कुरुक्षेत्र: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने चंद्रयान 3 की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग कराकर विश्व भर में अपना लोहा मनवाया है. इसरो की इस बड़ी उपलब्धि के पीछे इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ का बड़ा योगदान है. एस सोमनाथ की इस बड़ी उपलब्धि के चलते हरियाणा का कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय उनको 2021-22 के गोयल शांति पुरस्कार से सम्मानित करेगा.
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ ने जानकारी देते हुए बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की गोयल पुरस्कार समिति के द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई पहचान बनाने वाले इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ को अक्टूबर महीने में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किए जाने वाले गोयल अवार्ड समारोह में सम्मानित किया जाएगा.
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केयू कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा की अध्यक्षता में गोयल प्राइज अवार्ड कमेटी ने इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ को गोयल शांति पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केयू के इस निर्णय की सराहना की है।
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— @OfficialKUK (@VC_kuk) September 6, 2023
एस सोमनाथ ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आने के लिए हां भी कर दी है. कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ ने कहा कि एस सोमनाथ के अथक प्रयासों के चलते इसरो ने पूरे विश्व में एक बहुत ही बड़ी सफलता हासिल की है और भारत को एक नई विश्व शक्ति बनाने में उनका अहम योगदान है. इसरो के चेयरमैन द्वारा ही आने वाले वर्षों में हम और हमारा देश और भी बड़ी उपलब्धियां हासिल करेगा.
आपको बता दे कि गोयल शांति पुरस्कार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय और अप्रवासी भारतीय स्व रामस्वरूप गोयल के द्वारा 1992 में शुरू किया गया था. इसमें वह देश भर से भारत के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों को हर वर्ष समारोह में बुलाकर यह अवार्ड देते हैं और सम्मानित करते हैं. कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय देश के 110 प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों को अब तक इस अवार्ड से सम्मानित कर चुका है.
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