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11 महीने के बच्चे ने निगली ब्लेड, डॉक्टरों ने सर्जरी कर बचाई जान - 11 month old baby swallowed blade

कोलकाता में खेलते समय एक 11 महीने के बच्चे ने ब्लेड निगल ली (11 month old baby swallowed whole blade ). डॉक्टरों ने दुर्लभ सर्जरी के बाद ब्लेड बाहर निकाली. बच्चा अब पूरी तरह से स्वस्थ है.

11 month old baby swallowed whole blade
11 महीने के बच्चे ने निगली ब्लेड
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Published : Jan 3, 2023, 6:08 PM IST

कोलकाता : कोलकाता के नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (Nil Ratan Sircar Medical College and Hospital) के डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक एक दुर्लभ सर्जरी की. 11 महीने के बच्चे ने खेलते समय ब्लेड निगल ली थी, जिसे डॉक्टरों की टीम ने निकालकर उसकी जान बचाई (11 month old baby swallowed whole blade).

बच्चे की एक्सरा रिपोर्ट
बच्चे की एक्सरा रिपोर्ट

जब बच्चे दीपदास ने ब्लेड निगल लिया तो मुर्सिदाबाद का रहने वाला ये परिवार उसे बहरामपुर मेडिकल कॉलेज ले गया. वहां से बच्चे को नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज रिफर कर दिया गया. कोलकाता स्थित मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने शुक्रवार को जटिल सर्जरी की और बच्चे को बचा लिया. बच्चा अब पूरी तरह स्वस्थ है.

दीपदास की मां ने घटना के बारे में बताया 'गुरुवार की सुबह बच्चा अन्य बच्चों के साथ छत पर खेल रहा था फिर वह सो गया. हमने उसके पैर पर थोड़ा सा खून लगा देखा. शरीर के अन्य हिस्से पर भी थोड़ा खून दिखा. इस पर उसका मुंह खोलकर देखा तो उसके गले के अंदर ब्लेड थी. मैं उसकी पीठ थपथपाती रही ताकि खांसे और ब्लेड निकल जाए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. ब्लेड और नीचे खिसक गई.'

इसके बाद बच्चे को तुरंत स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका एक्स-रे किया गया, जिसमें उसके पेट में ब्लेड दिखी. इसके बाद उसे बहरामपुर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां से उन्हें कोलकाता के नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज और अस्पताल रेफर कर दिया गया. यहां गुरुवार शाम बच्चा भर्ती कराया गया था.

शुक्रवार को सर्जरी की गई. सर्जरी टीम का नेतृत्व बाल रोग विभाग के एमडी निरूप बिस्वास ने किया.उन्होंने बताया कि 'जब हमें बच्चा मिला, तो हमने अल्ट्रासोनोग्राफी की. हमने देखा कि पेट में ब्लेड फंसी थी. अगले दिन हमने ऑपरेशन करने का फैसला किया. बच्चो को पूरी तरह से बेहोश कर दिया गया था. हमें डर था कि पेट में बहुत तरल पदार्थ है इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना था कि इसमें कोई दिक्कत न हो.

डॉ. निरुप बिश्वास ने मंगलवार को ईटीवी भारत को बताया कि 'अगर यह बच्चे के पेट में प्रवेश करने से पहले अन्नप्रणाली में फंस गया होता, तो यह एक गंभीर समस्या होती. यह सर्जरी करीब 45 मिनट तक चली. अब बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है और कुछ दिनों में उसे अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी.'

पढ़ें- कर्नाटक : सिक्का निगलने से चार साल की बच्ची की मौत

कोलकाता : कोलकाता के नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (Nil Ratan Sircar Medical College and Hospital) के डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक एक दुर्लभ सर्जरी की. 11 महीने के बच्चे ने खेलते समय ब्लेड निगल ली थी, जिसे डॉक्टरों की टीम ने निकालकर उसकी जान बचाई (11 month old baby swallowed whole blade).

बच्चे की एक्सरा रिपोर्ट
बच्चे की एक्सरा रिपोर्ट

जब बच्चे दीपदास ने ब्लेड निगल लिया तो मुर्सिदाबाद का रहने वाला ये परिवार उसे बहरामपुर मेडिकल कॉलेज ले गया. वहां से बच्चे को नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज रिफर कर दिया गया. कोलकाता स्थित मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने शुक्रवार को जटिल सर्जरी की और बच्चे को बचा लिया. बच्चा अब पूरी तरह स्वस्थ है.

दीपदास की मां ने घटना के बारे में बताया 'गुरुवार की सुबह बच्चा अन्य बच्चों के साथ छत पर खेल रहा था फिर वह सो गया. हमने उसके पैर पर थोड़ा सा खून लगा देखा. शरीर के अन्य हिस्से पर भी थोड़ा खून दिखा. इस पर उसका मुंह खोलकर देखा तो उसके गले के अंदर ब्लेड थी. मैं उसकी पीठ थपथपाती रही ताकि खांसे और ब्लेड निकल जाए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. ब्लेड और नीचे खिसक गई.'

इसके बाद बच्चे को तुरंत स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका एक्स-रे किया गया, जिसमें उसके पेट में ब्लेड दिखी. इसके बाद उसे बहरामपुर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां से उन्हें कोलकाता के नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज और अस्पताल रेफर कर दिया गया. यहां गुरुवार शाम बच्चा भर्ती कराया गया था.

शुक्रवार को सर्जरी की गई. सर्जरी टीम का नेतृत्व बाल रोग विभाग के एमडी निरूप बिस्वास ने किया.उन्होंने बताया कि 'जब हमें बच्चा मिला, तो हमने अल्ट्रासोनोग्राफी की. हमने देखा कि पेट में ब्लेड फंसी थी. अगले दिन हमने ऑपरेशन करने का फैसला किया. बच्चो को पूरी तरह से बेहोश कर दिया गया था. हमें डर था कि पेट में बहुत तरल पदार्थ है इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना था कि इसमें कोई दिक्कत न हो.

डॉ. निरुप बिश्वास ने मंगलवार को ईटीवी भारत को बताया कि 'अगर यह बच्चे के पेट में प्रवेश करने से पहले अन्नप्रणाली में फंस गया होता, तो यह एक गंभीर समस्या होती. यह सर्जरी करीब 45 मिनट तक चली. अब बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है और कुछ दिनों में उसे अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी.'

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