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Wrestlers Protest : क्या है कुश्ती संघ विवाद और क्यों धरने पर बैठे खिलाड़ी, एक क्लिक में समझें

महिला पहलवान ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. सिंह ने इन आरोपों को गलत करार दिया है. वैसे, बृजभूषण सिंह को लेकर क्यों हो रहा है विवाद और क्या हैं इसके सियासी मायने, एक क्लिक में समझें पूरा विवाद.

wrestlers controversy
कुश्ती संघ विवाद
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Published : Apr 28, 2023, 2:32 PM IST

Updated : Apr 28, 2023, 3:05 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध जारी है. इस मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. दिल्ली पुलिस ने कहा कि वह एफआईआर दर्ज करेगी. खिलाड़ियों ने उनके इस्तीफे की मांग की है. प्रदर्शन स्थल पर बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, सरिता मोर, संगीता फोगाट, सोनम मलिक, अंशु मलिक और सत्यव्रत मलिक जैसे खिलाड़ी मौजूद हैं. आइए समझते हैं क्या है पूरा मामला-

सात महिला खिलाड़ियों ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने तुरंत एफआईआर दर्ज नहीं की. शिकायत 21 अप्रैल को कराई गई थी. खिलाड़ियों ने गंभीर आरोप लगाए हैं. यौन शोषण के भी आरोप लगे हैं. शिकायतकर्ताओं में एक नाबालिग भी है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की, इसका जवाब उन्हें देना होगा. इसी मामले पर पुलिस ने कहा कि वह एफआईआर दर्ज करने जा रही है.

क्या हैं आरोप - ओलंपिक पदक विजेता पहलवान विनेश फोगाट का आरोप है कि बृजभूषण सिंह ने महिला खिलाड़ियों का यौन शोषण किया है. फोगाट ने कहा कि उनके साथ कुछ भी नहीं हुआ है, लेकिन उनकी सहेली के साथ ऐसा हुआ है. फोगाट के अनुसार उनकी सहेली डरी हुई है. उन्होंने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि नेशनल कैंप लखनऊ में कई कोच हैं, उन्होंने भी महिला कुश्ती खिलाड़ियों का शोषण किया है. एक दूसरे पहलवान बजरंग पुनिया का आरोप है कि बृजभूषण सिंह किसी तानाशाह की तरह काम करते हैं, वे फेडरेशन को अपने तरीके से चला रहे हैं, जिससे खिलाड़ियों का मनोबल टूट रहा है.

क्या है बृजभूषण सिंह का पक्ष - बृजभूषण ने कहा है कि इन आरोपों में सच्चाई नहीं है. अगर कोई भी महिला खिलाड़ी सामने आती है और इन आरोपों को सच साबित कर देगी, तो वह सजा के लिए तैयार हैं. सभी आरोप किसी के इशारे पर लगाए जा रहे हैं. अगर जांच करानी है, तो आप सीबीआई या पुलिस किसी से भी जांच करवा सकते हैं. हमने कुछ नीतिगत परिवर्तन किए हैं, इसके तहत जो भी नेशनल चैंपियनशिप जीतेगा, वही इंटरनेशनल स्तर पर भाग ले सकेगा, इसलिए यह फैसला उन्हें अच्छा नहीं लग रहा है. (बृजभूषण सिंह की यह सफाई जनवरी 2023 में आई थी).

कौन हैं बृजभूषण सिंह और क्या है उनकी ताकत - बृजभूषण सिंह 2011 से ही कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष हैं. फरवरी 2019 में वह लगातार तीसरी बार चुने गए. वह कैसरगंज, यूपी से भाजपा सांसद हैं. वह सपा में भी रह चुके हैं. राम मंदिर आंदोलन के समय से ही बृजभूषण सिंह सुर्खियों में रहे हैं. तब वह गोंडा के छात्र नेता हुआ करते थे. आपराधिक पृष्ठभूमि के बावजूद भाजपा ने 1991 में सिंह को टिकट दिया और चुनाव जीत गए. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तब उन पर 34 आपराधिक मामले दर्ज थे.

ऐसा कहा जाता है कि यूपी के गोंडा, कैसरगंज, श्रावस्ती, बलरामपुर और डुमरियागंज संसदीय सीटों पर बृजभूषण सिंह का राजनीतिक प्रभाव है. इनमें से चार सीटों पर अभी भाजपा के सांसद हैं, जबकि एक सीट पर बसपा का कब्जा है. इलेक्शन एफिडेविट के अनुसार बृजभूषण सिंह के पास राइफल और पिस्टल है. पत्नी के पास भी एक राइफल और रिपीटर है. 1996 में बृजभूषण सिंह के खिलाफ टाडा में मामला दर्ज था. उस समय यह आरोप लगा था कि बृजभूषण सिंह का दाऊद इब्राहिम से संपर्क है. भाजपा ने तब उन्हें पार्टी से निकाल दिया. हालांकि, उसकी जगह पर भाजपा ने पत्नी को टिकट दे दिया.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तब अटल बिहारी वाजपेयी ने एक पत्र बृजभूषण सिंह को लिखा था. उन्होंने सिंह को वीर सावरकर से प्रेरणा लेने की बात कही थी. बाद में टाडा वाले मामले में वह बरी हो गए और वह फिर से भाजपा में शामिल हो गए. 2008 में बृजभूषण सिंह ने पार्टी लाइन को क्रॉस कर यूपीए सरकार का साथ दे दिया था. परमाणु डील वाले मामले पर अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग के दौरान ऐसा उन्होंने किया था. पार्टी ने उन्हें निकाल दिया. उसके बाद वह सपा में चले आए. लेकिन बाद में सपा छोड़कर फिर भाजपा का दामन थाम लिया. ऐसा कहा जाता है कि राजनाथ सिंह ने उसकी भाजपा में फिर से एंट्री करवाई थी.

  • #WATCH | PT Usha has been our icon. We felt hurt by what she said. I want to ask her - when her academy was being demolished and she had raised her concerns on social media, then was that not tarnishing India's image?: Olympian wrestler Bajrang Punia pic.twitter.com/X6P9xumba2

    — ANI (@ANI) April 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पूरे मामले पर किसने क्या कहा-

  1. विनेश फोगाट (विश्व कुश्ती चैंपियनशिप विजेता) - हम चाहते हैं कि जिस तरह से अमेरिका में 'ब्लैक लाइफ मैटर्स' मूवमेंट के दौरान सभी खिलाड़ी एक साथ आ गए थे, उसी तरह से भारत में भी सभी खिलाड़ी इस मौके पर साथ हों. हमे आश्चर्य लगता है कि हमें क्रिकेटर्स से लेकर दूसरे स्पोर्ट्स संगठन का साथ नहीं मिल रहा है, क्योंकि सभी डरे हुए हैं. वे नहीं चाहते हैं कि उनकी इमेज खराब हो और उनके स्पॉन्सर उन्हें छोड़ दें. वैसे ज्वाला गुट्टा और शिवकेशवन ने जरूर समर्थन दिया है. अभिनव बिंद्रा भी समर्थन में आए हैं.
  2. खेल मंत्री अनुराग ठाकुर - हम खिलाड़ियों के साथ हैं, हमने उनसे लंबी बातचीत की है. हम किसी भी हाल में खिलाड़ियों के हितों के साथ कोई भी समझौता नहीं करेंगे.
  3. पीटी उषा (आईओए अध्यक्ष)- खिलाड़ियों का प्रदर्शन अनुशासनहीनता के दायरे में आता है. उनकी जो भी शिकायतें हैं, उसे उचित फोरम पर उठाएं.
  4. बजरंग पुनिया (टोक्यो ओलंपिक पदक विजेता)- जब पीटी उषा की अकादमी तोड़ी गई थी, तब वह खुद रो रहीं थीं. इसलिए ऐसे मौकों पर उन्हें हमारा साथ देना चाहिए.
  5. ओलंपियन नीरज चोपड़ा- खिलाड़ियों को सड़क पर बैठे हुए देखकर दुख हो रहा है.
  6. कपिल देव (क्रिकेटर)- क्या इन लोगों को कभी इंसाफ मिल पाएगा ?
  7. उर्मिला मांतोडकर (अभिनेत्री)- खिलाड़ियों के साथ न्याय किया जाना चाहिए.
  8. हरियाणा कुश्ती संघ- फोगाट परिवार कुश्ती संघ पर कब्जा चाहता है, इसलिए यह प्रदर्शन हो रहा है.
  9. कुश्ती संघ एक स्वायत्त संस्था है. खेल मंत्रालय इस संस्था में दखल नहीं दे सकती है. हालांकि, खेल मंत्रालय ने शिकायत मिलने के बाद एक कमेटी बनाई थी. उसकी रिपोर्ट भी सौंपी जा चुकी है. इस रिपोर्ट का क्या हुआ, किसी भी खिलाड़ियों को कोई जानकारी नहीं है.

ये भी पढ़ें : Wrestlers Protest: प्रदर्शन का छठा दिन, बृजभूषण शरण के आपराधिक मामलों का लगा पोस्टर, नीरज चोपड़ा आए समर्थन में

नई दिल्ली : भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध जारी है. इस मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. दिल्ली पुलिस ने कहा कि वह एफआईआर दर्ज करेगी. खिलाड़ियों ने उनके इस्तीफे की मांग की है. प्रदर्शन स्थल पर बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, सरिता मोर, संगीता फोगाट, सोनम मलिक, अंशु मलिक और सत्यव्रत मलिक जैसे खिलाड़ी मौजूद हैं. आइए समझते हैं क्या है पूरा मामला-

सात महिला खिलाड़ियों ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने तुरंत एफआईआर दर्ज नहीं की. शिकायत 21 अप्रैल को कराई गई थी. खिलाड़ियों ने गंभीर आरोप लगाए हैं. यौन शोषण के भी आरोप लगे हैं. शिकायतकर्ताओं में एक नाबालिग भी है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की, इसका जवाब उन्हें देना होगा. इसी मामले पर पुलिस ने कहा कि वह एफआईआर दर्ज करने जा रही है.

क्या हैं आरोप - ओलंपिक पदक विजेता पहलवान विनेश फोगाट का आरोप है कि बृजभूषण सिंह ने महिला खिलाड़ियों का यौन शोषण किया है. फोगाट ने कहा कि उनके साथ कुछ भी नहीं हुआ है, लेकिन उनकी सहेली के साथ ऐसा हुआ है. फोगाट के अनुसार उनकी सहेली डरी हुई है. उन्होंने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि नेशनल कैंप लखनऊ में कई कोच हैं, उन्होंने भी महिला कुश्ती खिलाड़ियों का शोषण किया है. एक दूसरे पहलवान बजरंग पुनिया का आरोप है कि बृजभूषण सिंह किसी तानाशाह की तरह काम करते हैं, वे फेडरेशन को अपने तरीके से चला रहे हैं, जिससे खिलाड़ियों का मनोबल टूट रहा है.

क्या है बृजभूषण सिंह का पक्ष - बृजभूषण ने कहा है कि इन आरोपों में सच्चाई नहीं है. अगर कोई भी महिला खिलाड़ी सामने आती है और इन आरोपों को सच साबित कर देगी, तो वह सजा के लिए तैयार हैं. सभी आरोप किसी के इशारे पर लगाए जा रहे हैं. अगर जांच करानी है, तो आप सीबीआई या पुलिस किसी से भी जांच करवा सकते हैं. हमने कुछ नीतिगत परिवर्तन किए हैं, इसके तहत जो भी नेशनल चैंपियनशिप जीतेगा, वही इंटरनेशनल स्तर पर भाग ले सकेगा, इसलिए यह फैसला उन्हें अच्छा नहीं लग रहा है. (बृजभूषण सिंह की यह सफाई जनवरी 2023 में आई थी).

कौन हैं बृजभूषण सिंह और क्या है उनकी ताकत - बृजभूषण सिंह 2011 से ही कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष हैं. फरवरी 2019 में वह लगातार तीसरी बार चुने गए. वह कैसरगंज, यूपी से भाजपा सांसद हैं. वह सपा में भी रह चुके हैं. राम मंदिर आंदोलन के समय से ही बृजभूषण सिंह सुर्खियों में रहे हैं. तब वह गोंडा के छात्र नेता हुआ करते थे. आपराधिक पृष्ठभूमि के बावजूद भाजपा ने 1991 में सिंह को टिकट दिया और चुनाव जीत गए. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तब उन पर 34 आपराधिक मामले दर्ज थे.

ऐसा कहा जाता है कि यूपी के गोंडा, कैसरगंज, श्रावस्ती, बलरामपुर और डुमरियागंज संसदीय सीटों पर बृजभूषण सिंह का राजनीतिक प्रभाव है. इनमें से चार सीटों पर अभी भाजपा के सांसद हैं, जबकि एक सीट पर बसपा का कब्जा है. इलेक्शन एफिडेविट के अनुसार बृजभूषण सिंह के पास राइफल और पिस्टल है. पत्नी के पास भी एक राइफल और रिपीटर है. 1996 में बृजभूषण सिंह के खिलाफ टाडा में मामला दर्ज था. उस समय यह आरोप लगा था कि बृजभूषण सिंह का दाऊद इब्राहिम से संपर्क है. भाजपा ने तब उन्हें पार्टी से निकाल दिया. हालांकि, उसकी जगह पर भाजपा ने पत्नी को टिकट दे दिया.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तब अटल बिहारी वाजपेयी ने एक पत्र बृजभूषण सिंह को लिखा था. उन्होंने सिंह को वीर सावरकर से प्रेरणा लेने की बात कही थी. बाद में टाडा वाले मामले में वह बरी हो गए और वह फिर से भाजपा में शामिल हो गए. 2008 में बृजभूषण सिंह ने पार्टी लाइन को क्रॉस कर यूपीए सरकार का साथ दे दिया था. परमाणु डील वाले मामले पर अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग के दौरान ऐसा उन्होंने किया था. पार्टी ने उन्हें निकाल दिया. उसके बाद वह सपा में चले आए. लेकिन बाद में सपा छोड़कर फिर भाजपा का दामन थाम लिया. ऐसा कहा जाता है कि राजनाथ सिंह ने उसकी भाजपा में फिर से एंट्री करवाई थी.

  • #WATCH | PT Usha has been our icon. We felt hurt by what she said. I want to ask her - when her academy was being demolished and she had raised her concerns on social media, then was that not tarnishing India's image?: Olympian wrestler Bajrang Punia pic.twitter.com/X6P9xumba2

    — ANI (@ANI) April 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पूरे मामले पर किसने क्या कहा-

  1. विनेश फोगाट (विश्व कुश्ती चैंपियनशिप विजेता) - हम चाहते हैं कि जिस तरह से अमेरिका में 'ब्लैक लाइफ मैटर्स' मूवमेंट के दौरान सभी खिलाड़ी एक साथ आ गए थे, उसी तरह से भारत में भी सभी खिलाड़ी इस मौके पर साथ हों. हमे आश्चर्य लगता है कि हमें क्रिकेटर्स से लेकर दूसरे स्पोर्ट्स संगठन का साथ नहीं मिल रहा है, क्योंकि सभी डरे हुए हैं. वे नहीं चाहते हैं कि उनकी इमेज खराब हो और उनके स्पॉन्सर उन्हें छोड़ दें. वैसे ज्वाला गुट्टा और शिवकेशवन ने जरूर समर्थन दिया है. अभिनव बिंद्रा भी समर्थन में आए हैं.
  2. खेल मंत्री अनुराग ठाकुर - हम खिलाड़ियों के साथ हैं, हमने उनसे लंबी बातचीत की है. हम किसी भी हाल में खिलाड़ियों के हितों के साथ कोई भी समझौता नहीं करेंगे.
  3. पीटी उषा (आईओए अध्यक्ष)- खिलाड़ियों का प्रदर्शन अनुशासनहीनता के दायरे में आता है. उनकी जो भी शिकायतें हैं, उसे उचित फोरम पर उठाएं.
  4. बजरंग पुनिया (टोक्यो ओलंपिक पदक विजेता)- जब पीटी उषा की अकादमी तोड़ी गई थी, तब वह खुद रो रहीं थीं. इसलिए ऐसे मौकों पर उन्हें हमारा साथ देना चाहिए.
  5. ओलंपियन नीरज चोपड़ा- खिलाड़ियों को सड़क पर बैठे हुए देखकर दुख हो रहा है.
  6. कपिल देव (क्रिकेटर)- क्या इन लोगों को कभी इंसाफ मिल पाएगा ?
  7. उर्मिला मांतोडकर (अभिनेत्री)- खिलाड़ियों के साथ न्याय किया जाना चाहिए.
  8. हरियाणा कुश्ती संघ- फोगाट परिवार कुश्ती संघ पर कब्जा चाहता है, इसलिए यह प्रदर्शन हो रहा है.
  9. कुश्ती संघ एक स्वायत्त संस्था है. खेल मंत्रालय इस संस्था में दखल नहीं दे सकती है. हालांकि, खेल मंत्रालय ने शिकायत मिलने के बाद एक कमेटी बनाई थी. उसकी रिपोर्ट भी सौंपी जा चुकी है. इस रिपोर्ट का क्या हुआ, किसी भी खिलाड़ियों को कोई जानकारी नहीं है.

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Last Updated : Apr 28, 2023, 3:05 PM IST
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