गुवाहाटी : असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का बृहस्पतिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ यहां नवग्रह श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया. मंत्रोच्चार, असम पुलिस द्वारा बंदूकों की सलामी और बैंड की धुनों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री के पार्थिव शरीर को उनके पुत्र गौरव गोगोई ने मुखाग्नि दी.
मुखाग्नि के समय गौरव पारंपरिक चेलेंग सदर (शॉल) और धोती पहने हुए थे और मुंह पर मास्क लगाए हुए थे. गौरव के मुखाग्नि देने के पहले गोगोई की पत्नी डॉली, बेटी चंद्रिमा, पुत्रवधू एलिजाबेथ और परिवार के अन्य सदस्यों ने चिता पर चंदन की लकड़ियां रखी.
असम के तीन बार मुख्यमंत्री, दो बार केंद्रीय मंत्री और छह बार लोकसभा सदस्य रहे तरुण गोगोई का 84 साल की उम्र में सोमवार को निधन हो गया था. वह कोविड-19 के बाद स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं से जूझ रहे थे.
तरुण गोगोई के अंतिम संस्कार के पहले उनकी अंतिम इच्छा के मुताबिक पार्थिव शरीर को चर्च, नामघर, मस्जिद, मंदिर और बिहू आयोजन वाले एक मैदान में ले जाया गया.
अंतिम यात्रा के दौरान फूलों से सजाए गए ट्रकों को कई स्थानों पर रूकना पड़ा क्योंकि अपने चहेते नेता को अंतिम विदाई देने के लिए लोग उन्हें श्रद्धांजलि देना चाहते थे. इस दौरान लोगों ने ट्रक पर रखे गए गोगोई के बड़े कटआउट के सामने उन्हें नमन किया और पुष्पांजलि अर्पित की.
सड़क, चौक-चौराहे हर जगह लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. मकान की छतों से भी लोग अपने नेता की अंतिम यात्रा का वीडियो बनाते हुए और तस्वीरें खींचते नजर आए. पूरे मार्ग में पारंपरिक ढोल और शंख समेत अन्य वाद्य यंत्र बजाए गए.
इस यात्रा के दौरान गुवाहाटी-शिलांग रोड, आरजीबी रोड, एमडी रोड, जीएनबी रोड, लैंब रोड तथा रुक्मिणी गांव, गणेशगुड़ी, चिड़ियाघर द्वार, कॉमर्स कॉलेज चौक, चांदमारी और गुवाहाटी क्लब प्वाइंट जैसे स्थानों पर मानो जीवन ठहर सा गया.
गोगोई के सम्मान में गुवाहाटी तथा राज्य के अन्य हिस्सों में दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहे. राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को दोपहर एक बजे से आधे दिन के अवकाश की घोषणा की थी.
कांग्रेस के प्रवक्ता रितुपर्णो कुंवर ने कहा कि गोगोई सर विचार और व्यवहार में सही मायने में एक धर्मनिरपेक्ष नेता थे. ऐसे कई नेता हैं, जो धर्मनिरपेक्षता की बात करते हैं लेकिन कभी उसका पालन नहीं करते हैं. गोगोई ने अपने बेटे गौरव को भी ब्रिटेन की एक ईसाई लड़की से शादी करने दी. उन्होंने सांस्कृतिक जुड़ाव को हमेशा प्रोत्साहित किया.
इससे पहले, सुबह सात बजे पूर्व मुख्यमंत्री के ताबूत को फूलों से सजाकर श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र से दिसपुर में उनके आधिकारिक आवास पर ले जाया गया.
आवास पर उनके परिवार के सदस्यों ने धार्मिक संस्कार किया और उन्हें अंतिम विदाई दी. कांग्रेस के महासचिव जितेंद्र सिंह और कई अन्य नेताओं ने दिवंगत नेता को उनके आवास पर श्रद्धांजलि दी.
तरुण गोगोई के पार्थिव शरीर के साथ उनके पुत्र गौरव, कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख रिपुन बोरा तथा अन्य नेता थे.
पढ़ें: तरूण गोगोई के निधन पर राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने जताया शोक, देखें प्रतिक्रियाएं
धीरे-धीरे वाहन जीएस रोड पर रुक्मिणी गांव में एक चर्च की तरफ बढ़ने लगा. पार्थिव शरीर को वाहन से नहीं उतारा गया और भारी भीड़ के बीच पादरी ने सड़क पर ही गोगोई के लिए प्रार्थना की. इसके बाद वाहन को जीएस रोड और आरजीबी रोड पर ले जाया गया जहां लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. कुछ देर बार शवयात्रा चांदमारी पहुंची जहां लोग श्रद्धांजलि देने के लिए पहले से इंतजार में खड़े थे.
भारी भीड़ के कारण गुवाहाटी क्लब प्वाइंट तक वाहन धीरे-घीरे चलता रहा. इसके बाद अंबारी के जामा मस्जिद के इमाम ने गोगोई की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. यहां से पार्थिव शरीर को लैंब रोड पर उग्रतारा मंदिर ले जाया गया जहां पुजारी ने प्रार्थना की. कुछ अन्य जगहों से होते हुए यह वाहन दोपहर दो बजे नवग्रह श्मशान घाट पहुंचा.
प्रशासन ने श्मशान घाट परिसर में लोगों के बैठने के लिए 1,000 सीटों की व्यवस्था की थी. इसके अलावा सैंकड़ों लोग बाहर लगी एलईडी स्क्रीन के जरिए अपने चहेते नेता की अंतिम विदाई को देखने के लिए जमा थे.