नई दिल्ली : भारत ने शुक्रवार को तेल और गैस खोज के लिए बोली के नए दौर की शुरुआत की, जिससे देश में हाइड्रोकार्बन भंडार की खोज में 30-40 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश आने की उम्मीद है.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक मुक्त क्षेत्र लाइसेंसिंग नीति (ओएएलपी) के छठे दौर में 21 ब्लॉक और क्षेत्रों की पेशकश की जा रही है, और बोली छह अक्टूबर को बंद होगी.
भारत अपनी 85 प्रतिशत तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है और ओएएलपी-6 जैसे खोज दौर की मदद से नए भंडार खोजने से आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी.
कुल 21 ब्लॉक 11 तलछटी घाटियों और नौ राज्यों के 35,346 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए हैं. इनमें से 15 ब्लॉक जमीन पर हैं, जबकि चार उथले पानी में और दो अत्यधिक गहरे समुद्र में हैं.
बयान में कहा गया, 'उम्मीद है कि इस बोली दौर से लगभग 30-40 करोड़ अमेरिकी डॉलर के निवेश वाली तत्काल खोज प्रतिबद्धता मिलेंगी.'
2016 से पांच बार लगाई जा चुकी बोली
सरकार ने मार्च 2016 में हाइड्रोकार्बन अन्वेषण तथा लाइसेंसिंग नीति (हेल्प) शुरू होने के बाद से अब तक पांच बार बोली लगाई है. बोली के अंतिम दौर में सात ब्लॉक की पेशकश की गई थी.
पढ़ें- भारत के तेल, गैस क्षेत्रों में हिस्सेदारी खरीदने के लिए बात कर रही है एक्सॉन : प्रधान
(पीटीआई-भाषा)