नकली सामानों के खिलाफ भी अभियान चला रहा है. पहले चरण में यह उपभोक्ताओं को नकली हेलमेट, घरेलू प्रेशर कुकर और रसोई गैस सिलेंडर के बारे में जागरूक कर रहा है.

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उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के उपभोक्ता कार्य विभाग के तहत केन्‍द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने उपभोक्ता के अधिकारों के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की है. त्योहारी मौसम से पहले सीसीपीए ने उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाए हैं. उपभोक्ता कार्य विभाग में सचिव लीना नंदन ने प्रेस वार्ता करबताया कि सीसीपीए किस प्रकार उल्लंघन करने वालों पर कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से शिकंजा कसता रहा है.

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