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राहुल गांधी ने एलडीएफ सरकार पर साधा निशाना, पीएससी रैंक धारकों के विरोध का जिक्र

केरल पहुंचे राहुल गांधी ने एलडीएफ सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यदि आप एक युवा केरलवासी हैं, तो आपको नौकरी के लिए संघर्ष करना होगा. भाई-भतीजावाद से लड़ने का एक ही तरीका है हड़ताल. लेकिन मुख्यमंत्री आपसे बात नहीं करने जा रहे हैं. क्यों? क्योंकि आप वाम मोर्चे से नहीं हैं. मैं आपको गारंटी देता हूं अगर वे वाम दल का हिस्सा होते तो मुख्यमंत्री उनसे बात की होती. हर एक नौकरी उन्हें दी जाती.

राहुल गांधी ने एलडीएफ सरकार पर साधा निशाना
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Published : Feb 23, 2021, 11:09 PM IST

तिरुवनंतपुरम : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने राज्य सचिवालय के सामने पीएससी रैंक धारकों के एक वर्ग द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर मंगलवार को वाम सरकार और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर निशाना साधा. उन्होंने दावा किया कि केरल में नौकरियां केवल माकपा कार्यकर्ताओं के लिए उपलब्ध हैं.

वायनाड से सांसद गांधी ने यह भी सवाल किया कि माकपा नीत सरकार पर भाजपा हमला क्यों नहीं कर रही है और 'मुख्यमंत्री कार्यालय के खिलाफ मामलों पर नरम क्यों हो रही है. गांधी ने कहा कि मैं हर रोज भाजपा और आरएसएस की विचारधारा से लड़ता हूं. भाजपा मेरे हर कदम पर हमला करती है. अभी, वे इस भाषण को देख रहे हैं और सोच रहे हैं कि वे मुझ पर कैसे हमला कर सकते हैं. मुझे समझ में नहीं आता, वे मुख्यमंत्री कार्यालय के खिलाफ मामलों पर नरम क्यों हैं? इसमें इतना समय क्यों लग रहा है.

गांधी ने कहा कि सीबीआई और ईडी सरकार पर हमले क्यों नहीं कर रही हैं. मैं भ्रमित हूं. मैं जानता हूं कि जब आप भाजपा से लड़ते हैं, तो वे 24 घंटे आप पर हमला करते हैं. उन्होंने कहा कि इसमें बस एक कारण है कि, 'भाजपा धीमी गति से क्यों चल रही है' जो जनता 'समझ' सकती है. गांधी ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदर्शनकारियों के साथ उन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं जो नौकरियों की मांग को लेकर 'भूख हड़ताल' पर हैं, लेकिन अगर वे वामपंथी दलों से होते तो बातचीत करते.

उन्होंने कहा, 'वाम मोर्चे ने कहा कि वे केरल को परिपूर्ण बनाएंगे. प्रश्न है किसके लिए? केरल के लोगों के लिए या माकपा पार्टी के लिए? यदि आप उनके लोगों में से एक हैं, तो आपके लिए हर एक नौकरी उपलब्ध है. यदि आप उनका झंडा उठाते हैं, आप तस्करी में लिप्त हो सकते हैं. आप मुख्यमंत्री कार्यालय में बैठकर वह काम कर सकते हैं. गांधी ने यूडीएफ की 'ऐश्वर्या यात्रा' के समापन पर आयोजित एक सभा में बोल रहे थे. बाद में वह राज्य सचिवालय के सामने प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों से मिलने पहुंचे और उनकी शिकायतें सुनी.

उन्होंने कहा कि चिंता मत करो, उनके खिलाफ लड़ने के लिए कांग्रेस के कई कार्यकर्ता हैं. हम आपकी हिंसा और आपके तरीकों से डरते नहीं हैं. लेकिन हम इसका सहारा कभी नहीं लेंगे. रैंक धारकों का एक वर्ग स्टेट पीएससी रैंक सूची को बहाल करने की मांग को लेकर राज्य सचिवालय के सामने 26 जनवरी से विरोध प्रदर्शन कर रहा है. कांग्रेस और युवा कांग्रेस भी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं और उनका आरोप है कि हाल ही में सरकार ने पीछे के दरवाजे से नियुक्तियां की हैं. सरकार ने हाल में कई संविदा कर्मचारियों की सेवा को नियमित किया है जो 10 वर्षों से अधिक समय से सेवा में थे.

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि राज्य लोगों के कल्याण के लिए विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों को शुरू करने में लगा हुआ है और इन उपलब्धियों को आम आदमी तक पहुंचाने में बाधा डालने की एक साजिश है. विजयन ने पहले कहा था कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला विरोध प्रदर्शन नौकरी के इच्छुक लोगों के हितों के खिलाफ है क्योंकि वे नियुक्तियां करने के लिए एक ऐसी रैंक सूची को पुनर्जीवित करना चाहते हैं जिसकी अवधि समाप्त हो चुकी है.

यह भी पढ़ें-राहुल पर नड्डा का पलटवार, बोले-फूट डालो और राज करो की राजनीति से काम नहीं चलता

कांग्रेस ने पहले मांग की थी कि सिविल पुलिस अधिकारी (सीपीओ) की रैंक सूची को पुनर्जीवित किया जाए जिसकी अवधि जून 2020 में समाप्त हुई है.

तिरुवनंतपुरम : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने राज्य सचिवालय के सामने पीएससी रैंक धारकों के एक वर्ग द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर मंगलवार को वाम सरकार और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर निशाना साधा. उन्होंने दावा किया कि केरल में नौकरियां केवल माकपा कार्यकर्ताओं के लिए उपलब्ध हैं.

वायनाड से सांसद गांधी ने यह भी सवाल किया कि माकपा नीत सरकार पर भाजपा हमला क्यों नहीं कर रही है और 'मुख्यमंत्री कार्यालय के खिलाफ मामलों पर नरम क्यों हो रही है. गांधी ने कहा कि मैं हर रोज भाजपा और आरएसएस की विचारधारा से लड़ता हूं. भाजपा मेरे हर कदम पर हमला करती है. अभी, वे इस भाषण को देख रहे हैं और सोच रहे हैं कि वे मुझ पर कैसे हमला कर सकते हैं. मुझे समझ में नहीं आता, वे मुख्यमंत्री कार्यालय के खिलाफ मामलों पर नरम क्यों हैं? इसमें इतना समय क्यों लग रहा है.

गांधी ने कहा कि सीबीआई और ईडी सरकार पर हमले क्यों नहीं कर रही हैं. मैं भ्रमित हूं. मैं जानता हूं कि जब आप भाजपा से लड़ते हैं, तो वे 24 घंटे आप पर हमला करते हैं. उन्होंने कहा कि इसमें बस एक कारण है कि, 'भाजपा धीमी गति से क्यों चल रही है' जो जनता 'समझ' सकती है. गांधी ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदर्शनकारियों के साथ उन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं जो नौकरियों की मांग को लेकर 'भूख हड़ताल' पर हैं, लेकिन अगर वे वामपंथी दलों से होते तो बातचीत करते.

उन्होंने कहा, 'वाम मोर्चे ने कहा कि वे केरल को परिपूर्ण बनाएंगे. प्रश्न है किसके लिए? केरल के लोगों के लिए या माकपा पार्टी के लिए? यदि आप उनके लोगों में से एक हैं, तो आपके लिए हर एक नौकरी उपलब्ध है. यदि आप उनका झंडा उठाते हैं, आप तस्करी में लिप्त हो सकते हैं. आप मुख्यमंत्री कार्यालय में बैठकर वह काम कर सकते हैं. गांधी ने यूडीएफ की 'ऐश्वर्या यात्रा' के समापन पर आयोजित एक सभा में बोल रहे थे. बाद में वह राज्य सचिवालय के सामने प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों से मिलने पहुंचे और उनकी शिकायतें सुनी.

उन्होंने कहा कि चिंता मत करो, उनके खिलाफ लड़ने के लिए कांग्रेस के कई कार्यकर्ता हैं. हम आपकी हिंसा और आपके तरीकों से डरते नहीं हैं. लेकिन हम इसका सहारा कभी नहीं लेंगे. रैंक धारकों का एक वर्ग स्टेट पीएससी रैंक सूची को बहाल करने की मांग को लेकर राज्य सचिवालय के सामने 26 जनवरी से विरोध प्रदर्शन कर रहा है. कांग्रेस और युवा कांग्रेस भी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं और उनका आरोप है कि हाल ही में सरकार ने पीछे के दरवाजे से नियुक्तियां की हैं. सरकार ने हाल में कई संविदा कर्मचारियों की सेवा को नियमित किया है जो 10 वर्षों से अधिक समय से सेवा में थे.

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि राज्य लोगों के कल्याण के लिए विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों को शुरू करने में लगा हुआ है और इन उपलब्धियों को आम आदमी तक पहुंचाने में बाधा डालने की एक साजिश है. विजयन ने पहले कहा था कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला विरोध प्रदर्शन नौकरी के इच्छुक लोगों के हितों के खिलाफ है क्योंकि वे नियुक्तियां करने के लिए एक ऐसी रैंक सूची को पुनर्जीवित करना चाहते हैं जिसकी अवधि समाप्त हो चुकी है.

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कांग्रेस ने पहले मांग की थी कि सिविल पुलिस अधिकारी (सीपीओ) की रैंक सूची को पुनर्जीवित किया जाए जिसकी अवधि जून 2020 में समाप्त हुई है.

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