नई दिल्ली : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कानूनी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. मैनहटन की ग्रैंड ज्यूरी ने पोर्न स्टार मामले में उनके खिलाफ आरोप तय करने पर अपनी सहमति दे दी है. उन पर पोर्न स्टार को 1.30 लाख डॉलर पेमेंट करने का आरोप है, जिसे ट्रंप ने बतौर लीगल फीस दिखा दी थी. आपको बता दें कि अमेरिका में ग्रैंड ज्यूरी का मतलब होता है- नागरिकों का एक ग्रुप जो किसी भी व्यक्ति पर लगे आरोपों के आधार की जांच करते हैं. इसके बाद यह मामला अदालत में चला जाएगा. आइए समझते हैं क्या है पूरा मामला.
2006 में डोनाल्ड ट्रंप और स्टॉर्मी डेनियल्स की मुलाकात हुई थी. तब ट्रंप 60 साल के थे. नेवाडा के गोल्फ टूर्नामेंट कार्यक्रम के दौरान दोनों मिले थे. ट्रंप उस समय रियलिटी शो 'द अप्रैंटिस' के स्टार थे. बिजनेस की काबिलियत रखने वाले प्रतिभागियों का यह शो था. डेनियल्स के अनुसार ट्रंप ने उन्हें एक होटल में डिनर के लिए बुलाया. उसके बाद ट्रंप ने कहा कि वह अपने शो पर उसे अपना गेस्ट बनाना चाहते हैं. इसके बाद दोनों ने आंतरिक संबंध भी बनाए. हालांकि, ट्रंप ने इन आरोपों से इनकार किया.
डेनियल्स के अनुसार इसके बाद ट्रंप अक्सर उन्हें बुलाते थे और उनका नाम 'हनीबंच' रख दिया गया था. हालांकि, 2007 के बाद उन दोनों के बीच कभी मुलाकात नहीं हुई. ट्रंप ने उन्हें अपने शो पर भी नहीं बुलाया. 2011 में ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर विचार शुरू कर दिया था. अपने रिश्तों ने नाराज डेनियल्स ने इस खबर के बाद अपने संबंधों को सार्वजनिक करने का फैसला किया, ताकि उनकी स्टोरी बिक सके. उन्होंने एक एजेंट के जरिए 15 हजार डॉलर में बात की. लाइफ एंड स्टाइल मैगजीन के साथ डील हुई. उसे इंटरव्यू दिया और लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए भी तैयार हो गई. लेकिन जैसे ही इस स्टोरी की जानकारी ट्रंप की टीम को लगी, कहा जाता है कि उनकी ओर से माइकल कोहेन ने कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी. यह खबर प्रकाशित नहीं हुई. ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का फैसला भी त्याग दिया और फिर से अपने शो 'द अप्रैंटिस' पर फोकस किया.
इसी बीच 2011 अक्टूबर में डेनियल्स के एक एजेंट गिना रोड्रिग्ज ने अपने ब्लॉग 'द डर्टी' में इस कहानी का एक हिस्सा लीक कर दिया. लेकिन डेनियल्स ने इस स्टोरी को झूठा बता दिया और बाद में रोड्रिग्ज को अपना पोस्ट भी हटाना पड़ा.
2016 में ट्रंप राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके थे. डेनियल्स के एजेंट ने फिर से 'द नेशनल एनक्वॉयरर' को अप्रोच किया. लेकिन इस मीडिया ने इस आधार पर स्टोरी को छापने से मना कर दिया कि डेनियल्स पहले ही इस स्टोरी को नकार चुकी हैं.
सात अक्टूबर 2016, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से ठीक एक महीना पहले, वाशिंगटन पोस्ट ने एक्सेस हॉलीवुड नाम से एक स्टोरी छापी. इसमें उन्होंने ट्रंप को लूज कमेंट करते हुए दिखाया गया था. उस कमेंट में ट्रंप ने स्वीकार किया था कि वह महिला को किस तरह से टच कर रहे थे. उसके बाद इसका भी खुलासा हुआ कि ट्रंप ने अपनी पत्नी के साथ धोखा किया, वह एक पोर्न स्टार के संपर्क में रहे. इन घटनाओं ने डेनियल्स को फिर से इस मुद्दा को उठाने का बहाना दे दिया.
डेनियल्स के एजेंट ने फिर से एनकॉयरर से बात की. एनकॉयरर के प्रकाशक ने ट्रंप की स्टोरी को खरीदने का भरोसा दिया. लेकिन एनकॉयरर के प्रकाशक ट्रंप के मित्र थे. उन्होंने डेनियल्स को पेमेंट नहीं किया. बल्कि उन्होंने डेनियल्स की डील एक वकील से करवाई. वह ट्रंप के वकील थे. यह समझौता हुआ कि वह इस स्टोरी को सार्वजनिक नहीं करेंगी. जिसके लिए उन्हें 130000 डॉलर दिया जाएगा. एक शेल कंपनी के जरिए पैसे दिए गए. ट्रंप जब राष्ट्रपति बन गए, तो ट्रंप और उनकी कंपनी ने कोहेन को इस हश मनी का पेमेंट कर दिया और इसे लीगल फीस दिखा दिया.
अमेरिकी कानून के मुताबिक यह मामला डॉक्यूमेंट्स के हेरफेर का है, इसलिए इसे एक आपराधिक मुकदमे के तौर पर चलाया जाएगा.
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