कोलकाता: रसगुल्ला बंगाल का हो या उड़ीसा का, लेकिन लंबी लड़ाई के बाद बंगाल ने जीआई टैग हासिल कर लिया था. तब से, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चाहती थीं कि कोलकाता एक रसगुल्ला हब बन जाए. वह शहर की मशहूर मिठाई की दुकानों को एक ही छत के नीचे लाकर शहर के बीचों-बीच इस मिठाई का अड्डा बनाना चाहती थी. अंत में, सपना सच होने के लिए तैयार है.
शहर में सिर्फ रसगुल्ला वाला एक खास स्वीट हब विकसित होने वाला है. और इसे नोनापुकुर में ही ट्राम डिपो की अनुपयोगी जमीन पर बनाया जा रहा है. सरकार ने विभिन्न व्यावसायिक उपक्रमों के लिए सरकारी बस डिपो की बेकार पड़ी जमीन का उपयोग करके परिवहन विभाग की आय बढ़ाने की योजना पहले ही बना ली है. लेकिन परिवहन विभाग ने यहां रसगुल्ला हब निर्माण को हरी झंडी देने में देर नहीं की.
बल्कि, पता चला है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की इच्छा पर मिष्ठी उद्योग संगठन मिष्टी उद्योग इस रसगुल्ला हब को बनाने की दिशा में काम करेगा. कोलकाता उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक अभिजीत बनर्जी ने कहा, 'राज्य लघु उद्योग विकास निगम पहले से ही इस परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट यानी डीपीआर तैयार करने पर काम कर रहा है. पूरा होने पर डीपीआर वित्त विभाग को भेजी जाएगी.
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और एक बार जब वित्त विभाग इसे मंजूरी दे देता है, तो रसगुल्ला हब का निर्माण आधिकारिक तौर पर शुरू हो जाएगा.' अब तक जो पुष्टि हुई है, उसके मुताबिक इस हब में करीब 38 तरह के रसगुल्ला होंगे. यहां छोटे उद्योग जैसे मिठाई व्यापारी भी यदि चाहें तो अपने प्रतिष्ठानों के विस्तार के लिए ऋण प्राप्त कर सकते हैं. ऐसे में राज्य सरकार योजना के तहत कर्ज पर 35 फीसदी सब्सिडी देगी. यह भी पता चला है कि यहां राज्य के साथ-साथ केंद्रीय मुद्रा योजना में भी व्यापारियों को मदद मिल सकती है.