हैदराबाद : चाय की उत्पत्ति 5000 वर्षों से भी अधिक पुरानी है, लेकिन स्वास्थ्य, संस्कृति और सामाजिक-आर्थिक विकास में इसका योगदान आज भी उतना ही प्रासंगिक है. चाय वर्तमान में बहुत स्थानीय क्षेत्रों में उगाई जाती है. छोटे किसानों और उनके परिवारों सहित 13 मिलियन से अधिक लोगों की आजीविका चाय पर निर्भर है.
चाय उत्पादन और प्रसंस्करण लाखों परिवारों के लिए आजीविका का साधन है. विकसित देशों के लाखों लोग चाय से जुड़े व्यवसाय में लगे हैं. बड़े पैमाने पर चाय का उत्पादन और निर्यात करने वाले देशों के लिए अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में ये काफी मददगार है. चाय की पैदावार के लिए जलवायु का अच्छा होना बहुत जरूरी है.
चाय के बारे में रोचक तथ्य
- चाय दुनिया के सबसे पुराने पेय पदार्थों में से एक है, और पानी के बाद दुनिया में सबसे अधिक पिया जाने वाला पेय है.
- दुनिया भर में चाय की प्रति व्यक्ति खपत में पिछले एक दशक में प्रति वर्ष 2.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
- विश्व की 60 प्रतिशत चाय उत्पादन के लिए छोटे मालिक जिम्मेदार हैं.
- चाय चार मुख्य उत्पादक देशों (चीन, भारत, श्रीलंका और केन्या) में 9 मिलियन छोटे किसानों की आजीविका का समर्थन करती है.
- वैश्विक चाय उत्पादन 17.0 अरब डॉलर से अधिक का है.
लाखाें परिवार की आजीविका का साधन
चाय उत्पादन और व्यापार दुनिया के कई हिस्सों में आजीविका, खाद्य सुरक्षा और आय में योगदान करते हैं, खासकर कुछ सबसे गरीब ग्रामीण क्षेत्रों में. चाय कई किस्मों में उपलब्ध है, जो लागू ऑक्सीकरण और किण्वन तकनीक के अनुसार भिन्न होती है. चाय की खेती लाखों छोटे जोत वाले उत्पादकों को रोजगार और आय प्रदान करती है, जो कई देशों में बड़े चाय बागानों के उत्पादन को पूरक या प्रतिस्थापित कर रहे हैं. उत्पादित चाय का तीन चौथाई घरेलू स्तर पर खपत होता है.
चाय व्यापक रूप से व्यापार और निर्यात की जाने वाली वस्तु है. पिछले दशकों में उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या के कारण वैश्विक चाय उद्योग ने तेजी से प्रगति की है. प्रमुख उत्पादक देशों में चाय की खपत में वृद्धि के बावजूद, प्रति व्यक्ति खपत कम बनी हुई है, यह दर्शाता है कि इन देशों में अभी भी काफी विकास क्षमता है. चाय पीने से एंटी-इंफ्लेमेटरी से लेकर एंटीऑक्सिडेंट और वजन घटाने के प्रभाव तक कई स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं.
चीन, कोरिया और जापान में एफएओ द्वारा वैश्विक रूप से महत्वपूर्ण कृषि विरासत प्रणाली के रूप में नामित 4 चाय की खेती के स्थल हैं.
उत्पादन पर लॉकडाउन का पड़ा असर
2020 में कोरोना महामारी और लॉकडाउन का असर चाय की खेती और व्यापार पर पड़ा है. हालांकि निर्यात भले ही प्रभावित हुआ लेकिन घरेलू खपत में वृद्धि हुई है. लॉकडाउन के पहले हफ्तों के दौरान घरेलू चाय की बिक्री में वृद्धि हुई.
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कुछ उपभोग करने वाले देशों में 75 प्रतिशत की वृद्धि हुई. लोगों और पर्यावरण दोनों के लिए लाभ सुनिश्चित करने के लिए, चाय की मूल्य श्रृंखला खेत से लेकर कप तक सभी चरणों में टिकाऊ होनी चाहिए.