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भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए काफी चुनौतीपूर्ण था बीता एक साल : विशेषज्ञ - india corona vaccination

भारत कोरोना वायरस से बचाव के लिए दो स्वदेशी टीकों के साथ टीकाकरण अभियान शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है. हालांकि, भारत के लिए यह यात्रा काफी चुनौतीपूर्ण होने के साथ-साथ नवाचार से भरी रही. स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो बीता एक साल भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

Indias health sector
भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र
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Published : Jan 15, 2021, 10:42 PM IST

Updated : Jan 15, 2021, 11:03 PM IST

नई दिल्ली : भारत में कोरोना टीकाकरण अभियान शनिवार से शुरू हो रहा है. इसकी पूर्व संध्या पर दिल्ली के मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज की निदेशक प्रोफेसर डॉ. सुनीला गर्ग ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि पिछले साल जनवरी से लेकर अब तक की यात्रा चुनौतीपूर्ण थी.

वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ गर्ग ने कहा कि बीता एक साल नए टीकों, नए उपचार व नए तरीकों का पता लगाने तथा आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ने के संदर्भ में चुनौतीपूर्ण था. यह यात्रा काफी उतार-चढ़ाव भरी रही.

कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई यह दिखाती है कि समुदाय के सदस्य हमेशा समाज में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं.

डॉ. गर्ग ने कहा कि महामारी के चलते एक मानक उपचार प्रोटोकॉल और नवाचार आया. यह महामारी का जवाब देने वाली यात्रा थी.

सुनीला गर्ग का बयान.

स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि शनिवार को एक दिन में तीन लाख से अधिक लोगों को टीका लगाया जाएगा. कुछ राज्यों ने कोरोना टीका के हिसाब से टीकाकरण के लिए अस्पतालों को वर्गीकृत किया है. उदाहरण के तौर पर, दिल्ली सरकार ने 'कोविशील्ड' टीके के लिए 75 केंद्र और 'कोवैक्सीन' टीके के लिए छह अस्पताल निर्धारित किए हैं.

डॉ सुनीला गर्ग ने कहा कि हम पहले दिन बहुत महत्वाकांक्षी नहीं होना चाहते हैं. 3,006 केंद्रों के साथ कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू करना एक मामूली शुरुआत है. हम स्थायी प्रयास करेंगे, ताकि हम अंतिम लक्ष्य तक पहुंच सकें. अगले सप्ताह तक हम टीकाकरण केंद्रों को 5000 तक और उससे अधिक बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं.

महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई के पिछले एक साल में पीछे देखते हुए डॉ. गर्ग ने कहा कि शुरू से ही कोरोना वैक्सीन विकसित करने को लेकर दुनिया की निगाहें समान रूप से भारत पर भी थीं. आज हम दो स्वदेशी टीके के साथ तैयार हैं.

उन्होंने कहा कि भारत बहुत जल्द कोविड-19 टीकों का निर्यात करने में सक्षम होगा.

महामारी से जुड़ी प्रमुख घटनाएं
अब जबकि कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान शुरू हो रहा है. इस मौके पर ईटीवी भारत पिछले लगभग वर्ष में महामारी से जुड़ी कुछ प्रमुख घटनाओं का जिक्र कर रहा है.

  • 27 जनवरी, 2020 को केरल की 20 वर्षीय लड़की को त्रिस्सूर के जनरल अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया था. इस लड़की ने 23 जनवरी को चीन के वुहान शहर की यात्रा की थी.
  • 23 से 26 जनवरी के बीच लड़की में कोरोना का कोई लक्षण नहीं दिखाई दिया था. 19वें दिन लड़की की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई.
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को 11 मार्च, 2020 को महामारी घोषित किया और सभी देशों से इस स्वास्थ्य संकट के खिलाफ तत्काल और आक्रामक कार्रवाई करने को कहा.
  • अब तक, कोरोना महामारी से दुनिया भर के 222 देश और क्षेत्र प्रभावित हो चुके हैं.
  • महामारी के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई से भारत ने संक्रमण के मामलों और बीमारी से होने वाली मौतों को नियंत्रित किया. शुक्रवार तक भारत में कोरोना के कुल मामले 1,05,27,683 तक पहुंच गए हैं.
  • देश में कोरोना मरीजों के स्वस्थ्य होने की दर 96.53 प्रतिशत है. वर्तमान में केवल 2.02 प्रतिशत (2,13,027) मामले सक्रिय हैं. देश में अब तक 1.44 प्रतिशत (1,51,918) मौतें दर्ज की गई हैं.

शुक्रवार को जारी स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों में कहा गया है कि भारत में पिछले कुछ दिनों से प्रतिदिन 20,000 से कम कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पिछले सात दिनों में भारत में प्रति 10 लाख आबादी पर कोरोना के नए मामले 87 हैं. यह दुनिया में सबसे कम में से एक है. रूस, जर्मनी, ब्राजील, फ्रांस, इटली, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों की तुलना में यह संख्या काफी कम है.

डॉ. गर्ग ने कहा कि भारत ने पूरी तरह से सरकारी दृष्टिकोण अपनाया और सभी सरकारी तंत्र ने एक साथ मिलकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की अध्यक्षता में कोरोना महामारी पर एक मंत्री समूह (जीओएम) का गठन किया था. इसने पिछले साल फरवरी से अब तक 22 बार बैठक की है.

पढ़ें- कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारियां पूरी, सफाईकर्मियों को लगेगा पहला टीका

लॉकडाउन करने और हवाई सेवा को रद्द करने के अलावा, भारत ने महामारी से लड़ने के लिए कुछ कड़े फैसले लिए.

मेडिकल इमरजेंसी प्लानिंग, अस्पतालों-बिस्तरों की उपलब्धता, चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता, प्रौद्योगिकी और डेटा प्रबंधन, सूचना और जागरुकता के मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए 11 सशक्त समूहों का गठन किया गया था.

कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन सामने आने के बाद, सरकार ने भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) की भी स्थापना की है. जिसके तहत 10 प्रयोगशालाओं में जीनोम अनुक्रमण किया जाएगा.

कोविड-19 के लिए वैक्सीन प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह ने भी अहम कदम उठाए. जिसके बाद भारत ने दो स्वदेशी कोरोना टीके निर्धारित समय में विकसित कर लिया.

नई दिल्ली : भारत में कोरोना टीकाकरण अभियान शनिवार से शुरू हो रहा है. इसकी पूर्व संध्या पर दिल्ली के मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज की निदेशक प्रोफेसर डॉ. सुनीला गर्ग ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि पिछले साल जनवरी से लेकर अब तक की यात्रा चुनौतीपूर्ण थी.

वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ गर्ग ने कहा कि बीता एक साल नए टीकों, नए उपचार व नए तरीकों का पता लगाने तथा आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ने के संदर्भ में चुनौतीपूर्ण था. यह यात्रा काफी उतार-चढ़ाव भरी रही.

कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई यह दिखाती है कि समुदाय के सदस्य हमेशा समाज में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं.

डॉ. गर्ग ने कहा कि महामारी के चलते एक मानक उपचार प्रोटोकॉल और नवाचार आया. यह महामारी का जवाब देने वाली यात्रा थी.

सुनीला गर्ग का बयान.

स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि शनिवार को एक दिन में तीन लाख से अधिक लोगों को टीका लगाया जाएगा. कुछ राज्यों ने कोरोना टीका के हिसाब से टीकाकरण के लिए अस्पतालों को वर्गीकृत किया है. उदाहरण के तौर पर, दिल्ली सरकार ने 'कोविशील्ड' टीके के लिए 75 केंद्र और 'कोवैक्सीन' टीके के लिए छह अस्पताल निर्धारित किए हैं.

डॉ सुनीला गर्ग ने कहा कि हम पहले दिन बहुत महत्वाकांक्षी नहीं होना चाहते हैं. 3,006 केंद्रों के साथ कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू करना एक मामूली शुरुआत है. हम स्थायी प्रयास करेंगे, ताकि हम अंतिम लक्ष्य तक पहुंच सकें. अगले सप्ताह तक हम टीकाकरण केंद्रों को 5000 तक और उससे अधिक बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं.

महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई के पिछले एक साल में पीछे देखते हुए डॉ. गर्ग ने कहा कि शुरू से ही कोरोना वैक्सीन विकसित करने को लेकर दुनिया की निगाहें समान रूप से भारत पर भी थीं. आज हम दो स्वदेशी टीके के साथ तैयार हैं.

उन्होंने कहा कि भारत बहुत जल्द कोविड-19 टीकों का निर्यात करने में सक्षम होगा.

महामारी से जुड़ी प्रमुख घटनाएं
अब जबकि कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान शुरू हो रहा है. इस मौके पर ईटीवी भारत पिछले लगभग वर्ष में महामारी से जुड़ी कुछ प्रमुख घटनाओं का जिक्र कर रहा है.

  • 27 जनवरी, 2020 को केरल की 20 वर्षीय लड़की को त्रिस्सूर के जनरल अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया था. इस लड़की ने 23 जनवरी को चीन के वुहान शहर की यात्रा की थी.
  • 23 से 26 जनवरी के बीच लड़की में कोरोना का कोई लक्षण नहीं दिखाई दिया था. 19वें दिन लड़की की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई.
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को 11 मार्च, 2020 को महामारी घोषित किया और सभी देशों से इस स्वास्थ्य संकट के खिलाफ तत्काल और आक्रामक कार्रवाई करने को कहा.
  • अब तक, कोरोना महामारी से दुनिया भर के 222 देश और क्षेत्र प्रभावित हो चुके हैं.
  • महामारी के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई से भारत ने संक्रमण के मामलों और बीमारी से होने वाली मौतों को नियंत्रित किया. शुक्रवार तक भारत में कोरोना के कुल मामले 1,05,27,683 तक पहुंच गए हैं.
  • देश में कोरोना मरीजों के स्वस्थ्य होने की दर 96.53 प्रतिशत है. वर्तमान में केवल 2.02 प्रतिशत (2,13,027) मामले सक्रिय हैं. देश में अब तक 1.44 प्रतिशत (1,51,918) मौतें दर्ज की गई हैं.

शुक्रवार को जारी स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों में कहा गया है कि भारत में पिछले कुछ दिनों से प्रतिदिन 20,000 से कम कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पिछले सात दिनों में भारत में प्रति 10 लाख आबादी पर कोरोना के नए मामले 87 हैं. यह दुनिया में सबसे कम में से एक है. रूस, जर्मनी, ब्राजील, फ्रांस, इटली, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों की तुलना में यह संख्या काफी कम है.

डॉ. गर्ग ने कहा कि भारत ने पूरी तरह से सरकारी दृष्टिकोण अपनाया और सभी सरकारी तंत्र ने एक साथ मिलकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की अध्यक्षता में कोरोना महामारी पर एक मंत्री समूह (जीओएम) का गठन किया था. इसने पिछले साल फरवरी से अब तक 22 बार बैठक की है.

पढ़ें- कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारियां पूरी, सफाईकर्मियों को लगेगा पहला टीका

लॉकडाउन करने और हवाई सेवा को रद्द करने के अलावा, भारत ने महामारी से लड़ने के लिए कुछ कड़े फैसले लिए.

मेडिकल इमरजेंसी प्लानिंग, अस्पतालों-बिस्तरों की उपलब्धता, चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता, प्रौद्योगिकी और डेटा प्रबंधन, सूचना और जागरुकता के मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए 11 सशक्त समूहों का गठन किया गया था.

कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन सामने आने के बाद, सरकार ने भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) की भी स्थापना की है. जिसके तहत 10 प्रयोगशालाओं में जीनोम अनुक्रमण किया जाएगा.

कोविड-19 के लिए वैक्सीन प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह ने भी अहम कदम उठाए. जिसके बाद भारत ने दो स्वदेशी कोरोना टीके निर्धारित समय में विकसित कर लिया.

Last Updated : Jan 15, 2021, 11:03 PM IST
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