हैदराबाद : सुपर मून, ब्लड मून और पूर्ण चंद्र ग्रहण के बाद अब आकाश में सूर्य ग्रहण दिखेगा. 10 जून 2021 को सूर्य ग्रहण लगेगा. गुरुवार का दिन है. ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या है.
इसका समय है - दोपहर 01.42 बजे से शाम 06.41 बजे तक.
यह साल का पहला सूर्य ग्रहण है. वृषभ राशि में लग रहा है. जाहिर है, इन राशि वालों को विशेष सावधानी की जरूरत है.
भारत में इसे आंशिक रूप से ही देखा जा सकेगा. अरुणाचल प्रदेश से इसे देखा जा सकेगा.
उत्तरी अमेरिका, कनाडा, यूरोप, रूस और कनाडा में इसे पूरा देखा जा सकेगा.
इस बार सूतक नहीं लगेगा. आंशिक सूर्य ग्रहण लगने की वजह से सूतक के नियम लागू नहीं होंगे. जब भी पूर्ण सूर्य ग्रहण होता है, तब सूतक के नियम लागू होते हैं. यह ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है.
आंशिक ग्रहण होने के वजह से मंदिरों के कपाट भी बंद नहीं होंगे.
10 जून को लगने वाले सूर्य ग्रहण को 'रिंग ऑफ फायर' भी कहा जा रहा है. ऐसा तभी होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आता है. इसे 'खंडग्रास' भी कहते हैं.
रिंग ऑफ फायर क्यों
दरअसल, वलयाकार सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी से सबसे दूर होता है. ग्रह से इसकी दूरी के कारण, चंद्रमा सूर्य के प्रकाश को पूरी तरह से अवरुद्ध करने में असमर्थ है. इसलिए सूर्य का प्रकाश चंद्रमा के चारों ओर बने 'रिंग ऑफ फायर' के रूप में प्रकट होता है.
इस साल दूसरा सूर्यग्रहण चार दिसंबर को लगेगा.
सूर्य ग्रहण क्या होता है
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है. जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आता है, तो इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है. चंद्रमा के बीच में आ जाने से कुछ समय के लिए हमें सूर्य दिखाई नहीं देता है. या दिखाई देगा, तो वह आंशिक रूप से दिखाई देगा. चंद्रमा सूर्य की कुछ या पूरी रोशनी रोक लेता है, जिससे धरती पर साया फैल जाता है. यह घटना अमावस्या को ही होती है.