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अब एक क्लिक में पाएं कोलकाता की प्रसिद्ध मूर्तियां, कारीगरों की पहचान

अब से लोगों को एक क्लिक में पश्चिम बंगाल की मूर्तियां ऑनलाइन मिलेंगी और उन्हें ऑर्डर भी तुरंत कर सकते हैं. इतना ही नहीं, उन मूर्तियों को तराशने वाले कारीगर के बारे में भी वेबसाइट पर उपलब्ध होगी. जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

पश्चिम बंगाल
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Published : Sep 3, 2022, 3:55 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल का दुर्गा पूजा (Durga Puja Of West Bengal) देश ही नहीं, दुनियाभर में प्रसिद्ध है. अब इस दुर्गा पूजा को यूनेस्को ने भी हैरिटेज की मान्यता दे दी है. वहीं, यहां के कुमारतुली में बनने वाली देवी-देवताओं की मूर्तिकला की दुनियाभर में काफी प्रशंसा की जाती है. लेकिन कारीगरों की पहचान छुप जाती है. अब से पश्चिम बंगाल के कारीगरों की भी पहचान सामने आएगी और उनकी कला को भी सराहा जाएगा. ये संभव होगा ऑनलाइन के जरिये.

एक क्लिक में पाएं कोलकाता की प्रसिद्ध मूर्तियां
एक क्लिक में पाएं कोलकाता की प्रसिद्ध मूर्तियां

जी हां, अब से लोगों को एक क्लिक में पश्चिम बंगाल की मूर्तियां ऑनलाइन मिलेंगी (Online Order Of Idols) और उन्हें ऑर्डर भी तुरंत कर सकते हैं. इतना ही नहीं, उन मूर्तियों को तराशने वाले कारीगर के बारे में भी वेबसाइट पर उपलब्ध होगी. कोविड महामारी के बाद से कारीगरों की हालत खराब है. हालांकि, दो साल के लंबे अंतराल के बाद वे धीरे-धीरे लय में लौटने लगे हैं. लेकिन बाजार में लौटने के बावजूद पहले जैसी आमदनी नहीं हो पा रही है, जिसकी वजह से कारीगरों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में नई पीढ़ी भी इस पुरानी व्यवस्था 'बयाना' (ऑर्डर) से धीरे-धीरे दूर होती जा रही है. इस बात को ध्यान में रखकर अब कुमारतुली डिजिटल दुनिया में प्रवेश करने जा रही है. पहले केवल शहर के प्रसिद्ध कारीगरों की वेबसाइटें थीं. लेकिन अब कई नई पीढ़ी के कलाकार डिजिटल दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं. कुम्हार के अध्यक्ष एसोसिएशन बाबू पाल ने कहा, " मूर्तिकला में छोटे कलाकार पीछे छुटते जा रहे हैं. वहीं, नई पीढ़ी भी आगे नहीं बढ़ पा रही है. ऐसे में हमें बदलाव की जरूरत है. इसलिए एक संगठन से हमने हाथ मिलाया है."

कुमारतुली की मूर्तिकला
कुमारतुली की मूर्तिकला

संगठन के प्रमुख प्रत्यय सूर ने कहा कि वे सभी कारीगरों को एक छत के नीचे लाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "हम सभी कलाकारों को एक छत के नीचे लाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि लोग कलाकारों को पहचान सकें. ज्यादातर समय लोग कलाकारों के काम को सराहाते हैं, लेकिन उन्हें पता ही नहीं होता कि मूर्ति को तराशने वाला कौन है. इसलिए, हमने एक ऐप बनाया है, जिसमें कई कलाकार खुद को उस ऐप से जोड़ रहे हैं. खरीदार सभी कलाकारों के नए और पुराने कार्यों को देखने के लिए ऐप को इंस्टॉल कर सकते हैं. इस ऐप के जरिये वे मूर्तियों का ऑर्डर भी कर सकते हैं. पहले से ही 20 कलाकार इस ऐप से जुड़ (Artisans App) चुके हैं.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल का दुर्गा पूजा (Durga Puja Of West Bengal) देश ही नहीं, दुनियाभर में प्रसिद्ध है. अब इस दुर्गा पूजा को यूनेस्को ने भी हैरिटेज की मान्यता दे दी है. वहीं, यहां के कुमारतुली में बनने वाली देवी-देवताओं की मूर्तिकला की दुनियाभर में काफी प्रशंसा की जाती है. लेकिन कारीगरों की पहचान छुप जाती है. अब से पश्चिम बंगाल के कारीगरों की भी पहचान सामने आएगी और उनकी कला को भी सराहा जाएगा. ये संभव होगा ऑनलाइन के जरिये.

एक क्लिक में पाएं कोलकाता की प्रसिद्ध मूर्तियां
एक क्लिक में पाएं कोलकाता की प्रसिद्ध मूर्तियां

जी हां, अब से लोगों को एक क्लिक में पश्चिम बंगाल की मूर्तियां ऑनलाइन मिलेंगी (Online Order Of Idols) और उन्हें ऑर्डर भी तुरंत कर सकते हैं. इतना ही नहीं, उन मूर्तियों को तराशने वाले कारीगर के बारे में भी वेबसाइट पर उपलब्ध होगी. कोविड महामारी के बाद से कारीगरों की हालत खराब है. हालांकि, दो साल के लंबे अंतराल के बाद वे धीरे-धीरे लय में लौटने लगे हैं. लेकिन बाजार में लौटने के बावजूद पहले जैसी आमदनी नहीं हो पा रही है, जिसकी वजह से कारीगरों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में नई पीढ़ी भी इस पुरानी व्यवस्था 'बयाना' (ऑर्डर) से धीरे-धीरे दूर होती जा रही है. इस बात को ध्यान में रखकर अब कुमारतुली डिजिटल दुनिया में प्रवेश करने जा रही है. पहले केवल शहर के प्रसिद्ध कारीगरों की वेबसाइटें थीं. लेकिन अब कई नई पीढ़ी के कलाकार डिजिटल दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं. कुम्हार के अध्यक्ष एसोसिएशन बाबू पाल ने कहा, " मूर्तिकला में छोटे कलाकार पीछे छुटते जा रहे हैं. वहीं, नई पीढ़ी भी आगे नहीं बढ़ पा रही है. ऐसे में हमें बदलाव की जरूरत है. इसलिए एक संगठन से हमने हाथ मिलाया है."

कुमारतुली की मूर्तिकला
कुमारतुली की मूर्तिकला

संगठन के प्रमुख प्रत्यय सूर ने कहा कि वे सभी कारीगरों को एक छत के नीचे लाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "हम सभी कलाकारों को एक छत के नीचे लाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि लोग कलाकारों को पहचान सकें. ज्यादातर समय लोग कलाकारों के काम को सराहाते हैं, लेकिन उन्हें पता ही नहीं होता कि मूर्ति को तराशने वाला कौन है. इसलिए, हमने एक ऐप बनाया है, जिसमें कई कलाकार खुद को उस ऐप से जोड़ रहे हैं. खरीदार सभी कलाकारों के नए और पुराने कार्यों को देखने के लिए ऐप को इंस्टॉल कर सकते हैं. इस ऐप के जरिये वे मूर्तियों का ऑर्डर भी कर सकते हैं. पहले से ही 20 कलाकार इस ऐप से जुड़ (Artisans App) चुके हैं.

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