चेन्नई : यूं तो हाथी एक मस्तमौला जानवर होता है और वह मानव की बहुत से कामों में मदद भी करता है. लेकिन क्या आपने कभी ऐसे हाथी के बारे में सुना या देखा है, जो नर तो है, पर उसके दांत नहीं हैं. सही पढ़ा आपने, ऐसा वयस्क नर हाथी जिनके दांत नहीं होते हैं, मैग्ना हाथी कहा जाता है. वे तमिलनाडु में ज्यादा पाए जाते हैं. आपको बता दें कि सामान्य तौर पर जिन हाथियों के दांत होते हैं, वो नर हाथी होते हैं और जिनके दांत नहीं होते हैं वो हाथी मादा होते हैं. लेकिन मैग्ना हाथी, ऐसा हाथी है जो नर तो है लेकिन उसके दांत नहीं हैं.
काफी आक्रमक होते हैं मैग्ना हाथी : मैग्ना हाथी यूं तो शांत स्वभाव के होते हैं, लेकिन जब कोई मैग्ना हाथी किसी मादा हाथी की ओर आकर्षित होता है और उसका मिलन नहीं हो पाता है, तो वह काफी आक्रमक हो जाता है. और एक बार जब वह आक्रामक हो गया, तो उसे कंट्रोल करना मुश्किल होता है. आक्रमक होने के बाद हाथी बेकाबू हो जाता है और काफी तबाही मचाता है. ऐसे में वन विभाग के अधिकारियों को हाथी पर काबू पाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. जानकार बताते हैं कि ऐसा टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की वजह से होता है. यह हार्मोन गुस्से को और अधिक बढ़ा देता है. जब भी हाथी गुस्से में होता है, तो वह कान को बार-बार हिलाता है. सूंढ़ को ऊपर-नीचे करता है. उसके पैरों की हरकतें बढ़ जाती हैं. उस वक्त वे पेड़ों को तोड़ सकते हैं, घरों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
मादा हाथी, टस्कर यानी जिन हाथियों के दांत होते हैं, उसके प्रति ज्यादा आकर्षित होते हैं. मैग्ना के लिए यह बहुत ही मुश्किल स्थिति होती है, क्योंकि मादा हाथी उसकी ओर आकर्षित नहीं होते हैं. इस वजह से मैग्ना और अधिक आक्रामक हो जाता है. जब भी हाथी मस्त अवस्था में होता है, वह प्रजनन के लिए मादा हाथियों की खोज में निकल पड़ता है. उसे अपनी ओर आकर्षित करने के लिए वह एक गंधयुक्त लिक्विड छोड़ता है. या आप कह सकते हैं कि यह मूत्र की फुहार होती है. हाथियों को जब मादा हाथियों के ऊपर अपनी बादशाहत कायम करनी होती है, तो उसके पास दांत रहे या न रहे, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. दांत वाले हाथी सामने आ जाए, फिर भी मैग्ना उस पर भारी पड़ सकता है, क्योंकि उस समय उसका हार्मोन लेवल बहुत अधिक बढ़ जाता है. मैग्ना हाथी की यही खासियत होती है. इसे मखणा हाथी भी कहा जाता है. पर, मैग्ना हाथियों के गुस्से की वजह मादा हाथी होती है, जो उसकी ओर ध्यान नहीं देती है.
तमिलनाडु और उसके आसपास के इलाकों में आजकल मैग्ना हाथियों के आतंक की कई खबरें सामने आ रहीं हैं. वन विभाग के अधिकरियों से मिली जानकारी के मुताबिक तमिलनाडु के कृष्णागिरी और धर्मपुरी में जंगलों से निकलकर हाथी भोजन और पानी की तलाश में ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवेश कर रहे हैं. पिछले कुछ महीनों से मैग्ना हाथी फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है. बीते 5 फरवरी को वन विभाग ने कुमकी हाथी (पालतू हाथी) की मदद से धर्मपुरी के पालाकोड में पेरियूर ईचमपल्लम इलाके में मैग्ना हाथी को एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर पकड़ा था. एक मार्च को तमिलनाडु के कोयंबटूर में मैग्ना हाथी फसलों को नुकसान पहुंचाते नजर आया. जब वन विभाग ने उसे भगाने का प्रयास किया तो वह ट्रैन ट्रैक पर चढ़ गया, तभी ट्रेन आ गई लेकिन गनीमत रही कि हाथी ट्रेन से टकराने से बाल-बाल बच गया. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायल हुआ है.
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