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कर्नाटक सरकार टिकैत के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस ले : कुमारस्वामी - टिकैत के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस ले

जनता दल (एस) नेता एच. डी. कुमारस्वामी ने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के खिलाफ राज्य में दर्ज मामलों को राज्य सरकार से वापस लेने की मांग की है. उन्होंने इसे किसानों की आवाज दबाने की कोशिश करार दिया है.

कुमारस्वामी
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Published : Mar 25, 2021, 6:02 PM IST

बेंगलुरु : जनता दल (एस) नेता एच. डी. कुमारस्वामी ने भड़काऊ भाषण देने के आरोप में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत के खिलाफ राज्य में दर्ज मामलों को किसानों की 'आवाज दबाने की कोशिश' करार दिया. उन्होंने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार से इन्हें वापस लेने की मांग की.

बता दें कि कर्नाटक के शिमोगा और हावेरी में टिकैत के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं.

पढ़ें : बंगाल चुनाव में तृणमूल-सीपीआईएम में मिलीभगत को भाजपा ने बनाया मुद्दा

कुमारस्वामी ने कहा, 'पुलिस ने भड़काऊ भाषण देने के आरोप में भाकियू नेता राकेश टिकैत के खिलाफ शिमोगा और हावेरी में मामले दर्ज किए हैं. यह कुछ नहीं, बल्कि किसानों की आवाज दबाने की कोशिश है.'

पूर्व मुख्यमंत्री ने सिलसिलेवार कई ट्वीट कर जानना चाहा कि अगर वास्तव में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में उन लोगों के खिलाफ मामले दर्ज हुए हैं, तो अब तक कितने भाजपा नेताओं के खिलाफ ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं.

पढ़ें : ममता का अब्बास सिद्दीकी पर हमला, लगाया भाजपा से पैसे लेने का आरोप

उल्लेखनीय है कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे टिकैत ने 20 मार्च को दक्षिण भारत में आयोजित पहली महापंचायत को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने कर्नाटक के किसानों से विरोध तेज करने और कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर से बेंगलुरु का रास्ता रोकने का आह्वान किया था.

कुमास्वामी ने कहा कि टिकैट के भाषण में कुछ भी भड़काऊ नहीं है और अगर कोई मानता है कि यह भड़काऊ है, तो यह उसकी गलत समझ है.

उन्होंने कहा, संविधान में मिले अधिकार के तहत संघर्ष करने एवं संघर्ष का आह्वान करने का अधिकार है. टिकैत ने हमला करने या हत्या करने का आह्वान नहीं किया. उनके खिलाफ दर्ज मामलों को यथाशीघ्र वापस लेना चाहिए.

बेंगलुरु : जनता दल (एस) नेता एच. डी. कुमारस्वामी ने भड़काऊ भाषण देने के आरोप में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत के खिलाफ राज्य में दर्ज मामलों को किसानों की 'आवाज दबाने की कोशिश' करार दिया. उन्होंने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार से इन्हें वापस लेने की मांग की.

बता दें कि कर्नाटक के शिमोगा और हावेरी में टिकैत के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं.

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कुमारस्वामी ने कहा, 'पुलिस ने भड़काऊ भाषण देने के आरोप में भाकियू नेता राकेश टिकैत के खिलाफ शिमोगा और हावेरी में मामले दर्ज किए हैं. यह कुछ नहीं, बल्कि किसानों की आवाज दबाने की कोशिश है.'

पूर्व मुख्यमंत्री ने सिलसिलेवार कई ट्वीट कर जानना चाहा कि अगर वास्तव में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में उन लोगों के खिलाफ मामले दर्ज हुए हैं, तो अब तक कितने भाजपा नेताओं के खिलाफ ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं.

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उल्लेखनीय है कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे टिकैत ने 20 मार्च को दक्षिण भारत में आयोजित पहली महापंचायत को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने कर्नाटक के किसानों से विरोध तेज करने और कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर से बेंगलुरु का रास्ता रोकने का आह्वान किया था.

कुमास्वामी ने कहा कि टिकैट के भाषण में कुछ भी भड़काऊ नहीं है और अगर कोई मानता है कि यह भड़काऊ है, तो यह उसकी गलत समझ है.

उन्होंने कहा, संविधान में मिले अधिकार के तहत संघर्ष करने एवं संघर्ष का आह्वान करने का अधिकार है. टिकैत ने हमला करने या हत्या करने का आह्वान नहीं किया. उनके खिलाफ दर्ज मामलों को यथाशीघ्र वापस लेना चाहिए.

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