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Women's Asian Champions Trophy 2023: हाथियों की कुल माता को बनाया गया शुभंकर, जानिए बेतला की हथिनी जूही क्यों है खास

झारखंड की राजधानी रांची में विमेंस एशियन चैंपियनशिप ट्रॉफी 2023 का आयोजन चल रहा है. इस चैंपियनशिप में जूही हथिनी को शुभंकर बनाया गया है. क्या आपको पता है कि जूही हथिनी है कौन? और उसे हाथियों की कुल माता क्यों कहा जाता है? इसके बारे में विस्तार से जानते हैं. Mascot of Women's Asian Champions Trophy 2023

Womens Asian Champions Trophy 2023
Womens Asian Champions Trophy 2023
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 30, 2023, 4:07 PM IST

Updated : Oct 30, 2023, 4:55 PM IST

पलामू: झारखंड में हॉकी का क्रेज किसी से छिपा नहीं है. इसी को देखते हुए झारखंड में विमेंस एशियन चैंपियनशिप का आयोजन किया गया है. इस चैंपियनशिप का शुभंकर एक हथिनी को बनाया गया है. यह हथिनी पलामू के बेतला नेशनल पार्क की है. इस हथिनी का नाम जूही है. जूही को 1981 में खरीदा गया था, आज जूही 68 साल की है.

यह भी पढ़ें: Womens Asian Champions Trophy 2023: रांची में हॉकी का रोमांच, मलेशिया और थाईलैंड को पहली जीत का इंतजार, भारत की चीन से होगी टक्कर

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार के राज्यपाल एआर किदवई जूही की सवारी कर चुके हैं. जूही को शुभंकर बनाये जाने से पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क क्षेत्र में काफी उत्साह है. इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं.

पलामू टाइगर रिजर्व भी जूही को लेकर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. जूही को पलामू, गढ़वा, लातेहार, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा और आसपास के हॉकी खिलाड़ियों को दिखाया जा रहा है. जूही को देखने के लिए बड़ी संख्या में हॉकी खिलाड़ी आ रहे हैं और उनके साथ तस्वीरें खिंचवा रहे हैं.

पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रदेशकांत जेना ने बताया कि बेतला नेशनल पार्क की हथिनी जूही को एशियाई महिला चैंपियनशिप का शुभंकर बनाया गया है. जूही के बारे में स्थानीय हॉकी खिलाड़ियों को बताया जा रहा है. बेतला नेशनल पार्क इलाके में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाए गए हैं.

1981 में जूही को बिहार से लाया गया था: 1981 में जूही को बिहार के सीतामढ़ी से खरीदकर बेतला नेशनल पार्क लाया गया था. इसका महावत इमामुद्दीन पलामू के चैनपुर के रहने वाले हैं जबकि अब्दुल जोहा बरवाडीह के बेतला के रहने वाले हैं. 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने हाथियों के व्यावसायिक इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. उससे पहले सुबह छह से आठ बजे तक पर्यटकों को हाथी पर घुमाया जाता था. पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारियों का कहना है कि जूही का स्वभाव शुरू से ही शांत रहा है. किसी भी हिंसक जंगली जीव के सामने आने पर वह अपनी सूंड हिलाकर उसकी उपलब्धता की जानकारी देती है.

पलामू: झारखंड में हॉकी का क्रेज किसी से छिपा नहीं है. इसी को देखते हुए झारखंड में विमेंस एशियन चैंपियनशिप का आयोजन किया गया है. इस चैंपियनशिप का शुभंकर एक हथिनी को बनाया गया है. यह हथिनी पलामू के बेतला नेशनल पार्क की है. इस हथिनी का नाम जूही है. जूही को 1981 में खरीदा गया था, आज जूही 68 साल की है.

यह भी पढ़ें: Womens Asian Champions Trophy 2023: रांची में हॉकी का रोमांच, मलेशिया और थाईलैंड को पहली जीत का इंतजार, भारत की चीन से होगी टक्कर

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार के राज्यपाल एआर किदवई जूही की सवारी कर चुके हैं. जूही को शुभंकर बनाये जाने से पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क क्षेत्र में काफी उत्साह है. इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं.

पलामू टाइगर रिजर्व भी जूही को लेकर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. जूही को पलामू, गढ़वा, लातेहार, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा और आसपास के हॉकी खिलाड़ियों को दिखाया जा रहा है. जूही को देखने के लिए बड़ी संख्या में हॉकी खिलाड़ी आ रहे हैं और उनके साथ तस्वीरें खिंचवा रहे हैं.

पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रदेशकांत जेना ने बताया कि बेतला नेशनल पार्क की हथिनी जूही को एशियाई महिला चैंपियनशिप का शुभंकर बनाया गया है. जूही के बारे में स्थानीय हॉकी खिलाड़ियों को बताया जा रहा है. बेतला नेशनल पार्क इलाके में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाए गए हैं.

1981 में जूही को बिहार से लाया गया था: 1981 में जूही को बिहार के सीतामढ़ी से खरीदकर बेतला नेशनल पार्क लाया गया था. इसका महावत इमामुद्दीन पलामू के चैनपुर के रहने वाले हैं जबकि अब्दुल जोहा बरवाडीह के बेतला के रहने वाले हैं. 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने हाथियों के व्यावसायिक इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. उससे पहले सुबह छह से आठ बजे तक पर्यटकों को हाथी पर घुमाया जाता था. पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारियों का कहना है कि जूही का स्वभाव शुरू से ही शांत रहा है. किसी भी हिंसक जंगली जीव के सामने आने पर वह अपनी सूंड हिलाकर उसकी उपलब्धता की जानकारी देती है.

Last Updated : Oct 30, 2023, 4:55 PM IST
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