कोलकाता : भाजपा ने कोलकाता नगर निगम (KMC election) के सभी 144 वार्डों में दोबारा मतदान कराने की मांग की है. भाजपा, वाम मोर्चा और कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस द्वारा बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया है. पार्टियों ने चुनाव के दौरान आंखें मूंदने के लिए राज्य चुनाव आयोग और पुलिस की भूमिका की कड़ी आलोचना की है.
मामले में राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मिलने के बाद विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि पुलिस टीएमसी की कैडर है. पुलिस को ममता बनर्जी का निर्देश था कि खाली हाथ रहो और टीएमसी के गुंडों का संरक्षण करो. 30-40% बाहर के वोटर लेकर मतदान हुआ है. उन्होंने कहा कि टीएमसी के एक-एक गुंडे ने 8 से 10 वोट दिए. चुनाव अमान्य किया जाए, हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं. हम कोर्ट में सबूत जमा करने के लिए तैयार हैं.
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस प्रकरण में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सवाल खड़े किए हैं.
इससे पहले भाजपा ने इस संबंध में एक वीडियो भी जारी किया. वीडियो में देखा जा सकता है कि पश्चिम बंगाल भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्य चुनाव आयुक्त कार्यालय पहुंचे. पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) शुभेंदु अधिकारी ने केएमसी चुनाव में पुनर्मतदान की मांग को लेकर राज्य चुनाव आयुक्त कार्यालय के अंदर धरना भी धरना.
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#WATCH | West Bengal LoP Suvendu Adhikari with BJP delegation in a sit-in strike inside the State Election Commissioner Office
— ANI (@ANI) December 19, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
(Source: BJP) pic.twitter.com/2gMJ42hUxB
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हाल ही में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी अपने घर से बाहर आने की कोशिश कर रहे थे. इस दौरान पुलिस ने अधिकारी और बैरकपुर के सांसद अर्जुन सिंह सहित कई बीजेपी विधायकों के बाहर निकलने पर रोक लगा दी थी. जिसको लेकर कई भाजपा नेताओं की पुलिस के साथ तीखी नोकझोंक हुई थी. मामले में पुलिस ने कहा था कि उनके पास उन्हें बाहर नहीं जाने देने का आदेश था क्योंकि चुनाव समाप्त होने से पहले उनकी कोलकाता नगर क्षेत्र में प्रवेश करने की योजना थी.
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इस बीच, वाम मोर्चा ने केएमसी चुनावों के दौरान इस रवैये के खिलाफ राज्य भर में सोमवार और मंगलवार को विरोध में रैलियां आयोजित करने का फैसला किया है. कई वार्डों में पुनर्मतदान की मांग को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता पहले ही राज्य चुनाव आयोग कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर चुके हैं.
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