श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने एक लेक्चरर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है. लेक्चरर ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में दलीलें दी. लेक्चरर के खिलाफ अनुशासन के उल्लंघन की जांच के लिए एक अधिकारी नियुक्त किए गए हैं.
एक सरकारी स्कूल के लेक्चरर ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अनुच्छेद 370 के पक्ष में दलीलें दी थीं, उन्हें जम्मू और कश्मीर सरकार ने सस्पेंड कर दिया है. श्रीनगर के जवाहर नगर में सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में राजनीति विज्ञान के वरिष्ठ व्याख्याता जहूर अहमद भट के खिलाफ कार्रवाई की गई है. उन्हें सुप्रीम कोर्ट में उनकी उपस्थिति के परिणामस्वरूप निलंबित कर दिया गया.
सरकार ने शुक्रवार शाम को जारी एक औपचारिक बयान में भट के निलंबन की घोषणा की. इसमें कहा गया कि जम्मू और कश्मीर सिविल सेवा विनियम (सीएसआर), जम्मू और कश्मीर सरकारी कर्मचारी (आचरण) नियम 1971 और जम्मू और कश्मीर अवकाश नियम निलंबन के प्रावधान हैं. भट्ट को निलंबन आदेश के तहत जम्मू में स्कूल शिक्षा निदेशक के कार्यालय में रिपोर्ट करना आवश्यक है. इस बीच, सरकार ने जम्मू में स्कूल शिक्षा के संयुक्त निदेशक सुबह मेहता को नामित जांच अधिकारी नियुक्त किया है.
इस गहन जांच का उद्देश्य भट्ट की सुप्रीम कोर्ट में उपस्थिति की विशिष्टताओं की खोज करना और कथित उल्लंघनों की गंभीरता का आकलन करना है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने फैसले को चुनौती दी गई है. इस मामले में सुनवाई की जा रही है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ मामले की सुनवाई कर रही है.