गाजीपुर: गाजीपुर के बसपा सांसद अफजाल अंसारी और उनके भाई माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर केस में अदालत का फैसला अब 29 अप्रैल को सुनाया जाएगा. 16 वर्ष पुराने इस प्रकरण की सुनवाई के बाद फैसले के लिए अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ/एमपी-एमएलए अदालत ने पहले 15 अप्रैल की तारीख तय की थी.
22 नवंबर 2007 को मुहम्मदाबाद पुलिस ने विभिन्न मामलों में सांसद अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी को शामिल कर गिरोह बंद अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था. वहीं मुख्तार अंसारी पर एक और गैंगस्टर का मामला एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहा है. यह मामला चंदौली में 1996 कोयला व्यवसायी नंदकिशोर रुंगटा अपहरण और हत्याकांड और कृष्णानंद राय हत्या कांड को जोड़कर दर्ज किया गया था. अफजाल अंसारी पर कृष्णानंद राय हत्याकांड को लेकर गैंग चार्ट बनाया गया था. गैंगस्टर के मामले में अंसारी बंधुओं पर गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट (Ghazipur MP MLA Court) अपना फैसला अब 29 अप्रैल को सुनाएगी.
कृष्णानंद राय हत्याकांड: 29 नवंबर 2005 में तत्कालीन बीजेपी विधायक कृष्णानन्द राय की मुहम्मदाबाद के भवारकोल थाना क्षेत्र के बसनिया चट्टी पर बीजेपी विधायक कृष्णानन्द राय समेत 7 लोगों की हत्या (Krishnanand Rai Murder Case) कर दी गई थी. इस हत्याकांड में मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी मुख्य आरोपी थे. यह मामला सीबीआई कोर्ट में चल रहा रहा था. सीबीआई कोर्ट से दोनों भाई मुख्तार अंसारी और अफजल अंसारी बरी हो चुके हैं.
सांसद अफजाल अंसारी और माफिया मुख्तार अंसारी पर 2007 में गैंगस्टर एक्ट के तहत केस (Gangster Case against Mukhtar Afzal Ansari) दर्ज किया गया था. इस केस की बहस 1 अप्रैल को पूरी हो गयी थी. न्यायालय के फैसले को लेकर सियासत गरम है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस फैसले का पूरा प्रभाव लोकसभा चुनाव 2024 पर पड़ेगा. अगर न्यायालय सांसद अफजाल अंसारी को दोषी करार देती है, तो उनकी लोकसभा से सदस्यता समाप्त हो जायेगी.
वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भी उनके ऊपर राजनीतिक संकट के बादल छाये रहेंगे. 16 वर्ष पुराने इस मामले की सुनवाई के बाद फैसले के लिए अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ/एमपी-एमएलए कोर्ट ने 15 अप्रैल की तिथि तय की थी. कोर्ट के फैसले से पहले जिले में चर्चा का बाजार गरम है. दूसरे गैंगस्टर के मामले में 15 दिसंबर 2022 को मुख्तार अंसारी और भीम सिंह को इसी न्यायालय ने 10-10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी.
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