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Watch : सत्य की हमेशा जीत होती है, मैं समर्थन के लिए लोगों को धन्यवाद देता हूं : राहुल

मोदी सरनेम वाली टिप्पणी से जुड़े आपराधिक मानहानिक मामले में सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत मिली है. शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद राहुल गांधी का बयान सामने आया है. उन्होंने जनता को समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि सच्चाई की जीत होती ही है. इसके अलावा कई कांग्रेस नेताओं और खासतौर पर 'इंडिया' के नेताओं ने भी सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है.

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Published : Aug 4, 2023, 7:22 PM IST

Updated : Aug 5, 2023, 9:43 AM IST

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नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 'मोदी उपनाम' वाली टिप्पणी से जुड़े आपराधिक मानहानि के मामले में उच्चतम न्यायालय से राहत मिलने के बाद शुक्रवार को कहा कि सच्चाई की हमेशा जीत होती है. राहुल गांधी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, "आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसों सच्चाई की जीत होती ही है. मुझे क्या करना है, उसे लेकर मेरे मन में स्पष्टता है." उन्होंने लोगों को उनका समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया. इससे पहले गांधी ने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, वह भारत की अवधारणा (आइडिया ऑफ इंडिया) की रक्षा करने का अपना कर्तव्य निभाते रहेंगे. उन्होंने ट्वीट किया, 'चाहे कुछ भी जाए, मेरा कर्तव्य वही रहेगा। भारत की अवधारणा की रक्षा करना.'

खड़गे ने कहा, संविधान और लोकतंत्र की जीत : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह संविधान की और लोकतंत्र की जीत है तथा यह उम्मीद अभी बाकी है कि न्याय मिल सकता है. खरगे ने यहां संवाददाताओं से कहा, "आज खुशी का, बड़ा दिन है. यह सिर्फ राहुल गांधी की ही जीत नहीं है. यह संविधान की जीत है, लोकतंत्र की जीत है, यह वायनाड के लोगों और मतदाताओं की जीत है और भारत की जनता की जीत है. सत्यमेव जयते." कांग्रेस अध्यक्ष ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "हम फैसले का स्वागत करते हैं. अभी संविधान जिंदा है. न्याय मिल सकता है और यह उम्मीद अभी बाकी है." खरगे ने कहा, "राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराने में 24 घंटे लगे. अब देखते हैं कि उनकी सदस्यता बहाल करने में कितने घंटे लगेंगे. हम लोकसभा अध्यक्ष के आदेश का इंतजार करेंगे."

राहुल गांधी कभी मोदी जी के सामने थे ही नहीं रेस में : केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर
राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत में कांग्रेस में जान फूंक दी है जहां कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता इसे जीत बता रहे वहीं बीजेपी का कहना है की अभी उन्हें सजा से फ्री नहीं किया गया है. बहरहाल मामला कोर्ट में हैं लेकिन कांग्रेस के लिए ये एक बड़ी राहत जरूर है. इस मुद्दे पर बीजेपी के नेता और केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना से बातचीत में कहा कि जिस तरह की भाषा राहुल गांधी बोलते हैं उस पर उन्हें संयम लाना चाहिए क्योंकि एक नेता के तौर पर कार्यकर्ता भीं उन्हें स्वीकार नहीं करते, साथ ही जनता तो उन्हे पहले ही अस्वीकार कर चुकी है. उन्होंने कहा कि वो मोदी जी को क्यों पसंद नहीं करते क्योंकि मोदीजी ने गरीबों को घर,भोजन, दवा और सुविधाएं दी हैं जिसका कांग्रेस ने कभीं ख्याल नही रखा था. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जैसे मोदीजी विश्व के पॉपुलर नेता हैं मगर पाकिस्तान और चीन उन्हें पसंद नहीं करता क्योंकि पाकिस्तान को दी जाने वालीं राहत उन्होंने बंद कर दी, लेकिन वहां के नागरिक भारत से मदद मांग रहे चीन के साथ व्यापार बंद कर उन्हे परेशान कर दिया और राहुल गांधी भी उन्ही के साथ एक ही पंक्ति में खड़े रहते हैं. उन्होंने कहा की अभी भी वो वैसी ही भाषा बोल रहे की संग्राम होगा रण होगा, इस सवाल पर की जल्दबाजी में उनकी सदस्यता छीन ली गई पर उन्होंने कहा कि इसमें सरकार का कोई रोल नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भाजपा नेता का बयान : राहुल गांधी के मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले को लेकर भाजपा का कहना है कि ये अदालत का निर्णय है और ये कानून की प्रक्रिया के तहत हुआ है. कानून के तहत ही राहुल को सजा सुनाई गई थी और अब कोर्ट ने ही उन्हें राहत दी है. इसमें सरकार का कोई लेना-देना नहीं है. भाजपा सांसद नरेश अग्रवाल ने ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना से बातचीत के दौरान कहा कि उच्च न्यायालय ने राहुल गांधी को सजा सुनाई थी और आज राहत सुप्रीम कोर्ट ने दी.

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राहुल गांधी वापस पा सकते हैं अपनी संसदीय सदस्यता : सत्य प्रकाश सिंह

सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी सजा मामले में रोक लगा दी है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और संविधान विशेषज्ञ सत्य प्रकाश सिंह ने कहा कि गांधी परिवार निश्चित रूप से संसद में अपनी सदस्यता वापस पा सकता है. सिंह ने ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी निश्चित रूप से संसद की अपनी सदस्यता वापस पा सकते हैं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगा दी है. उन्होंने कहा कि लोकसभा में कांग्रेस के सदन के नेता अब राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने के लिए स्पीकर से अपील कर सकते हैं. सिंह ने कहा, 'इस प्रक्रिया के तहत गांधी एक सांसद के तौर पर अपना बंगला भी वापस पा सकते हैं.'

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का ममता ने की सराहना : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उच्चतम न्यायालय के फैसले की सराहना की. ममता ने ट्वीट किया, 'मैं राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाली की खबर से खुश हूं. यह हमारी मातृभूमि के लिए एकजुट होकर लड़ने और जीतने के विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के संकल्प को और मजबूत करेगा. न्यायपालिका की जीत.' वहीं, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी के ट्वीट को साझा करते हुए कहा, 'नैतिक ब्रह्मांड का चक्र लंबा है लेकिन यह न्याय की ओर झुकता है.'

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का राजद-जदयू ने किया स्वागत : शीर्ष अदालत के फैसले का राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल (यूनाइटेड) ने स्वागत किया है. राजद नेता और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद ट्वीट किया, 'माननीय सर्वोच्च न्यायालय का राहुल गांधी जी के संदर्भ में लिया गया फैसला स्वागत योग्य है. अगर भाजपा के दुष्प्रचारी एवं कॉम्प्रोमाइज्ड तंत्र को ये झटका नहीं लगता तो कई और विपक्षी नेताओं को ये साजिशों व षड्यंत्रों के तहत विधायिका से बाहर रखने की जालसाजी जारी रखते. सत्यमेव जयते.'

जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा, "देश की जनता देख रही है कि किस तरह सुनियोजित साजिश के तहत विभिन्न हथकंडे अपनाकर विपक्षी नेताओं की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा, "एक अदालत के फैसले के बाद किस तेजी से केंद्र सरकार ने राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त कर दी थी. आज सर्वोच्च न्यायालय का इस फैसले पर रोक लगाए जाने का फैसला स्वागतयोग्य है. अब राहुल गांधी भी मजबूती से चुनाव लड़ सकेंगे." सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद बिहार के कांग्रेस पार्टी में खुशी का माहौल है. पार्टी ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया है. पार्टी इसे नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत बता रही है.

सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कांग्रेस के विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि यह जीत सिर्फ राहुल गांधी की नहीं है. यह न्याय की जीत है और पूरे देश की जनता की जीत है. अजीत शर्मा ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हम सब कांग्रेसी सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं. यह फैसला देश, लोकतंत्र और संविधान के हित में है.

एके एंटनी, सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा बढ़ गया : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए. के. एंटनी ने शुक्रवार को कहा कि मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराने के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा बढ़ गया है. उन्होंने कहा, "जरा सोचिए, अगर शीर्ष अदालत ने यह फैसला नहीं दिया होता तो क्या होगा. यह सच्चाई की स्पष्ट जीत है और न्याय बहाल हुआ है." कांग्रेस सांसद और अनुभवी नेता के. करुणाकरण के बेटे के. मुरलीधरन ने कहा कि उन्हें शीर्ष अदालत पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा, ''संसद में गांधी को वापस पाकर हम बेहद खुश हैं. हमारे पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने के लिए उपयुक्त नेता की कमी थी." लोकसभा महासचिव पी.डी.टी. आचार्य ने राहुल गांधी की संसद में वापसी पर कहा कि लोकसभा सचिवालय को तुरंत गांधी की सदस्यता बहाल करने की अधिसूचना जारी करनी चाहिए, क्योंकि फैसला शीर्ष अदालत से आया है.

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने 'मोदी उपनाम' को लेकर की गई कथित विवादित टिप्पणी के संबंध में 2019 में दायर आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाते हुए शुक्रवार को उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल करने का रास्ता साफ कर दिया. शीर्ष अदालत ने गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया. उच्च न्यायालय ने 'मोदी उपनाम' से जुड़े मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता की दोषसिद्धि पर रोक लगाने के अनुरोध वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी. गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में ‘मोदी उपनाम’ के संबंध में की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था.

(एक्सट्रा इनपुट-एजेंसी)

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नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 'मोदी उपनाम' वाली टिप्पणी से जुड़े आपराधिक मानहानि के मामले में उच्चतम न्यायालय से राहत मिलने के बाद शुक्रवार को कहा कि सच्चाई की हमेशा जीत होती है. राहुल गांधी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, "आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसों सच्चाई की जीत होती ही है. मुझे क्या करना है, उसे लेकर मेरे मन में स्पष्टता है." उन्होंने लोगों को उनका समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया. इससे पहले गांधी ने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, वह भारत की अवधारणा (आइडिया ऑफ इंडिया) की रक्षा करने का अपना कर्तव्य निभाते रहेंगे. उन्होंने ट्वीट किया, 'चाहे कुछ भी जाए, मेरा कर्तव्य वही रहेगा। भारत की अवधारणा की रक्षा करना.'

खड़गे ने कहा, संविधान और लोकतंत्र की जीत : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह संविधान की और लोकतंत्र की जीत है तथा यह उम्मीद अभी बाकी है कि न्याय मिल सकता है. खरगे ने यहां संवाददाताओं से कहा, "आज खुशी का, बड़ा दिन है. यह सिर्फ राहुल गांधी की ही जीत नहीं है. यह संविधान की जीत है, लोकतंत्र की जीत है, यह वायनाड के लोगों और मतदाताओं की जीत है और भारत की जनता की जीत है. सत्यमेव जयते." कांग्रेस अध्यक्ष ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "हम फैसले का स्वागत करते हैं. अभी संविधान जिंदा है. न्याय मिल सकता है और यह उम्मीद अभी बाकी है." खरगे ने कहा, "राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराने में 24 घंटे लगे. अब देखते हैं कि उनकी सदस्यता बहाल करने में कितने घंटे लगेंगे. हम लोकसभा अध्यक्ष के आदेश का इंतजार करेंगे."

राहुल गांधी कभी मोदी जी के सामने थे ही नहीं रेस में : केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर
राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत में कांग्रेस में जान फूंक दी है जहां कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता इसे जीत बता रहे वहीं बीजेपी का कहना है की अभी उन्हें सजा से फ्री नहीं किया गया है. बहरहाल मामला कोर्ट में हैं लेकिन कांग्रेस के लिए ये एक बड़ी राहत जरूर है. इस मुद्दे पर बीजेपी के नेता और केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना से बातचीत में कहा कि जिस तरह की भाषा राहुल गांधी बोलते हैं उस पर उन्हें संयम लाना चाहिए क्योंकि एक नेता के तौर पर कार्यकर्ता भीं उन्हें स्वीकार नहीं करते, साथ ही जनता तो उन्हे पहले ही अस्वीकार कर चुकी है. उन्होंने कहा कि वो मोदी जी को क्यों पसंद नहीं करते क्योंकि मोदीजी ने गरीबों को घर,भोजन, दवा और सुविधाएं दी हैं जिसका कांग्रेस ने कभीं ख्याल नही रखा था. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जैसे मोदीजी विश्व के पॉपुलर नेता हैं मगर पाकिस्तान और चीन उन्हें पसंद नहीं करता क्योंकि पाकिस्तान को दी जाने वालीं राहत उन्होंने बंद कर दी, लेकिन वहां के नागरिक भारत से मदद मांग रहे चीन के साथ व्यापार बंद कर उन्हे परेशान कर दिया और राहुल गांधी भी उन्ही के साथ एक ही पंक्ति में खड़े रहते हैं. उन्होंने कहा की अभी भी वो वैसी ही भाषा बोल रहे की संग्राम होगा रण होगा, इस सवाल पर की जल्दबाजी में उनकी सदस्यता छीन ली गई पर उन्होंने कहा कि इसमें सरकार का कोई रोल नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भाजपा नेता का बयान : राहुल गांधी के मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले को लेकर भाजपा का कहना है कि ये अदालत का निर्णय है और ये कानून की प्रक्रिया के तहत हुआ है. कानून के तहत ही राहुल को सजा सुनाई गई थी और अब कोर्ट ने ही उन्हें राहत दी है. इसमें सरकार का कोई लेना-देना नहीं है. भाजपा सांसद नरेश अग्रवाल ने ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना से बातचीत के दौरान कहा कि उच्च न्यायालय ने राहुल गांधी को सजा सुनाई थी और आज राहत सुप्रीम कोर्ट ने दी.

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राहुल गांधी वापस पा सकते हैं अपनी संसदीय सदस्यता : सत्य प्रकाश सिंह

सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी सजा मामले में रोक लगा दी है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और संविधान विशेषज्ञ सत्य प्रकाश सिंह ने कहा कि गांधी परिवार निश्चित रूप से संसद में अपनी सदस्यता वापस पा सकता है. सिंह ने ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी निश्चित रूप से संसद की अपनी सदस्यता वापस पा सकते हैं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगा दी है. उन्होंने कहा कि लोकसभा में कांग्रेस के सदन के नेता अब राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने के लिए स्पीकर से अपील कर सकते हैं. सिंह ने कहा, 'इस प्रक्रिया के तहत गांधी एक सांसद के तौर पर अपना बंगला भी वापस पा सकते हैं.'

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का ममता ने की सराहना : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उच्चतम न्यायालय के फैसले की सराहना की. ममता ने ट्वीट किया, 'मैं राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाली की खबर से खुश हूं. यह हमारी मातृभूमि के लिए एकजुट होकर लड़ने और जीतने के विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के संकल्प को और मजबूत करेगा. न्यायपालिका की जीत.' वहीं, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी के ट्वीट को साझा करते हुए कहा, 'नैतिक ब्रह्मांड का चक्र लंबा है लेकिन यह न्याय की ओर झुकता है.'

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का राजद-जदयू ने किया स्वागत : शीर्ष अदालत के फैसले का राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल (यूनाइटेड) ने स्वागत किया है. राजद नेता और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद ट्वीट किया, 'माननीय सर्वोच्च न्यायालय का राहुल गांधी जी के संदर्भ में लिया गया फैसला स्वागत योग्य है. अगर भाजपा के दुष्प्रचारी एवं कॉम्प्रोमाइज्ड तंत्र को ये झटका नहीं लगता तो कई और विपक्षी नेताओं को ये साजिशों व षड्यंत्रों के तहत विधायिका से बाहर रखने की जालसाजी जारी रखते. सत्यमेव जयते.'

जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा, "देश की जनता देख रही है कि किस तरह सुनियोजित साजिश के तहत विभिन्न हथकंडे अपनाकर विपक्षी नेताओं की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा, "एक अदालत के फैसले के बाद किस तेजी से केंद्र सरकार ने राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त कर दी थी. आज सर्वोच्च न्यायालय का इस फैसले पर रोक लगाए जाने का फैसला स्वागतयोग्य है. अब राहुल गांधी भी मजबूती से चुनाव लड़ सकेंगे." सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद बिहार के कांग्रेस पार्टी में खुशी का माहौल है. पार्टी ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया है. पार्टी इसे नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत बता रही है.

सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कांग्रेस के विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि यह जीत सिर्फ राहुल गांधी की नहीं है. यह न्याय की जीत है और पूरे देश की जनता की जीत है. अजीत शर्मा ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हम सब कांग्रेसी सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं. यह फैसला देश, लोकतंत्र और संविधान के हित में है.

एके एंटनी, सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा बढ़ गया : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए. के. एंटनी ने शुक्रवार को कहा कि मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराने के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा बढ़ गया है. उन्होंने कहा, "जरा सोचिए, अगर शीर्ष अदालत ने यह फैसला नहीं दिया होता तो क्या होगा. यह सच्चाई की स्पष्ट जीत है और न्याय बहाल हुआ है." कांग्रेस सांसद और अनुभवी नेता के. करुणाकरण के बेटे के. मुरलीधरन ने कहा कि उन्हें शीर्ष अदालत पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा, ''संसद में गांधी को वापस पाकर हम बेहद खुश हैं. हमारे पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने के लिए उपयुक्त नेता की कमी थी." लोकसभा महासचिव पी.डी.टी. आचार्य ने राहुल गांधी की संसद में वापसी पर कहा कि लोकसभा सचिवालय को तुरंत गांधी की सदस्यता बहाल करने की अधिसूचना जारी करनी चाहिए, क्योंकि फैसला शीर्ष अदालत से आया है.

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने 'मोदी उपनाम' को लेकर की गई कथित विवादित टिप्पणी के संबंध में 2019 में दायर आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाते हुए शुक्रवार को उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल करने का रास्ता साफ कर दिया. शीर्ष अदालत ने गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया. उच्च न्यायालय ने 'मोदी उपनाम' से जुड़े मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता की दोषसिद्धि पर रोक लगाने के अनुरोध वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी. गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में ‘मोदी उपनाम’ के संबंध में की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था.

(एक्सट्रा इनपुट-एजेंसी)

Last Updated : Aug 5, 2023, 9:43 AM IST
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