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बिहार में सरकारी स्कूल की 8 कट्ठा से ज्यादा जमीन को बेच दिया, दस्तावेज पर लिखा- 'राजा पृथ्वी चंद लाल का वंशज हूं'

पूर्णिया के जिस स्कूल का कुछ दिनों पहले शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक ने निरीक्षण किया था. अब उस स्कूल की जमीन ही भू-माफियाओं ने बेच दी और खुद को जमीन दान करने वाले राजा का वंशज बताया है. पढ़ें पूरी खबर..

राजा पृथ्वीराज चंद उच्च विद्यालय पूर्णिया
राजा पृथ्वीराज चंद उच्च विद्यालय पूर्णिया
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 27, 2023, 9:19 PM IST

पूर्णिया में स्कूल की जमीन बेच देने का मामला

पूर्णिया: बिहार के भू-माफियाओं ने तो हद ही कर दी है. इनसे सरकारी स्कूल तक की जमीन नहीं बची है. अब पूर्णिया के एक स्कूल की जमीन को उसके दानकर्ता का वंशज बताकर जमीन कारोबारियों ने उसका वारा-न्यारा कर दिया. इस मामले का सबसे बड़ा दिलचस्प हिस्सा यह है कि स्कूल की जमीन 5 सितंबर को बेची गई और 14 सितंबर को इस स्कूल का एसीएस केके पाठक ने निरीक्षण किया और कई सारे निर्देश दिये, लेकिन स्कूल की जमीन बिक जाने की तबतक किसी को भनक नहीं लग सकी.

ये भी पढ़ें : Purnea News: सीमांचल दौरे पर केके पाठक, स्कूलों के निरीक्षण से शिक्षकों में हड़कंप, कहा- 'बच्चे 3 दिन तक रहेंगे एबसेंट तो..'

8 कट्ठा 14 धूर जमीन बेची गई : यह मामला पूर्णिया के सदर थाना क्षेत्र स्थित राजा पृथ्वीराज चंद उच्च विद्यालय का है. इस स्कूल की 8 कट्ठा 14 धूर जमीन फर्जी तरीके से बेच दी गई. जिला शिक्षा पदाधिकारी शिवनाथ रजक ने बताया कि जमीन खरीदने वाले मो मंजूर आलम और मो शाहबाज आलम इसी स्कूल के पूर्ववर्ती छात्र हैं. इन दोनों छात्रों को स्कूल की जमीन की पूरी कहानी मालूम थी. दोनों इसी इलाके में रहते हैं. ब्रोकरों ने जिस स्कूल को बेचा उसे दशकों पहले राजा पृथ्वीचंद्र ने दान में दिया था.

"बेचने वालों ने राजा पृथ्वीचंद्र लाल का वंशज बनाकर औने-पौने भाव में खरीद लिया था. ब्रोकरों ने 5 सितम्बर को स्कूल की जमीन की रजिस्ट्री भी करा ली थी. स्कूल के प्रधानाध्यापक ने विद्यालय की जमीन को फर्जी तरीके से बेचने के मामले में ब्रोकर पूर्णिया सिटी नाका निवासी मो. मंजूर आलम, जाफरीबाग निवासी शाहबाज आलम, मीना अनिल गुप्ता, पहचान कराने वाले सिटी के नवरतन चौक निवासी विकेश कुमार सिंह और गवाह बने चिमनी बाजार निवासी मो. कौशर आलम व मो. तौसिफ अख्तर के खिलाफ 420 का मामला दर्ज कराया है".- शिवनाथ रजक, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पूर्णिया

1959 में राजा पृथ्वीचंद्र ने किया था दान : जब स्कूल की जमीन बेच दिये जाने की जानकारी स्कूल के प्रधानाचार्य अशोक यादव को मिली, तो उन्होंने इन जमीन दलालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है. प्रिंसिपल के आवेदन पर स्थानीय थाने में जमीन बेचने एवं खरीदने वाले 6 लोगों पर प्राथमिक की दर्ज गई है. अब इस मामले पर एक्शन लेते हुए डीएम के निर्देश पर 12 घंटे के भीतर स्कूल के नाम से म्यूटेशन करा लिया गया है. अशोक यादव ने बताया कि सिटी स्थित जमीन को 1959 में राजा पृथ्वीचंद्र ने विद्यालय को दान में दिया था.

"स्कूल की जमीन से संबंधित सभी दस्तावेज डीएम कुंदन कुमार को सौंपे गए हैं. स्कूल की 8 कट्ठा 14 धूर जमीन को ब्रोकरों ने बेच दिया था. इस जमीन की बिक्री मीना अनिल गुप्ता ने पूर्णिया सिटी के मो. मंजूर आलम को की थी".- अशोक यादव, प्रधानाध्यापक, राजा पृथ्वीराज चंद उच्च विद्यालय

जमीन की जमाबंदी कराई गई रद्द : वहीं पूर्णिया डीएसपी पुष्कर कुमार ने बताया कि राजा ने स्कूल को दो जगह जमीन दान दी थी. एक जगह 44 डिसमिल जमीन है, जिस पर स्कूल स्थित है. दान में जमीन देने के बाद भी स्कूल प्रबंधन ने इसकी जमाबंदी नहीं कराई थी. इस कारण जमींदार के पौत्र ने इस जमीन के पैतृक संपत्ति के खाते में आ रही थी. इसलिए उन्होंने इस जमीन को बेच दिया. बाद में पता चला तो जमीन की जमाबंदी अविलंब रद्द कराया गया है.

"प्रिंसिपल को सक्षम न्यायालय में जाकर रजिस्ट्री को कैंसिल कराना चाहिए और स्कूल प्रशासन को भी स्कूल की संपत्ति का ध्यान देना चाहिए कि अगर किसी ने संपत्ति दी है तो तुरंत उसकी जमाबंदी कराए. दिये गए आवेदन के आधार पर केस दर्ज किया गया है और उन्हें हिदायत दी गई है कि किसी भी प्रकार से जमीन पर न चढ़ें".- पुष्कर कुमार, डीएसपी, पूर्णिया

पूर्णिया में स्कूल की जमीन बेच देने का मामला

पूर्णिया: बिहार के भू-माफियाओं ने तो हद ही कर दी है. इनसे सरकारी स्कूल तक की जमीन नहीं बची है. अब पूर्णिया के एक स्कूल की जमीन को उसके दानकर्ता का वंशज बताकर जमीन कारोबारियों ने उसका वारा-न्यारा कर दिया. इस मामले का सबसे बड़ा दिलचस्प हिस्सा यह है कि स्कूल की जमीन 5 सितंबर को बेची गई और 14 सितंबर को इस स्कूल का एसीएस केके पाठक ने निरीक्षण किया और कई सारे निर्देश दिये, लेकिन स्कूल की जमीन बिक जाने की तबतक किसी को भनक नहीं लग सकी.

ये भी पढ़ें : Purnea News: सीमांचल दौरे पर केके पाठक, स्कूलों के निरीक्षण से शिक्षकों में हड़कंप, कहा- 'बच्चे 3 दिन तक रहेंगे एबसेंट तो..'

8 कट्ठा 14 धूर जमीन बेची गई : यह मामला पूर्णिया के सदर थाना क्षेत्र स्थित राजा पृथ्वीराज चंद उच्च विद्यालय का है. इस स्कूल की 8 कट्ठा 14 धूर जमीन फर्जी तरीके से बेच दी गई. जिला शिक्षा पदाधिकारी शिवनाथ रजक ने बताया कि जमीन खरीदने वाले मो मंजूर आलम और मो शाहबाज आलम इसी स्कूल के पूर्ववर्ती छात्र हैं. इन दोनों छात्रों को स्कूल की जमीन की पूरी कहानी मालूम थी. दोनों इसी इलाके में रहते हैं. ब्रोकरों ने जिस स्कूल को बेचा उसे दशकों पहले राजा पृथ्वीचंद्र ने दान में दिया था.

"बेचने वालों ने राजा पृथ्वीचंद्र लाल का वंशज बनाकर औने-पौने भाव में खरीद लिया था. ब्रोकरों ने 5 सितम्बर को स्कूल की जमीन की रजिस्ट्री भी करा ली थी. स्कूल के प्रधानाध्यापक ने विद्यालय की जमीन को फर्जी तरीके से बेचने के मामले में ब्रोकर पूर्णिया सिटी नाका निवासी मो. मंजूर आलम, जाफरीबाग निवासी शाहबाज आलम, मीना अनिल गुप्ता, पहचान कराने वाले सिटी के नवरतन चौक निवासी विकेश कुमार सिंह और गवाह बने चिमनी बाजार निवासी मो. कौशर आलम व मो. तौसिफ अख्तर के खिलाफ 420 का मामला दर्ज कराया है".- शिवनाथ रजक, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पूर्णिया

1959 में राजा पृथ्वीचंद्र ने किया था दान : जब स्कूल की जमीन बेच दिये जाने की जानकारी स्कूल के प्रधानाचार्य अशोक यादव को मिली, तो उन्होंने इन जमीन दलालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है. प्रिंसिपल के आवेदन पर स्थानीय थाने में जमीन बेचने एवं खरीदने वाले 6 लोगों पर प्राथमिक की दर्ज गई है. अब इस मामले पर एक्शन लेते हुए डीएम के निर्देश पर 12 घंटे के भीतर स्कूल के नाम से म्यूटेशन करा लिया गया है. अशोक यादव ने बताया कि सिटी स्थित जमीन को 1959 में राजा पृथ्वीचंद्र ने विद्यालय को दान में दिया था.

"स्कूल की जमीन से संबंधित सभी दस्तावेज डीएम कुंदन कुमार को सौंपे गए हैं. स्कूल की 8 कट्ठा 14 धूर जमीन को ब्रोकरों ने बेच दिया था. इस जमीन की बिक्री मीना अनिल गुप्ता ने पूर्णिया सिटी के मो. मंजूर आलम को की थी".- अशोक यादव, प्रधानाध्यापक, राजा पृथ्वीराज चंद उच्च विद्यालय

जमीन की जमाबंदी कराई गई रद्द : वहीं पूर्णिया डीएसपी पुष्कर कुमार ने बताया कि राजा ने स्कूल को दो जगह जमीन दान दी थी. एक जगह 44 डिसमिल जमीन है, जिस पर स्कूल स्थित है. दान में जमीन देने के बाद भी स्कूल प्रबंधन ने इसकी जमाबंदी नहीं कराई थी. इस कारण जमींदार के पौत्र ने इस जमीन के पैतृक संपत्ति के खाते में आ रही थी. इसलिए उन्होंने इस जमीन को बेच दिया. बाद में पता चला तो जमीन की जमाबंदी अविलंब रद्द कराया गया है.

"प्रिंसिपल को सक्षम न्यायालय में जाकर रजिस्ट्री को कैंसिल कराना चाहिए और स्कूल प्रशासन को भी स्कूल की संपत्ति का ध्यान देना चाहिए कि अगर किसी ने संपत्ति दी है तो तुरंत उसकी जमाबंदी कराए. दिये गए आवेदन के आधार पर केस दर्ज किया गया है और उन्हें हिदायत दी गई है कि किसी भी प्रकार से जमीन पर न चढ़ें".- पुष्कर कुमार, डीएसपी, पूर्णिया

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