कोलकाता : भाजपा में 2014 में शामिल हुए बनर्जी दो बार लोकसभा चुनाव हार चुके हैं. बनर्जी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पार्टी से अलग होने के अपने फैसले के बारे में उन्हें सूचित किया है.
बनर्जी ने कहा कि मैं आम लोगों के लिए काम करना चाहता हूं और भाजपा के साथ जुड़े रहकर यह संभव नहीं है. उन्होंने बताया कि भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से भी उन्हें हटा दिया गया. उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने मेरी सुरक्षा भी वापस ले ली. मैं 2014 में पार्टी में शामिल हुआ था.
बनर्जी ने कहा कि मैंने नरेंद्र मोदी को 2017 में बताया था कि मैं संगठन के लिए कुछ और भी करना चाहूंगा. लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. मैं अब और उपेक्षा बर्दाश्त नहीं कर सकता. तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर जॉय बनर्जी ने कहा कि उन्होंने अब तक ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है.
भाजपा की कार्यशैली से तथागत रॉय निराश हैं तो पार्टी छोड़ क्यों नहीं देते
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने शनिवार को कहा कि अगर वरिष्ठ नेता और मेघालय के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय पार्टी की कार्यशैली से निराश हैं तो वह पार्टी छोड़ क्यों नहीं देते. रॉय का रवैया, पार्टी के पूर्व पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय, घोष और वरिष्ठ नेताओं अरविंद मेनन तथा शिव प्रकाश द्वारा लिए गए निर्णयों के प्रति आलोचनात्मक रहा है.
रॉय ने मार्च-अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन को लेकर इन नेताओं को जिम्मेदार ठहराते हुए सिलसिलेवार ट्वीट किया था. उन्होंने यह भी दावा किया था कि भाजपा की बंगाल इकाई का कामकाज देखने के लिए अब विजयवर्गीय के वापस आने की कोई संभावना नहीं है.
रॉय की आलोचना का जवाब देते हुए भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष घोष ने किसी का नाम लिए बिना संवाददाताओं से कहा कि अगर आप निराश हैं और पार्टी में जो कुछ भी हो रहा है उससे शर्मिंदा हैं तो आप पार्टी छोड़ क्यों नहीं देते?” मेदिनीपुर से सांसद घोष भाजपा की केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली जा रहे थे. उन्होंने कहा कि आपने (तथागत) हाल में पार्टी के लिए कुछ नहीं किया है लेकिन आपके जैसे लोगों के लिए पार्टी ने सब कुछ किया है.
रॉय ने घोष के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने जो कहा उसको बहुत महत्व देने की आवश्यकता नहीं है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकान्त मजूमदार ने इस विवाद से दूरी बनाने का प्रयास किया और कहा कि तथागत रॉय के बयान पर कार्रवाई करने का अधिकार केंद्रीय नेतृत्व के पास है.
रॉय ने पिछले महीने संवाददाताओं से कहा था कि उन्हें विजयवर्गीय जैसे वरिष्ठ नेताओं पर शर्म आती है क्योंकि बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने अंधाधुंध तरीके से लोगों को भाजपा में शामिल किया और उनके जीतने की संभावना कितनी है इस पर ध्यान नहीं दिया.
(पीटीआई-भाषा)