कोरबा : छत्तीसगढ़ में चुनाव करीब है. ऐसे में कर्मचारी और उनसे जुड़े संगठन सरकार को अपनी नाराजगी, एकजुटता और वोट की ताकत का अहसास कराकर अपनी मांगें पूरी कराना चाहते हैं.अब छत्तीसगढ़ में उत्कृष्ट कार्यों के बदले राज्यपाल और राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित शिक्षकों ने भी आवाज उठाई है. इन शिक्षकों ने आउट ऑफ टर्न प्रमोशन की मांग के साथ रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की मांग सरकार से की है. छत्तीसगढ़ में लगभग 1000 शिक्षक राज्यपाल या फिर राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित हो चुके हैं. वहीं आउट ऑफ टर्न प्रमोशन का नियम सिर्फ पुलिस महकमे में ही लागू है.
क्यों कर रहे हैं शिक्षक मांग : गवर्नर और प्रेसिडेंट्स अवॉर्ड पाने वाले शिक्षक खुद को दूसरे शिक्षकों से अलग मानते हैं. इन शिक्षकों का कहना है कि ये दूसरे शिक्षकों की अपेक्षा अध्यापन कार्यों में असाधारण भूमिका निभाते हैं. इसलिए इन्हें भी पुलिस महकमे की तरह आउट ऑफ टर्म प्रमोशन मिलना चाहिए. रिटायरमेंट की उम्र सीमा में दो साल की बढ़ोतरी की जानी चाहिए. शैक्षणिक गतिविधियों के लिए सर्वोच्च सम्मान प्राप्त करने वाले शिक्षक अब अपनी इन दो मांगों के लिए प्रयास शुरू करने की तैयारी में हैं.
![Demand For Out Of Term Promotion](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/20-07-2023/19053252_a.jpg)
छत्तीसगढ़ में ऐसे 1000 शिक्षक हैं. जिन्होंने मुख्यमंत्री अलंकरण, राज्यपाल या राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त किया है. लेकिन इन्हें कोई अतिरिक्त लाभ नहीं मिल पाता. इसलिए हम सभी ने अपना एक ग्रुप बनाया है. हमारी वर्चुअल मीटिंग भी हो चुकी है. हम सरकार से 2 बिंदु पर मांग कर रहे हैं. - मुकुंद उपाध्याय, शिक्षक, राज्यपाल से पुरस्कृत
शिक्षक तन मन धन से शिक्षा विभाग में अपनी सेवा देते हैं. हमारे जैसे कई शिक्षक हैं, जो शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार कर रहे हैं. मध्यप्रदेश में यह नियम लागू है कि राष्ट्रपति और राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया जाए, तो क्यों नहीं छत्तीसगढ़ में भी इसे लागू कर दिया जाता. इसका लाभ हमारे खास शिक्षक साथियों को मिलेगा. -नोहर चंद्रा, शिक्षक, राज्यपाल से पुरस्कृत
अवॉर्डी शिक्षकों के हाथ लगी मायूसी : इस मुद्दे को तब और बल मिला जब छत्तीसगढ़ राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर शिक्षा विभाग के पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया क्रमवार जारी की गई. लेकिन इस प्रक्रिया से उन शिक्षकों को मायूस होना पड़ा, जिन्होंने अपने कार्यों से भारत के राष्ट्रपति और राज्यपाल के हाथों पुरस्कृत होने का गौरव प्राप्त किया है.
मुख्यमंत्री अलंकरण प्राप्त करने वाले शिक्षक भूपेंद्र राठौर के मुताबिक मध्य प्रदेश सरकार की नियमावली में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है. यदि कोई भी शिक्षक राष्ट्रपति और राज्यपाल के हाथों पुरस्कृत होते हैं तो उन्हें आउट आफ टर्न प्रमोशन दिया जाना है. छत्तीसगढ़ में केवल नक्सल इलाकों में तैनात पुलिसकर्मियों के लिए ही आउट ऑफ टर्न प्रमोशन का नियम है. शिक्षा विभाग में भी इस नियम को लागू करने की मांग की जा रही है.
![Demand For Out Of Term Promotion](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/20-07-2023/19053252_b.jpg)
क्या होता है आउट ऑफ टर्म प्रमोशन : आउट ऑफ टर्न प्रमोशन वे प्रमोशन हैं, जो किसी भी कर्मचारी को सीनियर कर्मचारियों से पहले दिए जाते हैं. जिनके पास पहले प्रमोशन का अधिकार था. इस प्रकार की पदोन्नति कर्मचारी को उसकी सेवा के दौरान किए गए कुछ असाधारण अच्छे कार्यों के कारण दी जाती है. अन्य कर्मचारियों को ऐसे असाधारण अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित करने के लिए यह आवश्यक माना गया है. लेकिन छत्तीसगढ़ में सिर्फ पुलिस विभाग में इस तरह के नियम लागू हैं.