बक्सर : कोरोना काल में केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र में संसाधनों का घोर अभाव देखने को मिला. यहां के अस्पताल राम भरोसे चल रहे हैं. यहां तक कि सरकारी अस्पतालों में एजिथ्रोमाइसिन टैबलेट नहीं है. विभागीय अधिकारी दवा के लिए 6 अप्रैल से ही पत्र भेज रहे हैं. उसके बाद भी दवा उपलब्ध नहीं कराई गई है.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का जो आलम है उसे समझने की जरूरत है. जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए केवल 6 एम्बुलेंस ही उपलब्ध है. वहीं, 6 एम्बुलेंस को मंत्री जी ने जिले से हटाकर कहीं और भेज दिया. इतना ही नहीं कोरोना काल मे मंत्री जी अपने संसदीय क्षेत्र तक नहीं आए, ना ही सांसद निधि से क्षेत्र के लिए कोई सहयोग दिया.
कोरोनाकाल में अव्यवस्थाओं का आलम
बक्सर जिले में महामारी के इस दौर में जिले के सरकारी अस्पतालों में एजिथ्रोमाइसिन टैबलेट नहीं है. जिसके लिए 6 अप्रैल से स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा जा रहा है, लेकिन किसी ने कोई सुध नहीं ली. इसके अलावा क्षेत्र में इन दिनों श्मशान घाट पर शवों में लगातार इजाफा हो रहा है. सामान्य दिनों की अपेक्षा 3 गुना शव श्मशान घाट पर आ रहे हैं. जिनके शव दाह के लिए केवल चरित्रवन श्मशान घाट पर ही मात्र व्यवस्था है.
एक वेंटिलेटर के सहारे मरीजों का इलाज
जिले में कुल चार वेंटिलेटर हैं, जिसमें से 3 वेंटिलेटर मैन पावर के अभाव में बंद पड़े हैं. जिन्हें चालू करने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार जुटा हुआ है. डुमरांव और बक्सर अनुमंडल में 1 वेंटिलेटर के सहारे मरीजों का इलाज चल रहा है.
कोरोना से अब तक 42 लोगों की मौत
जिले में कोरोना महामारी से निपटने के लिए 11 पीएचसी, सदर अस्पताल और रेलवे स्टेशन पर कोरोना जांच की व्यवस्था की गई है. डुमरांव और बक्सर अनुमंडल में 500 बेड का कोविड अस्पताल बनाया गया है. दोनों ही अनुमंडल में 1-1 कोविड अस्पताल की व्यवस्थी की गई है.
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वहीं, 4 निजी नर्सिंग होम में भी इलाज की व्यवस्था की गई है. जिले में 368 कंटेन्मेंट जोन बनाए गए हैं. कोविड केयर सेंटर में 60 बेड पर ऑक्सीजन देने की सुविधा उपलब्ध है. सिंगरौली और औरंगाबाद से ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है. साथ ही अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन भी उपलब्ध कराए गए हैं.