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लखीमपुर खीरी हिंसा : आशीष मिश्रा सहित तीन आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज

लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Violence) मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा समेत तीन आरोपियों की जमानत याचिका खारिज हो गई है. जिला जज मुकेश मिश्रा ने लंबी बहस के बाद तीनों आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी. बता दें, लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में एसआईटी ने आशीष मिश्रा को नौ अक्टूबर को गिरफ्तार किया था.

लखीमपुर खीरी हिंसा
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Published : Nov 15, 2021, 7:34 PM IST

Updated : Nov 15, 2021, 7:55 PM IST

लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Violence) हिंसा मामले में सोमवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा सहित तीन आरोपियों की जमानत याचिका खारिज हो गई है. अदालत में लंबी बहस के बाद जिला जज मुकेश मिश्रा ने तीनों आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी.

सुनवाई के दौरान जिला जज की अदालत में बचाव पक्ष ने आशीष के मौका ए वारदात पर उपस्थित न होने के तमाम तर्क और दलीले दीं. अभियोजन की तरफ से डीजीसी से केस डायरी फॉरेंसिक रिपोर्ट, बैलिस्टिक रिपोर्ट पेश कर बचाव पक्ष की दलीलों को काटा. अभियोजन ने तमाम सुबूत मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा के मौका ए वारदात पर होने के पेश किए.

उधर दो और आरोपी आशीष पाण्डेय और लवकुश राना की जमानत पर भी बचाव ने अपनी दलीलें दीं. जिला जज मुकेश मिश्रा ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मुख्य आरोपी आशीष, साथी आशीष पाण्डेय, लवकुश राना की जमानत खारिज कर दी.

डीजीसी अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि अदालत में अभियोजन के ठोस साक्ष्यों के चलते बचाव की दलीलें काम नहीं आईं.

आशीष मिश्रा की जमानत पर करीब पौने दो घंटे जिला जज ने बचाव की दलीलें सुनीं. बचाव ने कहा कि आशीष मिश्रा मौके पर नहीं थे वो 11 बजे से शाम पांच बजे तक दंगल में ही थे. इसके अलावा भी बचाव पक्ष ने किसानों पर ही कानून तोड़ने और सड़क जाम करने के आरोप लगाकर कहा कि किसान खुद क्रिमिनल एक्ट कर रहे थे, तो उनका मुवक्किल दोषी कैसे?

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में तीन अक्टूबर को यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा का विरोध करने अग्रसेन ग्राउंड के मैदान पर हजारों की तादाद में किसान जमा हुए थे. संयुक्त किसान मोर्चा की कॉल पर किसानों ने हेलीपैड पर कब्जा कर लिया था. दोपहर में जब डिप्टी सीएम का कार्यक्रम बदल गया और रूट डायवर्ट हो गया तो किसान वापस जा रहे थे. तभी पीछे से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की थार जीप ने चार किसानों और एक पत्रकार को कुचल दिया था.

इसके बाद उग्र भीड़ ने तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी थी, जिसमें केंद्रीय मंत्री के ड्राइवर हरिओम मिश्रा, भाजपा के मंडल मंत्री श्यामसुंदर निषाद और भाजपा कार्यकर्ता शिवम मिश्रा शामिल थे.

यह भी पढ़ें- लखीमपुर हिंसा मामला: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के ड्राइवर हरिओम का मोबाइल खोलेगा राज!

किसानों का आरोप है कि इस हत्याकांड में थार गाड़ी मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा चला रहे थे. हालांकि, आशीष आरोपों को नकारते रहे हैं. इस मामले में तिकुनिया कोतवाली में किसानों की तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई थी.

इस मामले में एसआईटी अब तक मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा, उनके साथी व्यापारी अंकित दास सहित 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.

दूसरे मुकदमे में भी एसआईटी ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

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सुनवाई के दौरान जिला जज की अदालत में बचाव पक्ष ने आशीष के मौका ए वारदात पर उपस्थित न होने के तमाम तर्क और दलीले दीं. अभियोजन की तरफ से डीजीसी से केस डायरी फॉरेंसिक रिपोर्ट, बैलिस्टिक रिपोर्ट पेश कर बचाव पक्ष की दलीलों को काटा. अभियोजन ने तमाम सुबूत मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा के मौका ए वारदात पर होने के पेश किए.

उधर दो और आरोपी आशीष पाण्डेय और लवकुश राना की जमानत पर भी बचाव ने अपनी दलीलें दीं. जिला जज मुकेश मिश्रा ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मुख्य आरोपी आशीष, साथी आशीष पाण्डेय, लवकुश राना की जमानत खारिज कर दी.

डीजीसी अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि अदालत में अभियोजन के ठोस साक्ष्यों के चलते बचाव की दलीलें काम नहीं आईं.

आशीष मिश्रा की जमानत पर करीब पौने दो घंटे जिला जज ने बचाव की दलीलें सुनीं. बचाव ने कहा कि आशीष मिश्रा मौके पर नहीं थे वो 11 बजे से शाम पांच बजे तक दंगल में ही थे. इसके अलावा भी बचाव पक्ष ने किसानों पर ही कानून तोड़ने और सड़क जाम करने के आरोप लगाकर कहा कि किसान खुद क्रिमिनल एक्ट कर रहे थे, तो उनका मुवक्किल दोषी कैसे?

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में तीन अक्टूबर को यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा का विरोध करने अग्रसेन ग्राउंड के मैदान पर हजारों की तादाद में किसान जमा हुए थे. संयुक्त किसान मोर्चा की कॉल पर किसानों ने हेलीपैड पर कब्जा कर लिया था. दोपहर में जब डिप्टी सीएम का कार्यक्रम बदल गया और रूट डायवर्ट हो गया तो किसान वापस जा रहे थे. तभी पीछे से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की थार जीप ने चार किसानों और एक पत्रकार को कुचल दिया था.

इसके बाद उग्र भीड़ ने तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी थी, जिसमें केंद्रीय मंत्री के ड्राइवर हरिओम मिश्रा, भाजपा के मंडल मंत्री श्यामसुंदर निषाद और भाजपा कार्यकर्ता शिवम मिश्रा शामिल थे.

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किसानों का आरोप है कि इस हत्याकांड में थार गाड़ी मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा चला रहे थे. हालांकि, आशीष आरोपों को नकारते रहे हैं. इस मामले में तिकुनिया कोतवाली में किसानों की तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई थी.

इस मामले में एसआईटी अब तक मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा, उनके साथी व्यापारी अंकित दास सहित 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.

दूसरे मुकदमे में भी एसआईटी ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

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Last Updated : Nov 15, 2021, 7:55 PM IST
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