नई दिल्ली: 76वें स्वतंत्रता दिवस (75th Independence Day) के मौके पर इस बार लाल किले (Red Fort) पर आजादी का जश्न बेहद खास रहा. लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 9वीं बार देश के नाम संबोधन दिया, साथ ही इस साल पहली बार स्वदेशी गन से 21 तोपों की सलामी भी दी गई.
जानकारी के मुताबिक स्वतंत्रता दिवस समारोह की शुरुआत सुबह 6 बजकर 55 मिनट पर होगी जब सेना के दिल्ली एरिया के जीओसी का आगमन हुआ. इसके बाद रक्षा सचिव पहुंचे और फिर तीनों सेना यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना का प्रमुख. ठीक 7 बजकर 8 मिनट पर रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट का आगमन और 7 बजकर 11 मिनट पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे. घड़ी में 7 बजकर 18 मिनट होते ही लाल किले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन हुआ. लाल किले से पहले पीएम राजघाट पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित किया.
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#WATCH | Made in India ATAGS howitzer firing as part of the 21 gun salute on the #IndependenceDay this year, at the Red Fort in Delhi. #IndiaAt75
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(Source: DRDO) pic.twitter.com/UmBMPPO6a7
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पीएम मोदी को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
लाल किले पर पहुंचते ही पीएम को तीनों सेनाओं की टुकड़ियों का गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. ठीक 7 बजकर 30 मिनट पर पीएम लाल ने किले पर ध्वजारोहण किया. इसके तुरंत बाद राष्ट्रगान हुआ और 21 तोपों की सलामी दी गई.
21 तोपों की सलामी में स्वदेशी गन
आजादी के 75 साल बाद पहली बार ऐसा हुआ कि 21 तोपों की सलामी में कोई स्वदेशी आर्टेलरी गन भी शामिल हुई. अभी तक द्वितीय विश्वयुद्ध की ब्रिटिश पाउंडर-गन से 21 तोपों की सलामी दी जाती आई थी. पहली बार इस साल लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रधानमंत्री को 21 तोपों की सलामी स्वदेशी आर्टेलरी गन, 'अटैग' से दी गई.
स्वदेशी गन की खासियत
इस साल लाल किले पर 21 तोपों की सलामी में छह ब्रिटिश पाउंडर गन के साथ एक स्वदेशी अटैग तोप भी शामिल हुई. एडवांस टोअड आर्टेलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस या अटैग सिस्टम) को डीआरडीओ ने टाटा और भारत-फोर्ज कंपनियों के साथ मिलकर तैयार किया है. 155 x 52 कैलिबर की इस एटीएजीएस तोप की रेंज करीब 48 किलोमीटर है और जल्द ही भारतीय सेना के तोपखाने का हिस्सा बनने वाली है. साल 2018 में रक्षा मंत्रालय ने थलसेना के लिए 150 अटैग गन खरीदने की मंजूरी दी थी. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक लाल किले में असली गन से फायर सेरोमोनियल ही होगा. इसके लिए तोप की आवाज और गोले को 'कस्टेमाइज' किया गया है.
पीएम का देश के नाम संबोधन
ध्वाजारोहण और राष्ट्रगान के बाद यानी 7 बजकर 33 मिनट पर पीएम का देश के नाम संबोधन हुआ. पिछले 8 सालों से पीएम का भाषण 90 मिनट के आसपास रहता आया है. पीएम अपने भाषण में कृषि, रक्षा, बिजनेस, अर्थव्यवस्था, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और कूटनीति जैसे ज्वलंत मुद्दों पर बोलते आए हैं. पीएम के संबोधन के दौरान मंत्रिमंडल के सदस्यों के अलावा सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायधीश, दिल्ली के मुख्यमंत्री और विदेशी राजनयिक मौजूद रहेंगे.
समाज के वंचित लोगों को भी निमंत्रण
गणतंत्र दिवस की तरह ही इस साल पहली बार लाल किले पर समाज के उन वंचित लोगों को भी आमंत्रित किया गया है जिन्हें हमेशा से अनदेखा किया गया है. मोर्चरी वर्कर्स, स्ट्रीट वेंडर्स, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, मुद्रा लोन लाभार्थियों को भी कार्यक्रम में बुलाया गया हैं. केंद्र सरकार के तीन मंत्रालयों को ऑनलाइन आमंत्रण भेजा गया है.
14 देशों के एनसीसी कैडेट्स भी होंगे शामिल
इसके अलावा पहली बार यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत 14 देशों के चुने हुए एनसीसी कैडेट्स समारोह में हिस्सा लेंगे. 14 देशों के करीब 126 युवा कैड्ट्स इस साल लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. जिन देशों के कैडेट्स भारत पहुंचे हैं उनमें मॉरीशस, अर्जेंटीना, ब्राजील, क्रिगिस्तान, उज्बेकिस्तान, यूएई, इंग्लैंड, अमेरिका, मालदीव, नाईजेरिया, फिजी, इंडोनेशिया, सेशेल्स और मोजांबिक शामिल हैं.
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इसके अलावा और क्या होगा खास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ध्वजारोहण में मदद भारतीय वायुसेना की स्कावड्रन लीडर सुमिता यादव करेंगी.
इस साल लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम को कराने के लिए कोर्डिनेटिंग-सर्विस भारतीय वायुसेना है.
गार्ड ऑफ ऑनर में थलसेना, वायुसेना और नौसेना की तीन-तीन टुकड़ियों में 20-20 जवान और एक-एक ऑफिसर रहेंगे. गार्ड ऑफ ऑनर में दिल्ली पुलिस की भी एक टुकड़ी रहेगी. चारों टुकड़ियों का एक-एक कमांडर होगा और गार्ड ऑफ ऑनर की कमान वायुसेना के विंग कमांडर कुनाल खन्ना के हवाले होगी.
सेना के दिल्ली-एरिया के जीओसी, लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा होंगे जो पूरे कार्यक्रम के सबसे बड़े मिलिट्री कमांडर होंगे.
लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह कराने की जिम्मेदारी, रक्षा सचिव, अजय कुमार की होगी.
झंडा फहराने के तुरंत बाद वायुसेना के दो मी-17 1वी हेलीकॉप्टर आसमान से लाल किले पर फूलों की बरसात करेंगे. इन मी-17 हेलीकॉप्टर के पीछे दो ध्रुव हेलीकॉप्टर होंगे.